– दिनेशपुर के इस अस्पताल में नही थी ऑपरेशन करने की इजाजत, फिर भी किया
काशीपुर, डीडीसी। चार माह की गर्भवती की तबियत बिगड़ी और परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंच गए। यहां उसका ऑपरेशन कर दिया गया, लेकिन हालत और बिगड़ गई। फिर उसे दूसरे अस्पताल ले जाया गया। इस अस्पताल में ऑपरेशन की इजाजत नही थी। बावजूद इसके ओप्रेशन किया गया। गर्भवती का रक्तस्राव शुरू हुआ और रुका नही। इतना खून बहा कि उसकी तड़प-तड़प कर मौत हो गई। मौत के बाद हंगामा हुआ और खबर पाकर पुलिस मौके पर पहुंच गई। लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज गया और परिजनों को कार्रवाई का भरोसा देकर शांत करा दिया गया।
पहला ऑपरेशन ही हो गया खराब
अमृतनगर निवासी सावित्री पत्नी तपन घरामी चार माह की गर्भवती थी। बीते शनिवार उसे गर्भ में दिक्कत महसूस हुई तो घरवाले उसे पास ही स्थित एक अस्पताल में ले आए। चिकित्सकों ने परीक्षण किया और ऑपरेशन के लिए बोल दिया। यहां चिकित्सकों ने सावित्री का ऑपरेशन कर दिया और खून अधिक बह जाने की वजह से उसकी हालत खराब हो गई। जिसके बाद सावित्री को काशीपुर के एक दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया।
काशीपुर में फिर चीर दिया पेट
काशीपुर पहुंचने के बाद चिकित्सकों ने यहां फिर से ऑपरेशन के लिए बोल दिया। परिजनों के पास और कोई रास्ता नही था। इधर, सावित्री की हालत बिगड़ती जा रही थी। चिकित्सकों ने एक बार फिर सावित्री का पेट चीर दिया, लेकिन इस बार उसकी रही-सही सांस भी रुक गई। मौत की खबर लगते ही परिजनों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया। मौत की खबर अमृतपुर पहुंची तो वहां से बड़ी संख्या लोग काशीपुर पहुंच गए। हंगामे की खबर पर पुलिस मौके पर पहुंची और बमुश्किल लोगों को शांत कराया।
अवैध ऑपरेशन थियेटर बनाने पर सील हुआ था अस्पताल
आपको बता दें कि कुछ माह पूर्व की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को सील किया और सख्त हिदायत दी थी कि अब यहां ऑपरेशन नही होंगे। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के आदेश को धता बताते हुए ऑपरेशन किया गया और सावित्री की मौत हो गई। आपको याद होगा कि तब खुद पूर्व डिप्टी सीएमओ डा. हरेंद्र मलिक ने अस्पताल की जांच की थी। यहां खामियां का अंबार था और आपरेशन थियेटर भी अवैध रूप से बनाये गए थे। जिसके बाद अस्पताल सील कर दिया था।
प्रसव की मंजूरी थी, ऑपरेशन की नही
सीलिंग की कार्यवाही के बाद अस्पताल फिर पुराने ढर्रे पर लौट आया, लेकिन अस्पताल में ऑपरेशन करने की इजाजत नही थी। हां ऑपरेशन रहित प्रसव कराया जा सकता था, लेकिन सब ताक पर रख दिया गया। बताया जाता है अस्पताल में कोई भी चिकित्सक नियमित नही है। वावजूद इसके रोजाना प्रसव कराए जाते हैं। बहरहाल, तपन ने अस्पताल के खिलाफ तहरीर दे दी है।