– रिटायर्ड ब्रिगेडियर सुधीर सावंत के इस दावे ने फैलाई सनसनी
नई दिल्ली, डीडीसी। भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत का बुधवार को एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया। वह 63 साल के थे। सीडीएस का हेलीकॉप्टर क्रैश कैसे हुआ इसकी जांच की जाएगी। हेलीकॉप्टर क्रैश की जांच से पहले भारतीय सेना में 35 साल तक सेवा करने वाले रिटायर्ड ब्रिगेडियर सुधीर सावंत ने बड़ा दावा किया है। रिटायर्ड ब्रिगेडियर सुधीर सावंत का कहना है कि तमिलनाडु में सीडीएस के हेलीकॉप्टर का क्रैश होना LTTE की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। तमिल ईलम के लिबरेशन टाइगर्स (LTTE) का कैडर आईईडी बम प्लांट करने में एक्सपर्ट है और इस समूह के पास बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं जो इस वारदात को अंजाम दे सकते हैं।
लिट्टे के स्टाइल से मेल खाता है हेलीकॉप्टर क्रैश
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, रिटायर्ड ब्रिगेडियर सुधीर सावंत ने कहा कि जिस इलाके में सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ वह पूरा LTTE का गढ़ है। उस इलाके के कई आम लोग भी LTTE समर्थक हैं। बतौर कमांडो इंस्ट्रक्टर LTTE के साथ मुठभेड़ कर चुके सुधीर सांवत का कहना है कि जिस तरह से सीडीएस का हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है यह LTTE के स्टाइल से मिलता है।
आईएसआई का हाथ होने से भी नहीं इंकार
उन्होंने कहा कि तमिल ईलम के लिबरेशन टाइगर्स (LTTE) लंबे समय से भारतीय सेना और भारत से नाराज है। सेना ने LTTE के नेटवर्क को तोड़कर रख दिया था। इसलिए इस साजिश में LTTE के बचे हुए लोग और पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी ISI का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि हेलिकॉप्टर क्रैश को ISI और LTTE ने मिलकर अंजाम दिया हो।
इस काम के लिए सिर्फ दो लोग ही काफी है
ब्रिगेडियर सावंत आगे कहते हैं, ‘वैसे तो हेलीकॉप्टर में बम ब्लास्ट करना आसान काम नहीं है, लेकिन ये इनसाइड जॉब का काम हो सकता है। जिस तरह से हेलीकॉप्टर को क्रैश किया गया है इस तरह के हमले को अंजाम देने के लिए LTTE को किसी बड़े कैडर की जरूरत नहीं है। इसे करने के लिए सिर्फ दो लोग ही काफी हैं।’
पहली बार लिट्टे ने किया था मानव बम का इस्तेमाल
बातचीत में ब्रिगेडियर सावंत आगे कहते हैं, LTTE एक ऐसा आतंकी संगठन था, जिसने पहली बार मानव बम बनाया। इस आतंकी संगठन ने अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए इंसानों का इस्तेमाल किया। इंसान के शरीर पर बम लगाकर इन्होंने बड़ी-बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया।
छोटी दूरी वाली मिसाइल का हो सकता है इस्तेमाल
उन्होंने कहा, ‘अगर कोई इस बात को मानता है कि अब LTTE के पास किसी भी तरह की तकनीक, हथियार और बारूद मौजूद नहीं है तो यह बहुत बड़ी गलतफहमी है।’ इस दौरान उन्होंने दावा किया कि LTTE के पास वर्तमान में भारी मात्रा में एक्सप्लोसिव का टेक्निकल सपोर्ट मौजूद है। ब्रिगेडियर सावंत ने इस बात की आशंका भी जताई कि सीडीएस हेलीकॉप्टर क्रैश में LTTE समूह द्वारा छोटी दूरी पर वार करने वाली मिसाइल का इस्तेमाल किया गया हो।