– देश के तमाम राज्यों में वारदात को अंजाम देने वाले घोड़ासन गैंग ने तीन महीने पहले ही बनाई शोरूम लूटने की योजना

सर्वेश तिवारी, डीडीसी। घोड़ासन गैंग… यानी नजर हटी और दुकान लुटी। हल्द्वानी में नैनीताल रोड स्थित वन प्लस शोरूम में भी ऐसा ही हुआ और ऐसा देश के तमाम राज्यों में हो चुका है। यहां सुरक्षा गार्ड घर जाकर क्या सोया घोड़ासन गैंग ने सवा करोड़ से ज्यादा के मोबाइल साफ कर दिए। ये गैंग तीन माह पहले इसी शोरूम को लूटने आया था, लेकिन पुलिस की सक्रियता के चलते वारदात मुकम्मल अंजाम तक नहीं पहुंच सकी और गुर्गा पुलिस के हत्थे चढ़ गया। हालांकि तीन महीने बाद ये फिर लौटे और वारदात को अंजाम देकर निकल भी गए।

बता दें कि बीते शुक्रवार की भोर घोड़ासन गैंग ने नैनीताल रोड चर्च कंपाउंड स्थित विष्णु खंडेवाल के वन प्लस मोबाइल शोरूम का शटर उठाकर करीब सवा करोड़ के मोबाइल उड़ा दिए। यहां चौंकाने वाली बात ये है कि घोड़ासन गैंग इस वारदात को तीन माह पहले अंजाम देने वाला था, लेकिन पुलिस को इसकी भनक लग चुकी थी। गैंग बस के जरिये हल्द्वानी पहुंचा, लेकिन गैंग का एक गुर्गा पुलिस के हत्थे चढ़ गया। जिसके बाद गैंग से दूसरे गुर्गे सक्रिय हो गए और पुलिस की पहुंच में आने से पहले ही फरार हो गए। इधर, जिस गुर्गे को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, वो 20 दिन बाद जमानत पर रिहा हो गया।

इधर, तीन माह बाद लौटे गैंग ने फिर से उसी दुकान को निशाना बनाया और वारदात को अंजाम दे डाला। ये वारदात सफल उस गार्ड की वजह से हुई जो घटना के दिन नौकरी छोड़ घर जाकर सो गया। हमारी पड़ताल में सामने आया है कि इस गैंग ने देश के लगभग राज्यों में चोरी की वारदात को अंजाम दिया। गैंग ने बिहार के साथ उत्तर प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली में बड़े-बड़े शोरूम खंगाले हैं।

शोरूम में हुई चोरी में घोड़ासन गैंग के हाथ होने की बात सामने आई है। इसी गैंग ने कुछ समय पहले इंदौर में भी वारदात को अंजाम दिया था। हमारी टीमें गैंग के पीछे लगी हैं और जल्द ही वारदात को अंजाम देने वाले गिरफ्त में होंगे। तीन माह पहले भी इस गैंग ने वन प्लस के शोरूम में चोरी की योजना बनाई थी जो हमारी पुलिस ने नाकाम कर दी थी।
पंकज भट्ट, एसएसपी नैनीताल

कैंसिल किया जा रहा है सुरक्षा देने वाली कंपनी का लाइसेंस
चोरी के मामले में चोरों की तलाश के साथ पुलिस ने स्थानीय स्तर पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है और सबसे पहले गाज उस कंपनी पर गिरने जा रही है, जिसने घटना स्थल पर अपना गार्ड तैनात किया था। एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि उक्त कंपनी के लाइसेंस निरस्तीकरण की प्रक्रिया जारी है। बता दें कि तीन माह पहले जब पुलिस ने गैंग की मंशा पर पानी फेरा था, तभी गार्ड रखने की सलाह दी गई थी। जिसके बाद उक्त गार्ड को शोरूम की सुरक्षा के लिए रखा गया था, लेकिन रात वह घर सोने चल दिया और इसके पीछे उसने पथरी के दर्द को वजह बताई।

चोरी के बाद नेपाल रवाना हो जाते हैं ‘गधे’
इस गैंग की कार्यशैली के बारे में एक और बात सामने आई है। बताया गया कि ये मोबाइल शोरूम को टारगेट करने वाले गैंग के गुर्गे अपने पास मोबाइल नहीं रखते, ताकि पकड़े न जा सकें। कहीं भी वारदात को अंजाम देने के बाद गुर्गे दो धड़ों में बंट जाते हैं। इसमें से एक धड़ा माल लेकर सीधा नेपाल रवाना होता है और माल लेकर निकलने वाले धड़े को गुर्गे ‘गधा’ कह कर संबोधित करते हैं। गैंग नेपाल में चोरी के मोबाइल बेच देते हैं। नेपाल में मोबाइल इसलिए बेचते हैं, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय सीमा की वजह से नेपाल में आईएमईआई नंबर ट्रेज नहीं किए जा सकते।

10 गांव और 200 से अधिक गुर्गों का गैंग है घोड़ासन
हल्द्वानी। बिहार के मोतिहारी में एक स्थान है घोड़ासन और इसी स्थान के नाम पर घोड़ासन गैंग का नाम पड़ा। दो सौ से अधिक लोगों के इस गैंग में दस से ज्यादा गांव शामिल हैं। यानी ये 30 से अधिक गिरोहों का एक संगठित गैंग है। यहां लोगों की अजीविका ही चोरी से चलती है। कुल मिलाकर अगर पुलिस गैंग के गुर्गों को ट्रेस भी कर लेती है तो पकड़ना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि जब पुलिस के पहुंचने से पहले की खहर घोड़ासन तक पहुंच जाती है। बावजूद इसके अगर पुलिस घोड़ासन शहर या कस्बे तक पहुंच भी जाती है तो गुर्गों और पुलिस के बीच स्थानीय लोग खड़े हो जाते हैं।

‘मास्टर जी का चक्का डोल रहा है’, मतलब सावधान
हल्द्वानी। एक चादर के सहारे वारदात को अंजाम देने वाला ये गैंग वारदात को अंजाम देते वक्त एक दूसरे का न तो नाम लेते हैं और न ही बातें करते हैं। या तो ये इशारे के जरिये बात करते हैं या फिर कहते हैं कि ‘मास्टर जी का चक्का डोल रहा है’ यानि पुलिस आ रही है। इस गैंग में गुर्गों की संख्या छह से सात होती है। इन छह-सात में दो पहलवान जैसे होते हैं, जो चादर की आड़ में शटर उठाते हैं और गैंग में दो पतले होते हैं जो पर्दे की आड़ में चोरी के लिए शोरूम में दाखिल होते हैं। जबकि एक से दो गुर्गे हर पल आने-जाने वालों की निगरानी करते हैं।

गुर्गे पकड़े गए और नेपाल में एक्टिव मिले मोबाइल
हल्द्वानी। मुरादाबाद में आठ लाख के मोबाइल चोरी करने वाले इस गैंग ने राजस्थान के वैशालीनगर थाना इलाके से एक करोड़ 20 लाख के मोबाइल चोरी किए थे। इसके अलावा मुम्बई के नालासोपारा में गैंग ने कई वारदातों को अंजाम दिया है। करीब तीन साल पहले मुंबई नालासोपारा पुलिस ने 10 और ठाणे पुलिस ने गैंग के 12 गुर्गे पकड़े भी, लेकिन माल बरामद नहीं कर सकी। जबकि राजस्थान पुलिस गिरोह के सदस्यों को तो पकड़ नहीं पाई, लेकिन इतना जरूर पता लगा लिया कि चोरी के मोबाइल नेपाल में एक्टिव हैं। ऐसा ही एक गैंग महिलाओं का दिल्ली में सामने आया था।

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