– दहेज की मांग पूरी न होने पर बारात लेकर नहीं आए ससुराली
फतेहपुर, डीडीसी। एक नहीं 7-7 बेटियों के ब्याह का बोझ उसके सिर पर था। एक बेटी का ब्याह बमुश्किल तय हुआ, लेकिन दहेज को लेकर बात नहीं बन रही थी। ऐन शादी के रोज लडक़े वालों ने बारात लाने से इंकार कर दिया। इधर, घर पर मंडप सज चुका था और बस बारात का इंतजार हो रहा था। इस सदमे को न तो दुल्हन बर्दाश्त कर सकी और न उसका बेबस बाप। शादी टूटने से आहत दुल्हन अचानक गायब हो गई और लोक-लाज के डर से पिता ने फांसी लगाकर जान दे दी। ये मामला उत्तर प्रदेश में बिंदकी जिले के फतेहपुर कोतवाली क्षेत्र का मामला है।
हमीरपुर में तय हुआ था बेटी का ब्याह
बिंदकी के नयापुरवा गांव में रहने वाले 45 वर्षीय राम सुफल निषाद ने अपनी बेटी माला देवी की शादी हमीरपुर थाना क्षेत्र के मनोहर में रहने वाले छैद्दू पुत्र रामगोपाल से तय किया था। विवाह का शुभ मुहुर्त 6 दिसंबर का तय हुआ, लेकिन दहेज को लेकर दोनों के बीच संशय था। राम सुफल कुछ दहेज शादी के बाद देने को कह रहा था, जबकि लडक़ी वाले शादी में पूरा दहेज मांग रहे थे। इधर, शादी की तैयारियां चल रही थीं और इसी बीच 6 दिसंबर भी आ गया। रामसुफल की बेटी माला दुल्हन के जोड़े में सज-धज कर अपने दूल्हे का इंतजार कर रही थी और रात गुजरती जा रही थी। जब देर हुई और बारात की देरी का पता किया गया तो पता लगा कि बारात तो हमीरपुर से निकली ही नहीं है। लडक़े वालों ने दहेज के बगैर बारात लाने से इंकार कर दिया था। लाख मिन्नतों के बाद भी बात नहीं बनी। गांव में पंचायत तक हुई, लेकिन फैसला नहीं हो सका। इससे राम सुफल और उसकी बेटी माला बेहद परेशान थे।
बेटी ने घर छोड़ा और बाप ने छोड़ दी दुनिया
उस लडक़ी के दिल से पूंछिए, जो शादी का जोड़ा पहनने के बाद भी अपने घर से बिदा न हो सके। माला के साथ भी कुछ ऐसा ही था। वह दिल ही दिल में घुट रही थी और घुट रहा था उसका बाप राम सुफल। बाप की घुटन तब और बढ़ गई, जब गई तो जंगल जाने की बात कह कर थी, लेकिन लौट कर घर नहीं लौटी। पहले बारात न आने से बदनामी हुई और अब अचानक बेटी के जाने से गांव वाले तरह-तरह की बातें बनाने लगे थे। ये सब राम सुफल से बर्दाश्त नहीं हुआ। बीते गुरुवार यानि 17 दिसंबर 2020 की शाम गुजर जाने के बाद भी जब बेटी का कोई पता नहीं चला तो आहत पिता राम सुफल (45) ने घर में ही फांसी लगाकर जान दे दी।
पहले पंचायत, फिर पुलिस से भी नहीं बनी बात
बारात जब गांव नहीं पहुंची तो पहले दूल्हे और दूल्हे के पिता के आग राम सुफल गिड़गिड़ाया, लेकिन वह नहीं मानें। अगले दिन गांव में पंचायत बैठाई गई, लेकिन पंचायत भी किसी फैसले तक नहीं पहुंच पाई। ऐसे में राम सुफल फरियाद लेकर एसपी के पास पहुंचा। एसपी ने शिकायत तो ले ली, लेकिन फौरन एक्शन के नाम पर जांच की बात कह कर टरका दिया। जबकि ऐसे मामलों में पहले मुकदमा दर्ज होना चाहिए था और बाद में जांच, लेकिन ऐसा हुआ नही। शायद यह बात बेटी और उसके पिता को ज्यादा अखर रही थी।