
– हरियाणा की जींद रियासत के राजा हुआ था बेल्जियम की नर्स से प्यार
नई दिल्ली, डीडीसी। उत्तर भारत की एक धनी रियासत के महाराजा को विदेशी महिला से प्यार हो गया। एक पार्टी में महाराजा की नजर इस विदेशी महिला पर पड़ी और इसके बाद तो महाराजा उस विदेश हुस्न के दीवाने को गए। दीवानगी इस कदर कि वो जहां भी, जितनी भी दूर जाती महाराजा उसके पीछे पहुंच जाते। पहले से ही दो बीवियों के पति महाराजा मोहब्बत में इस कदर बेचैन हो चुके थे कि वो शादी तक करने को तैयार थे, लेकिन शादी के लिए विदेशी लड़की की मां तैयार थी। जिसके महाराजा ने अपनी मोहब्बत को 50,000 रुपए में खरीद लिया। उस दौर में ये रकम बड़े-बड़े धन्नासेठों के लिए ख्वाब से कम नही थी।
रिझाने के लिए महंगे से महंगा तोहफा दिया ओलिव को
ये जींद के महाराजा थे, महाराजा रणबीर सिंह। उनका दिल बेल्जियम की ओलिव पर गया था। वो ओलिव से मिलने लगे। उसे महंगे से महंगा गिफ्ट देते। धीरे-धीरे दोनों का मेलमिलाप ज्यादा बढ़ा तो महाराजा को लगा कि वो ओलिव के बिना नहीं रह पाएंगे। वो उससे शादी करना चाहते थे, लेकिन ओलिव की मां कतई इसके लिए राजी नहीं थी।
मसूरी में हुई मोहब्बत से मुलाकात
महाराजा की पहली मुलाकात ओलिव से मसूरी में हुई थी, जहां देश के राजा-महाराजा अक्सर पार्टियां करते रहते थे। उन पार्टियों में तमाम अंग्रेज अफसर और उनकी बीवियां भी आती थीं। उन्हीं में किसी पार्टी में महाराजा रणबीर सिंह को आमंत्रित किया गया था, जहां ओलिव अपनी मां लिज्जी के साथ आई हुई थी।
मुम्बई में नाई थे ओलिव के पिता
महाराजा किसी सुंदर विदेशी महिला को रानी बनाना चाहता था। कार्लाइट ने अपनी किताब में ओलिव मोनोलेस्कु नाम की बेल्जियम सुंदरी का जिक्र किया है। राजा का दिल ओलिव पर आ गया। ओलिव से वो मुंबई में मिला था। वो बेल्जियन लड़की थी। उसके पिता ने मुंबई में नाई का एक उम्दा सैलून खोला था।
धर्म बदल कर की ओलिव ने शादी
ओलिव और महाराजा की शादी एक प्राइवेट समारोह में संगरूर में हुई। ओलिव को अपना धर्म बदलना पड़ा। उसका नाम भी बदलकर जसवंत कौर हो गया। हालांकि अंग्रेजी हुकूमत ओलिव को रानी नही मानती थी। इन सबका असर यह हुआ कि महाराजा ने ओलिव को अंग्रेजों द्वारा आयोजित समारोह में ले जाना बंद कर दिया। इसका असर यह हुआ कि समय बीतने के साथ दोनों में अनबन रहने लगी और ताल्लुक खराब हो गए।
पहले से ही दो बीवियों का पति था महाराजा
महाराजा पहले से विवाहित था। उसकी दो सिख बीवियां थीं, डेल्मा और गुरचरण कौर, लेकिन वो ओलिव से मिलकर और बात करके उस पर ऐसा लट्टू हुआ कि उससे लगातार मिलने लगा। जब ओलिव मसूरी से मुंबई चली गई तो राजा उसके पीछे वहां भी पहुंच गया।
ओलिव ने चुकाई मोहब्बत की कीमत
उस वक्त भारत में वायसराय लार्ड कर्जन थे। उन्होंने इस शादी को पसंद नहीं किया, लेकिन महाराजा ने कर्जन से कहा कि ये उनका व्यक्तिगत मामला है, लेकिन इसका नतीजा ये हुआ कि कर्जन ने ये नियम बनवा दिया कि महाराजा ओलिव को जींद की महारानी की पदवी नहीं दे सकता। इसके चलते महाराजा किसी भी आधिकारिक और अन्य समारोहों में जहां राजा-महाराजाओं को सपत्निक आमंत्रित किया जाता था, वहां वो ओलिव के साथ नहीं जा सकता था।
1928 में हो गया दोनों का तलाक
महाराजा का दिल भी भर गया और ओलिव भी आजिज आ चुकी थी। हालांकि बाद में महाराजा का दिल ओलिव से भर गया। वो राजा के साथ रहते रहते उसकी हरकतों से आजिज आ चुकी थी। आधिकारिक समारोहों में भी उसे नहीं बुलाया जाना उसको बुरा लगता था। इस सबसे उसके अंदर काफी गुस्सा भर चुका था। आखिरकार उसने राजा को 1928 में तलाक ले लिया। वो लंदन चली गई। राजा से उसे एक बेटी भी हुई थी। उसका नाम डोरोथी था। उसे भी वो साथ ले गई। ओलिव 80 के दशक तक लंदन में जिंदा रही।
ट्रिब्यून में छपी मोहब्बत की दास्तां
ट्रिब्यून अखबार ने इस बारे में एक रिपोर्ट भी छापी थी। इसके अलावा आस्ट्रेलियाई लेखिका कार्लाइट यंगर ने भी अपनी किताब “विकेड वूमन ऑफ राज” में इसका विस्तार से जिक्र किया है। जींद हरियाणा की सबसे पुरानी रियासतों में थी। इसे पहले जयंतपुरा के नाम भी जानते थे, क्योंकि यहां जयंती देवी का एक पुराना मंदिर था। माना जाता है कि ये मंदिर भगवान विष्णु के पुत्र जयंत ने बनवाया था।
8 साल की उम्र में राजा बने रणबीर सिंह
अब महाराजा रणबीर सिंह के बारे में जानते हैं। जींद रियासत की स्थापना राजा गजपत सिंह ने 1763 में की थी। वो सिख राजा थे। इस रियासत की राजधानी जींद ही थी, लेकिन बाद में संगरूर हो गई। महाराजा रणबीर सिंह इस रियासत के छठे राजा थे। जब 1887 में उन्हें राजा बनाया गया तो उनकी उम्र महज 08 साल थी।
देर से सोकर उठते थे महाराजा
जब वो बड़े हुए तो कई आदतें बड़ी अजीबोगरीब थीं। महाराजा रणबीर सिंह देर से सोकर उठते थे। जब वो सोकर उठते थे तो चाहते थे कि जैसे ही वो आंखें खोलें तो उनकी महारानियां उनके पैर दबाते हुए नजर आएं।
जुंए और बिलियर्ड्स का शौक था
महाराजा के ज्योतिषी करन चंद हमेशा उनके साथ रहते थे। महाराजा को बिलियर्ड्स खेलने और जुआ लगाने का बहुत शौक था। वो हर जुए में मोटा पैसा हारते थे, लेकिन तब भी खेलना नहीं छोड़ते थे।