– नैनीताल में सरकारी लापरवाही खाम्यिाजा पहले 4 साल के मासूम ने और फिर उसकी दादी ने भरा
हल्द्वानी, डीडीसी। अभी वो ठीक से मां भी बोल नहीं पाता था और मर गया। वो खुद नहीं मरा बल्कि लापरवाह सिस्टम ने उसका कत्ल कर दिया। महज चार साल का मासूम नीरज खुली सरकारी टंकी में गिर गया। करीब 10 फीट की टंकी पानी से लबालब भरी थी। मासूम टंकी में गिरा और तड़प-तडक़ कर मर गया। मासूम की मौत का सदमा उसकी दादी बर्दाश्त नहीं कर सकीं। पोते नीरज की मौैत के ठीक दो दिन बाद उसकी दादी ने भी दम तोड़ दिया। उस पर सिस्टम का एक भी नुमाइंदा दो-दो मौतों का दर्द झेल रहे परिवार के आंसू पोंछने नहीं पहुंचा। ये दो लोगों का कत्ल है और कत्ल की वजह टंकी को खुला छोडऩे वाले सिस्टम के जिम्मेदार लोग हैं।
गरीब बहनों का इकलौता भाई था नीरज
नैनीताल के स्यूड़ा ग्राम पंचायत के तोक सलकिया में ये दर्दनाक हादसा हुआ। यहां रहने वाले शिवदत्त भट्ट की दो बेटियां प्रियांशी और पलक का नीरज इकलौता भाई था। शिवदत्त का बीपीएल परिवार मजदूरी और थोड़ी बहुत खेती पर निर्भर है। गरीब बहनों का ये भाई दिन भर बहनों की पीठ पर ही बैठ कर घूमता था, लेकिन 22 फरवरी की सुबह बहनें स्कूल में थीं और मां खेतों में काम रही थी। तभी मां की नजरों से बच कर नीरज पानी की टंकी पर जा पहुंचा और…।
दर्द बांटने पहुंचे निदेशक, दी आर्थिक सहायता
नैनीताल सहकारी समिति के निदेशक गोपाल सिंह बिष्ट को जब परिवार की आर्थिकी और उस पर इतने बड़े दर्द की खबर लगी तो परिवार के बीच पहुंचे बिना रह नहीं सके। दो मौतों के बाद वह पहले व्यक्ति थे, जो परिवार के बीच पहुंचे। उन्होंने नीरज के पूरे परिवार से मुलाकात कर उनका दर्द कम करने की कोशिश की। उन्होंने नीरज के परिवार को आर्थिक सहायता दी। पूर्व में जिला पंचायत सदस्य नैनीताल व पूर्व कनिष्ठ ब्लाक प्रमुख धारी रहे गोपाल सिंह बिष्ट के साथ कांग्रेस की महिला नगर अध्यक्ष हेमा परगांई, तारा बुधानी व अजय कुमार भी परिवार का हाल जानने पहुंचे। साथ ही उस टंकी का निरीक्षण भी किया, जिसमें डूब कर नीरज की मौत हुई थी।
बहन ने सुनाया सबको बताया, सुनने कोई नहीं आया
समाजसेवी मंजू भट्ट नीरज की चचेरी बहन हैं और इसी दुर्गम तोक सलकिया में रहती हैं। नीरज की मंौत से आहत मंजू ने पहले भी कई बार खुली सरकारी टंकी को ढकने के बाबत बार-बार अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन दशकों पुरानी इस टंकी को ढका नहीं गया। नतीजा नीरज की मौत हो गई। मौत के तुरंत बाद मंजू ने आलाधिकारियों को इस घटना की सूचना दी, लेकिन अधिकारी तो दूर इलाके का पटवारी भी मौके पर नहीं पहुंचा। अब इस बाबत मंजू ने मुख्यमंत्री उत्तराखंड, सांसद नैनीताल, विधायक भीमताल, कुमाऊं कमिश्नर और जिलाधिकारी नैनीताल को स्पीड पोस्ट के जरिये टंकी ढकने, परिवार को आर्थिक सहायता देने के साथ गांव की दुश्वारियों से अवगत कराया है और जल्द निदान की मांग की है।