– जांच में अस्पताल भी फर्जी और संचालक निकला 12वीं पास
सुल्तानपुर, डीडीसी। उत्तर प्रदेश में फैले झोलाछाप डॉक्टर्स के मकड़जाल ने एक गर्भवती और उसके नवजात की जान ले ली। इसे अगर सीधे तौर पर हत्या कहा जाए तो गलत नही होगा। इस मामले में 8वीं पास अस्पताल में डॉक्टर बन कर बैठा था और इसने प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला की सर्जरी कर दी। इस सर्जरी से हुआ ये कि प्रसूता और नवजात दोनों की मौत हो गई। इस घटना के बाद हरकत में आई पुलिस ने कथित डॉक्टर को गिरफ्तार किया और जांच आगे बढ़ाई तो पता लगा कि पूरा का पूरा अस्पताल ही फर्जी है। जिसके बाद अस्पताल के 12वीं पास संचालक को भी गिरफ्तार कर लिया गया। मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सुल्तानपुर (Sultanpur) जिले की है।
बगैर रेफर कागज के भेज दिया लखनऊ
यहां बल्दीराय थानाक्षेत्र के पूरे मल्लान का पुरवा गांव की पूनम गर्भवती थी। मंगलवार की रात परिजन उसे अरवल स्थित मां शारदा हॉस्पिटल एवं जच्चा-बच्चा केंद्र ले गए। 17 मार्च बुधवार को डॉक्टर ने पूनम का ऑपरेशन किया, लेकिन रक्तस्राव के चलते दोनों की तबियत बिगड़ गई। फिर रेफर कागज बनाये बगैर ही दोनों लखनऊ भेज दिया और रास्ते मे ही दोनों की मौत हो गई। इसके बाद परिजन जच्चा-बच्चा का शव लेकर बल्दीराय थाने पहुंचे और संचालक और डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
जांच हुई तो पुलिस भी चौंक गईं
मां शारदा हॉस्पिटल का संचालक राजेश साहनी 12वीं पास है। जबकि अस्पताल में तैनात कथित डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला 8वीं पास और तो और जांच में उसका सहयोगी 5वीं पास निकला। संचालक राजेश साहनी खीरी जिले का रहने वाला है और डॉक्टर राजेन्द्र और उसका सहयोगी पड़ोसी जनपद अयोध्या के रहने वाले हैं। पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने डीएम और सीएमओ को ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही के लिये पत्र लिखा है।