– विश्व ओज़ोन दिवस पर अल्मोड़ा में आयोजित की एक व्याख्यानमाला

अल्मोड़ा, डीडीसी। शुक्रवार को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति प्रोफेसर एनएस भंडारी के मार्गदर्शन में एसएसजे परिसर अल्मोड़ा के रसायन विज्ञान विभाग में विश्व ओज़ोन दिवस के उपलक्ष्य में एक व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में एसएसजे परिसर के अधिष्ठाता प्रशासन प्रोफेसर पीएस बिष्ट तथा मुख्य वक्ता के रूप में रसायन विज्ञान की प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ प्रियंका सागर थी।

कार्यक्रम का संचालन विभाग के वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ डीएस धामी ने किया। डॉ डीएस धामी ने अथितियों के स्वागत करते हुए ओजोन दिवस के इतिहास पर रूप रेखा प्रस्तुत की।मुख्य अतिथि प्रोफेसर पीएस बिष्ट ने कहा कि आधुनिकता एवं विकास की इस दौड़ में हम पर्यावरण के प्रति कम संवेदनशील हो रहे है। पर्यावरण के साथ हमे बहुत ज्यादा संवेदनशील होने की जरुरत है, ताकि आने वाली पीढ़ी सुखद जीवन जी सके।

मुख्य वक्ता डॉ प्रियंका सागर ने अपने व्याख्यान की शुरुआत ओजोन की मूल रसायन को समझाते हुए की।उन्होंने कहा कि ओजोन परत एक मजबूत सुरक्षा कवच है। यदि इसमें किसी भी तरह से असंतुलन हुआ तो भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। साथ ही उन्होंने ओजोन परत क्षरण के लिए उत्तरदायी पदार्थो की भी विस्तृत चर्चा की और कहा कि हमे हरित क्रांति पर आधारित संसाधनों पर जोर देने की आवश्यकता है।

इसी क्रम में डॉ राजेंद्र जोशी, रोहित शर्मा, हिमानी जोशी, कमल सिंह ने भी अपने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में डॉ राजेश राठौर, डॉ राजेश कुमार, डॉ अंशु, भावना पंत, मुन्नी बोरा, नीरज कुमार, मधुमिता बिष्ट, आशा सहित एक दर्जन से अधिक शोध छात्र-छात्राये तथा रसायन विज्ञान के स्नातकोत्तर के समस्त विद्यार्थी मौजूद थे।

कार्यक्रम में रविन्द्र सिंह, गीता रावत, मोहन सिंह, चंदन सिंह तथा धन सिंह ने सहयोग प्रदान किया।

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