– जो नेपाल से भगा कर लाया, उसे ही शक था पेट में पल रहा बच्चा उसका नही
हल्द्वानी, डीडीसी। जिसके प्यार में नेपाल से अंतरराष्ट्रीय सीमा पारकर वो भारत (हल्द्वानी) आई, उसी प्रेमी को यकीन नहीं था कि पेट में पल रहा बच्चा उसका है। शकी युवक ने प्रताड़ना का हदें पार की तो किशोरी ने पेट में पल रहे बच्चे के साथ फांसी लगाकर जान दे दी। कोतवाली हल्द्वानी में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
बीती 28 जून की देर शाम मंडी चौकी क्षेत्र में मूलरूप से ठाटीकाध गांवपालिका दैलेख नेपाल निवासी 17 वर्षीय किशोरी ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। यहां वो सातला दैलेक नेपाल निवासी ज्योति बीका बहादुर के साथ बतौर पत्नी रह रही थी। घटना के दिन ज्योति काम पर था और घर पर ज्योति के माता-पिता भी नहीं थे। इसी दरम्यान किशोरी ने फांसी लगा ली थी।
शाम परिजन पहुंचे तो किशोरी फांसी पर लटकी और सांसे चल रही थी। उसे एसटीएच ले जाया गया, जहां कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। पुलिस पूछताछ में ज्योति ने बताया था कि मृतका उसकी पत्नी थी और दो साल पहले उनकी शादी हुई थी। उसने मृतका की उम्र भी 20 वर्ष बताई थी। इसकी जानकारी पुलिस ने मृतका के पिता को दी।
जिसके बाद मृतका के पिता ने ज्योति पर तमाम आरोप लगा दिए और शव ज्योति के सुपुर्द न करने की बात कही। गुरुवार को मृतका के पिता परिवार के साथ हल्द्वानी पहुंचे और उन्होंने पुलिस को जो बताया तो सब दंग रह गए। रमेश ने पुलिस को बताया कि उसकी बेटी महज 17 साल की थी और ज्योति उसे भगा कर लाया था। दोनों बिना शादी के ही साथ रह रहे थे।
इधर, पोस्टमार्टम में यह बात सामने आई कि किशोरी दो माह की गर्भवती थी और ज्योति को शक था कि पेट में पल रहा बच्चा उसका नहीं है। इसी वजह से वह किशोरी को प्रताड़ित कर रहा था और इसी प्रताड़ना के चलते किशोरी ने फांसी लगाकर जान दे दी। मृतका के पिता ने ज्योति पर उनकी बेटी के साथ मारपीट करने, अगवा करने और दुष्कर्म का आरोप लगाया।
एसएसआई विजय मेहता ने बताया कि रमेश की तहरीर पर कोतवाली में आरोपी ज्योति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। उससे मामले में पूछताछ की जा रही है।
मौत से पहले किया था पिता को फोन
रमेश ने पुलिस को बताया कि बीती 27 जून को कल्पना ने उन्हें फोन किया था और बताया था कि वह दो माह के गर्भ से है, लेकिन ज्योति को इस बात पर भरोसा नहीं था कि पेट में पल रहा बच्चा उसका है। इसी शक के चलते वह लगातार कल्पना को बुरी तरह पीट रहा था। रमेश ने बताया कि फोन पर रोते हुए उनकी बेटी ने कहा था कि अब वह जीना नहीं चाहती।