लखनऊ। अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने 100 से ज्यादा गवाहियों के आधार पर अपनी जांच रिपोर्ट तैयार की है।
उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में चर्चा का विषय बने कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव कांड की रिपोर्ट SIT ने सरकार को सौंप दी है। 9 बिंदुओं को लेकर की गई जांच रिपोर्ट लगभग साढ़े तीन हजार पन्नों की है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इसमें 80 के लगभग वरिष्ठ और जूनियर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शामिल है। जबकि SIT ने 30 के खिलाफ प्रशासनिक सुधार की संस्तुति की है। इनमे पुलिस, प्रशासनिक और अन्य विभाग के अधिकारियों की अंतरलिप्ता मुख्य आधार रहा है। अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने 100 से ज्यादा गवाहियों के आधार पर अपनी जांच रिपोर्ट तैयार की है।
31 अक्टूबर को सौंपी जानी थी रिपोर्ट
12 जुलाई को SIT ने अपनी जांच शुरू की जिसको 16 अक्टूबर को पूरा किया। SIT को 31 जुलाई, 2020 को अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपनी थी, लेकिन गवाहियों का आधार बढ़ने के कारण रिपोर्ट को 16 अक्टूबर को पूरा किया जा सका।
क्या है पूरा मामला
कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में इसी वर्ष दो-तीन जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला बोल गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इसके बाद से विकास दुबे अपने गैंग के साथ फरार हो गया। सरकार को हिला देने वाली इस घटना के बाद से पुलिस ने इस केस में 21 नामजद आरोपियों में विकास दुबे सहित छह को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। जबकि चार को गिरफ्तार किया था। इस कांड की जांच 11 जुलाई को एसआइटी को सौंपी गई थी और 31 जुलाई को सरकार ने रिपोर्ट की अपेक्षा की थी। एसआईटी का गठन अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में किया गया है। इसमें अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उप महानिरीक्षक जे रवींद्र गौड़ को सदस्य बनाया गया है।