– जज और उनका परिवार किसी और कि कार से करता था सैर-सपाटा

नैनीताल, डीडीसी। ऐसा पहली बार नही है कि जब किसी जज को सस्पेंड कर दिया गया हो। बल्कि इससे पहले भी जज पर ठीक ऐसी ही कार्यवाही की जा चुकी है। ताजा मामला अल्मोड़ा के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) अभिषेक कुमार श्रीवास्तव से जुड़ा है। उन्हें उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सस्पेंड करने के साथ जिला जज देहरादून कार्यालय से अटैच कर दिया है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला।

निलंबन तक मिलेगा आधा वेतन
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी की ओर से जज का निलंबन आदेश जारी हुआ। अल्मोड़ा जिले के सिविल जज अभिषेक कुमार श्रीवास्तव को सेवा नियमावली के उल्लंघन के आरोप में निलंबित किया गया है। साथ ही तय किया गया है कि निलंबन की अवधि तक उन्हें आधा वेतन ही दिया जाएगा।

अपनी नही किसी और की कार से करते थे सैर
सिविल जज पर तय कार्यवाही भ्रष्टाचार के रूप में देखी जा रही है। उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा ये एक बड़ी कार्यवाही मानी जा रही है। शिकायत मिली थी कि वह खुद चंद्रमोहन सेठी नाम के एक व्यक्ति के निजी वाहन से सैर सपाट कर रहे हैं। ना कि सिविल जज बल्कि उनका परिवार भी वाहन का उपयोग दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद जाने के लिए करता था। ये एक जज की सेवा नियमावली का उल्लंघन है। हाईकोर्ट ने इन तथ्यों के आधार पर सिविल जज को निलंबित कर दिया।

जज प्रशांत जोशी के साथ भी हुआ था ऐसा
आपको देहरादून के जिला जज प्रशांत जोशी याद हैं। जज प्रशांत जोशी भी ठीक इसी तरह के मामले में सस्पेंड किए गए थे। आरोप था कि जिला जज देहरादून रहते हुए उन्होंने एक ऑडी कार का इस्तेमाल किया। इस कार से वह 21 और 22 दिसंबर को मसूरी में आयोजित कैंप कोर्ट पहुंचे। जबकि उन्हें सरकारी कार का इस्तेमाल करना चाहिए था। इस ऑडी कार में जिला जज का बोर्ड लगा था और कार मसूरी स्थित हाईकोर्ट के गेस्ट हाउस के बाहर खड़ी थी।

कार मालिक के खिलाफ दर्ज थे मुकदमे
जिस ऑडी कार का इस्तेमाल जज प्रशांत जोशी ने किया था उसके मालिक का नाम केवल कृष्ण। ये मसला तब और बिगड़ गया, जब ये पता लगा कि जिस केवल कृष्ण के नाम पर कार पंजीकृत थी, उसके खिलाफ देहरादून के राजपुर थाने में धोखाधड़ी सहित कई आपराधिक धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। निलंबन की अवधि में उन्हें रुद्रप्रयाग जिला कोर्ट से संबद्ध किया गया है।

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