– इतने सारे हादसों में 32 हजार से ज्यादा लोगों के अंग भंग हो गए

सर्वेश तिवारी, डीडीसी। सपना एक समृद्ध उत्तराखंड का, लेकिन हुआ क्या? आज लोग उत्तराखंड की सड़क पर ही सुरक्षित नही हैं और ये खुद उत्तराखंड सरकार कहती है। 20 साल के युवा उत्तराखंड में अब तक 27 हजार से ज्यादा सड़क हादसे हुए। इन सड़क हादसों में 17 हजार से ज्यादा लोग बेमौत मारे गए और सबसे ज्यादा बुरा उन लोगों के साथ हुआ जो इन हादसों में बच तो गए, लेकिन आज अपाहिज हैं। तो क्या ये वही उत्तराखंड है, जिसे पाने के लिए कितने सारे लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी।

राज्य बनने के बाद से फरवरी 2021 तक
9 नवम्बर 2021 को उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ। राज्य बनने के बाद से अब तक यानी फरवरी 2021 तक प्रदेश में कुल 27,492 सड़क हादसे हुए। इन सड़क हादसों में 17,619 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। जबकि 32,084 लोग घायल हो गए। इन घायलों में ऐसे लोगों की संख्या अच्छी खासी है, जिन्होंने अपने शरीर का कोई न कोई अंग खो दिया।

मौत या घायल होने पर इतनी मिलती है आर्थिक मदद
उत्तराखंड सड़क परिवहन दुर्घटना राहत निधि नियमावली 2008 के अनुसार सार्वजनिक सेवायान से दुर्घटना होने पर मृत्यु और गंभीर रूप से घायल होने पर एक-एक लाख रुपए की सहायता प्रदान की जाती है। जबकि घायल होने की स्थिति में यदि व्यक्ति को 20 दिन तक अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है तो 40 हजार रुपए देने का प्रावधान है। जबकि सामान्य रूप से घायल होने पर 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

अब तक 16 करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद
उत्तराखंड सड़क परिवहन दुर्घटना राहत निधि से राज्य गठन के बाद से फरवरी 2021 के मध्य तक 16 करोड़ 82 लाख 51 हजार रुपए की धनराशि जारी की जा चुकी है। ये पैसा सड़क हादसों में मारे गए लोगों के परिजनों, गम्भीर घायलों और सामान्य घायलों को इलाज के लिए दिए गए। हालांकि मुआवजे के मरहम से लोगों की मदद तो की जा सकती है, लेकिन सड़क हादसों पर लगाम नही लगाई जा सकती है। आवश्यकता है कि सरकार हादसे रोकने के लिए कोई ठोस योजना बनाए।

हादसों पर नकेल कस रही पुलिस : यशपाल
परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने बताया कि उतराखंड में हो रहे सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने भी कमर कसी हुई। रैश ड्राइविंग, नशे में गाड़ी चलाना, नाबालिग बच्चों द्वारा वाहनों के इस्तेमाल को रोकने पर भी पुलिस की पैनी नजर बनी रहती है। जिलों के थाना इंचार्जों को सख्त हिदायत दी जाती है कि वाहनों की चेकिंग अभियान चलाएं। लापवाह ड्राइवरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए खुली छूट दी गई है।

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