– सैकड़ों बीघा में फैले बगीचों को उजाड़ कर अवैध प्लॉटिंग कराने का आरोप
देहरादून, डीडीसी। उत्तराखंड में सैकड़ों बीघा जमीन पर फैले बगीचों को उजाड़ दिया गया और उस पर खड़ा कर दिया गया कंक्रीट का जंगल। यानी हरियाली से भरी जमीन को उजाड़ कर उस पर अवैध तरीके से प्लाटिंग कर दी गई और ये सब किया दून घाटी विशेष प्राधिकरण के तत्कालीन सचिव, डीएफओ कालसी, जिला उद्यान अधिकारी, इनके अधीनस्थ अधिकारियों ने। अब इन सभी अधिकारियों के साथ भूस्वामी और कालोनाइजर्स के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। ये पूरा खेल उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के वंसीपुर हरबर्टपुर, लाइन जीवनगढ़ और ढकरानी में खेला गया।
जनहित याचिका पर खुला मामला
विकासनगर निवासी अनुज कंसल ने हाईकोर्ट में इस मामले में 2012 में जनहित याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के दखल के बाद एसआईटी जांच हुई। यह अवैध प्लॉटिंग 2007 से 2014 के बीच की गई। इसके बाद विकासनगर कोतवाल राजीव रौथाण की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
अफसरों ने उजाड़े थे आम और लीची के बाग
पछुवादून में अफसरों ने सैकड़ों बीघा जमीन पर अवैध प्लॉटिंग कर आम और लीची के बगीचों को उजाड़ा था। जांच में यह बात सामने आई है। अनुज कंसल निवासी विकासनगर ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका वर्ष 2012 में एक जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें अनुज कंसल ने हरबर्टपुर के वंसीपुर, लाइन जीवनगढ़ व ढकरानी में चार सौ बीघा से अधिक भूमि में आम लीची के सैकड़ों पेड़ काटकर अवैध प्लॉटिंग कर आवासीय भूमि में तब्दील करने की शिकायत की थी। जिस पर हाईकोर्ट नैनीताल ने पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र की अध्यक्ष में एसआईटी गठित कर जांच करने के निर्देश दिए।
400 बीघा जमीन पर बसाई कालोनी और बेच दी
लंबित जांच को पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं परिक्षेत्र अजय रौतेला एवं एसएसपी देहरादून डॉ.योगेंद्र सिंह रावत के अधिनस्थ एसआईटी जांच करने के निर्देश दिए गये। एसआईटी की जांच में जो तथ्य सामने आये उसमें भूस्वामियों, कॉलोनाइजर (भू-माफिया) ने शासन की अनुमति के बिना बगीचे की भूमि का लैंड यूज परिवर्तित किया जाना पाया गया। हरबर्टपुर, जीवनगढ़, ढकरानी क्षेत्र में करीब 400 बीघा भूमि पर भू विनाश (प्लाटिंग) के साथ-साथ वृक्षों का अवैध कटान पाया गया। जिसके बाद भूमि पर अवैध प्लॉटिंग कर लोगों को भूखंड विक्रय किया गया।