– पूरी दुनिया में कहीं नही है भारत जैसा इतना बड़ा परिवार
मिजोरम, डीडीसी। पूर्वोत्तर भारत के मिज़ोरम राज्य को खूबसूरती के लिए तो जाना ही जाता है, लेकिन इस राज्य में ही दुनिया का सबसे बड़ा माना जाने वाला परिवार भी रहता है। बीती 13 जून को इस परिवार के मुखिया ज़ियोना चाना का निधन हो गया। ज़ियोना चाना 76 साल के थे। उनकी 39 पत्नियां हैं और इन 39 पत्नियों से 94 बच्चे है। परिवार में कुल 181 लोग हैं। उन्हें डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन की शिकायत थी। बक्तावंग गांव में उनके आवास पर ही उनका इलाज किया जा रहा था, लेकिन उनकी हालत जब बिगड़ने लगी तो उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
ये दुनिया का सबसे बड़ा परिवार है
मिजोरम के एक गांव में एक ही छत के नीचे रहता है। कोरोना वायरस का जरा सा भी असर इस परिवार पर नहीं पड़ा है। वो आमदिनों की तरह मस्त और कामकाज में लगा है। हां, देश के दूसरे लोगों की तरह कोरोना को लेकर ये परिवार भी सावधान है। ये पूरा परिवार है जियोना चाना का। परिवार के कुल 181 सदस्य 100 कमरों के मकान में एक साथ रहता है। घर के मुखिया जियोना चाना की 39 बीवियां हैं औऱ 94 बच्चे, लेकिन ये परिवार यही नहीं रुकता। इसमें 14 बहुओं और 33 पोते पोतियां भी हैं और एक नन्हा प्रपौत्र भी।
मिजोरम की खूबसूरत वादियों में रहता है परिवार
ये पूरा परिवार मिजोरम की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच बटवंग गांव में एक बड़े से मकान में रहता है। यहां जीवन सामान्य है। जियोना मुख्यतौर पर बढ़ई का काम करते हैं, लेकिन अब उनका परिवार खुद किसी कम्युनिटी की तरह है। परिवार के काम आने वाले हर चीज को वो या खुद ही पैदा कर लेते हैं या बना लेते हैं।
बड़ी सी रसोईं में एक साथ बनता है खाना
जिओना अपने परिवार के साथ 100 कमरों के जिस मकान में रहते हैं उसमें एक बड़े से रसोईघर के अलावा सबके लिए पर्याप्त जगह है और जिओना अपने परिवार को बड़े अनुशासन से चलाते हैं। खाना बनाने और घर के अन्य कामकाज सब मिलकर करते हैं। मिजोरम में यूं तो कोरोना वायरस का अब तक केवल एक ही मरीज सामने आया है, लेकिन राज्य में जिस तरह सावधानियां बरती जा रही हैं, वैसे ये परिवार भी बरत रहा है। उसने खुद को बाहरी लोगों से एकदम काटा हुआ है।
परिवार पर चलता है बड़ी पत्नी का शासन
परिवार की महिलाएं खेती-बाड़ी करती हैं और घर चलाने में योगदान देती हैं। चाना की सबसे बड़ी पत्नी मुखिया की भूमिका निभाती हैं और घर के सभी सदस्यों के कार्यों का बंटवारा करने के साथ ही कामकाज पर नज़र भी रखती हैं।
रोज 45 किलो चावल, 30-40 मुर्गे और बहुत कुछ बनता है
यहां एक दिन में 45 किलो से ज्यादा चावल, 30-40 मुर्गे, 25 किलो दाल, दर्जनों अंडे, 60 किलो सब्जियों की ज़रूरत होती है। इसके अलावा इस परिवार में लगभग 20 किलो फल की भी हर रोज़ खपत होती है। आप हैरान होंगे कि ये सबकुछ ये लोग खुद ही उगाते हैं। उनके पास अपने बड़े-बड़े खेत और फल के पेड़ हैं। पिछले कुछ सालों में उन्होंने अपना एक पोल्ट्री फॉर्म भी बना लिया है।
इलाके की सियासत में भी चाना परिवार का खासा दबदब
इलाके की सियासत में भी चाना परिवार का खासा दबदबा है। एक साथ एक ही परिवार में इतने सारे वोट होने की वजह से तमाम नेता और इलाके की राजनीतिक पार्टियां जियोना चाना को अच्छा खासा महत्व देती हैं क्योंकि स्थानीय चुनाव में इस परिवार का झुकाव जिस पार्टी की तरफ होता है उसे ढेरों वोट मिलना पक्का है।
गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज़ परिवार
गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज़ इस परिवार के सदस्य अपने आप में पूरा गांव हैं। बात करें तो सुनने वालों की कमी नहीं, मैच खेलने जाएं तो देखने वालों की कमी नहीं और एक साथ बैठ जाएं तो अपने आप में मेला और त्यौहार हो जाए।
जियोना चाना का सबसे बड़ा बेटा करीब 52 साल का है
जियोना चाना का सबसे बड़ा बेटा करीब 52 साल का है। उसका नाम पारलियाना है। उसका कहना है कि उसके पिता मिजोरम के जिस ट्राइब्स से ताल्लुक रखते हैं, उसमें कई बीवियां रखी जा सकती हैं। इसलिए वो अक्सर गरीब और अनाथ महिलाओं से शादी करके उन्हें घर ले आते। यही वजह है कि आज हमारा परिवार विश्व का सबसे बड़ा परिवार है।