– अब हर 5 में से 1 हार्ट अटैक का मरीज़ 40 साल से कम उम्र का

12 year old child dies of heart attack, DDC: हार्ट अटैक को बूढ़ों की बीमारी माना जाता था और 40 की उम्र से कम वालों को हार्ट अटैक पर हैरानी जताई जाती थी। अब गुजरात से जो मामला सामने आया है, उसने लोगों और स्वास्थ्य विभाग को बेचैन कर दिया है। गुजरात का ये बच्चा 6वीं क्लास का छात्र था और हार्ट अटैक की वजह से उसकी मौत हो गई।

गुजरात के ये बच्चा महज 12 साल का था। इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक के खतरे ने सभी को चिंता में डाल दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण हार्ट की दिक्कतें काफी तेजी से बढ़ी हैं। कोरोना के जोखिमों ने इसे और गंभीर बना दिया है।

कुछ दशकों पहले तक हृदय रोग और हार्ट अटैक जैसी दिक्कतों को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या के रूप में जाना जाता था, पर अब कम उम्र के लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक द्वारका और राजकोट में पिछले दिनों क्रमश: एक 12 वर्षीय और 20 साल के लड़के की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताते हुए कहा, कम उम्र के लोगों में बढ़ती हृदय रोगों की समस्या काफी गंभीर हो सकती है। कुछ वर्षों पहले तक, दिल का दौरा मुख्य रूप से वृद्ध लोगों में होने वाली समस्या थी। 40 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति में हार्ट अटैक जैसी समस्याएं काफी दुर्लभ मानी जाती थीं। हालांकि अब हर 5 में से 1 हार्ट अटैक का मरीज़ 40 साल से कम उम्र का है।

20-30 की आयु वालों में भी दिल का दौरा पड़ना आम होता जा रहा है। वर्ष 2000-2016 के बीच इस युवा आयु वर्ग में हर साल दिल का दौरा पड़ने की दर 2% बढ़ गई है।

पहले के शोध में भी पाया गया है कि मोटापा के शिकार लोगों में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाने वाला प्रमुख कारण है। अधिक वजन भी हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है।

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