
– बोली, पति ने अधिकारियों संग मिलकर रचा षडयंत्र, बच्चों संग सड़क पर आई पहली पत्नी
हल्द्वानी, डीडीसी। हल्द्वानी में दो बीवियों वाले पूर्व दर्जा मंत्री की पहली बीवी बच्चों के साथ सड़क पर आ गई। सालों से दूसरों के घरों में झूठे बर्तन धोकर गुजारा कर रही इस महिला के सिर से अब छत पर छिन गई। पूर्व दर्जा मंत्री द्वारा बैंक से लिया होम लोन अदा न करने पर मंगलवार को बैंक अधिकारियों और पुलिस वालों ने पहली पत्नी को बच्चों समेत घर से निकाल दिया। महिला ने पति पर षडयंत्र रचकर उसे घर से बेघर करने का आरोप लगाया है।
10 साल पहले लिया था 16 लाख का लोन
गौजाजाली बनभूलपुरा में पूर्व दर्जा मंत्री हरीश पाल का एक घर हैं। जिसमें उनकी पहली पत्नी ममता अपने 17 वर्षीय पुत्र अर्पित व 10 साल की बेटी सलोनी के साथ रहती हैं। ममता की मानें तो उनके पति ने दूसरी शादी करने के बाद उनसे वास्ता खत्म कर दिया। इधर, बैंक अधिकारियों ने बताया कि हरीश पाल ने 10 साल पहले घर बनाने के लिए नैनीताल डिस्ट्रिक को-ऑपरेटिव बैंक से 16 लाख रुपए का होम लोन लिया था, लेकिन लोन की किस्ते अदा नहीं की।
दरवाजा नहीं खोला तो खिड़की तोड़ कर घुसे अफसर
बैंक द्वारा कई नोटिस जारी करने के बाद भी जब जवाब नहीं मिला तो मंगलवार को बैंक अधिकारी पुलिस के साथ मंत्री के आवास पर जा पहुंचे। अधिकारियों ने घर में मौजूद ममता से दरवाजा खोलने और घर खाली करने को कहा, लेकिन जब वह राजी नहीं हुई तो बैंक अधिकारियों ने पुलिस की मदद से घर की खिड़की हथौड़ों से तोड़ डाली और अंदर दाखिल हो गए। जिसके बाद सभी को जबरन घर से बाहर कर बैंक कर्मियों ने अपना ताला ठोंक दिया। ममता ने बैंक अधिकारियों और पुलिस कर्मियों पर उनसे व बेटे से मारपीट करने का आरोप लगाया है।
बोली, कोर्ट के आदेश पर भी नहीं दिया हर्जा-खर्चा
मूलरूप से शहजहांपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली ममता ने बताया कि वर्ष 2013 में उनकी शादी हरीश पाल से हुई थी, लेकिन बिना तलाक लिए वर्ष 2002 में हरीश ने बनबसा की रहने वाली दूसरी ममता से कर ली और पहली पत्नी ममता को छोड़ दिया। हालांकि पहली पत्नी हरीश के गौजाजाली स्थित मकान में रह रही थी, जिसे बैंक ने जब्त कर लिया। ममता का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद हरीश पाल ने उन्हें हर्जा-खर्चा नहीं दिया। उन्हें घरों में चौका-बासन करके बच्चों का पेट पालना पड़ रहा है।
बहन मर गई, सड़क पर गुजारनी होगी रात
ममता अपने 17 वर्षीय पुत्र और 10 साल की बेटी के साथ सड़क पर आ गईं। उन्होंने बताया कि उनके मायके में उनकी बहन के सिवा कोई नहीं था। बड़ी बहन मीरादेवी टनकपुर में रहती थीं। जो हर बुरे वक्त में ममता के साथ खड़ी रहती थीं। उन्होंने बताया कि दो माह पहले उनकी बहन ममता की भी मौत हो गई और अब उनके पास कहीं और जाने का ठिकाना नहीं बचा। शाहजहांपुर में भी अब कोई ऐसा नहीं है, जिससे वह मदद मांग सकें। अब बच्चों के साथ सड़क पर ही रात गुजारनी होगी।
बोली, मकान खाली कराने के लिए नहीं जमा की किस्त
ममता का कहना है कि उनका पति के साथ कोर्ट केस चल रहा है। कोर्ट के आदेश के बावजूद पति ने हर्जा-खर्चा नहीं दिया और आज उनसे 15 लाख रुपए लेने हैं। ममता ने आरोप लगाया कि पति ने मकान खाली कराने के लिए लोन की किस्ते अदा नहीं कीं और फिर बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर मकान खाली करा लिया। उन्होंने कहाकि उनका 12वीं में है और 28 मार्च से उसके पेपर थे। उन्होंने परीक्षा तक घर में एक कमरे के लिए गुजारिश की थी, लेकिन अधिकारी नहीं मानें।