इस्लामाबाद, डीडीसी। पिछले महीने ही इस खबर से हमने आपको रूबरू कराया था कि अब पाकिस्तान में बलात्कार करने वालों को नपुंसक बनाने की तैयारी चल रही है। पाकिस्तानी सरकार के बाद अब राष्ट्रपति ने इस बिल पर अपने आखिरी दस्तखत कर दिए हैं। यानी अब बलात्कार का आरोप सिद्ध होने के बाद बलात्कारी बलात्कार की तो दूर सैक्स के बारे भी नही सोच पाएंगे।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नए दुष्कर्म रोधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने नवंबर में घोषणा की थी कि सरकार एंटी रेप ऑर्डिनेंस लाएगी। पहली बार या बार-बार दुष्कर्म का अपराध करने वालों का नपुंसक किये जाने का प्रावधान किया गया है। इसके मुताबिक दवा की एक डोज के जरिए बलात्कारियों को नपुंसक बनाया जा सकेगा। एंटी रेप ऑर्डिनेंस-2020 के तहत पूरे देश में ऐसे मामलों की सुनवाई और जांच के लिए सिस्टम बनाया जाएगा। इसके साथ ही अदालतों की कार्रवाई भी तेज की जाएगी। रेप के मामलों का स्पीडी ट्रायल होगा। मामलों की जल्द से जल्द सुनवाई के लिए पाकिस्तान में स्पेशल कोर्ट बनाई जाएंगी। रेप के मामलों में अदालतों के पास केवल 4 माह का वक्त होगा। इस अंतराल में अदालत को फैसला सुनाना होगा।
मोटर-वे गैंगरेप के बाद बदला कानून
बलात्कार के खिलाफ नया कानून मोटर-वे गैंगरेप के बाद उपजे गुस्से की वजह से बना। बता दें कि सितंबर में कुछ लोगों ने बच्चों के साथ जा रही एक कार सवार विदेशी महिला को उस वक्त अपनी हवस का शिकार बनाया, जब उनकी कार हाइवे पर खराब हो गई थी।
बच्चों के सामने मां, बहन का बलात्कार
हवस की आग में यर हैवान अंधे हो चुके थे। हवस इस कदर हावी थी कि हैवानों ने बच्चों के सामने ही मां का गैंगरेप कर डाला। ये घटना सिंध के काशमोर जिले में घटी, जहां महिला के साथ उसकी नाबालिग बेटी से भी रेप किया गया।
एक नजर में पूरा कानून
– नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी के जरिए यौन अपराधियों की देश भर में बनेगी लिस्ट।
– एंटी रेप क्राइसिस सेल बनाए जाएंगे
– एंटी रेप क्राइसिस सेल घटना के छह घंटे के अंदर विक्टिम की मेडिकल कराएगी।
– पाकिस्तान में भी रेप विक्टिम की पहचान उजागर नहीं की जा सकेगी
– लगातार यौन अपराध करने वालों को नोटिफाइड बोर्ड की सलाह पर केमिकल की मदद से नपुंसक बना दिया जाएगा।
– जांच में लापरवाही पर जुर्माना के साथ तीन साल की जेल होगी।
– झूठी जानकारी देने वाले अफसर भी नपेंगे।
– स्पेशल कोर्ट बनाने के लिए बनेगा नया फंड। केंद्र और राज्य सरकारें भी इसमें योगदान देंगी।

