
– एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाजे की सनसनीखेज हिस्ट्री
मुंबई, डीडीसी। मुंबई पुलिस का असिस्टेंट इंस्पेक्टर सचिन वाजे (Sachin Vaze) जिसे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाता है।डिपार्टमेंट में बदनाम और विवादों से पुराना याराना रखने वाले वाजे ने महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल ला दिया है। उसके वकील ने एक पत्र जारी करके महाराष्ट्र सरकार के एक और मंत्री पर करोड़ों की वसूली करने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है। एनआईए की गिरफ्त में सचिन आने वाले दिनों में कई और राज उगल सकता है। आखिर कौन है सचिन वाजे, जो अचानक इतनी चर्चाओं में आ गया है।
महाराष्ट्र में सियासी संकट बना वाजे
मुंबई पुलिस के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे राष्ट्रीय एजेंसी एनआईए की गिरफ्त में है। उसके वकील ने एक पत्र जारी किया है, जिससे महाराष्ट्र सरकार पर फिर संकट आ गया है। राज्य की सियासत में वाजे ऐसा शख्स बन गया है, जो लगातार अपने राज से राज्य के सत्ताधारी दल को मुश्किल में डाल रहा है। उसे एनआईए ने 13 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसे रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरपर्सन मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से भरी गाड़ी रखने की साजिश और गवाह मनसुख हिरेन की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
वाजे के नाम दर्ज हैं 63 एनकाउंटर
ऐसा पहली बार नहीं है जब सचिन वाजे विवादों में आया हो। वो इससे पहले भी कई तरह के केस और विवादों में फंस चुका है। उसकी पहली पोस्टिंग महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 1990 में हुई। तब वो एक सब इंस्पेक्टर था, लेकिन देखते ही देखते महाराष्ट्र पुलिस का हर आला अफसर और राजनीतिज्ञ उसे जान गया। उसकी पहचान अब एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर थी। उसके नाम अब तक 63 क्रिमिनल्स के एनकाउंटर्स हैं।
हिरासत में हत्या पर सस्पेंड हुआ वाजे
हिरासत में ख्वाजा यूनुस की हत्या के बाद उसे और अन्य तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। ख्वाजा पर दिसंबर 2002 में घाटकोपर विस्फोट धमाकों की साजिश रचने का आरोप लगा था। 27 वर्षीय ख्वाजा यूनुस सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई। सचिन वाजे को तब हत्या और सबूत नष्ट करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया।
सस्पेंड हुआ तो नौकरी से दे दिया इस्तीफा
इस मामले में सचिन वाजे 2004 में सस्पेंड हुआ। उसने 30 नवंबर 2007 में महाराष्ट्र पुलिस विभाग से इस्तीफा दे दिया। जांच होने के कारण इस्तीफा नामंजूर हो गया. साल 2008 में सचिन वाजे शिवसेना में शामिल हो गया. वो उसका प्रवक्ता भी बन गया. हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हाल ही में कहा कि सचिन वाजे 2008 तक ही शिवसेना के सदस्य था, अब उसका पार्टी से कोई संबंध नहीं.
उद्धव के CM बनते ही वापस मिला रुतबा
हालांकि ये बात सही है कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बाद उसकी महाराष्ट्र पुलिस में बहाली हो गई। 2020 में वो फिर मुंबई पुलिस में वापस लौटा। उसे क्राइम ब्रांच की खुफिया इकाई सीआईयू में सहायक पुलिस निरीक्षक बनाया गया। उसके बाद उसने कई हाई प्रोफाइल मामले संभाले। जिसमें टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) में हेराफेरी का मामला भी शामिल है।
शहर से बाहर जाना हो तो चार्टर प्लेन में जाता था वाजे
सचिन वाजे आमतौर पर पर सादे कपड़ों में रहता है। निलंबन के 16 वर्षों के दौरान उसका लाइफस्टाइल पूरी तरह बदल गया। वो देखते ही देखते कई सॉफ्टवेयर कंपनियों का मालिक बन गया। जिनका कारोबार करोड़ों का था। बताया जाता है कि वाजे के नाम से मुंबई के सबसे आलीशान होटल ट्राइडेंट ओबेरॉय में सुईट बुक रहता था। उसके पास दो मर्सीडीज, एक लैंड क्रूजर और एक वॉल्वो एसयूवी लक्ज़री गाडी थी। मुंबई से बाहर जाने के लिए वो चार्टर प्लेन का इस्तेमाल करता था। उससे मुंबई के सट्टेबाज़, ड्रग तस्कर, डांस बार मालिक और बड़े बड़े बिल्डर घबराते थे।
टेक्नोलॉजी से सुलझाए थे कई केस
सचिन वाजे को उसकी टेक्नॉलॉजी पर पकड़ और गजब की साइबर क्षमता के लिए भी जाना जाता है। उसके हाथों में लगातार नए और आधुनिक इलैक्ट्रॉनिक गेजेट्स नजर आते थे। माना जाता है कि उसने मुंबई पुलिस में सेल फोन इंटरसेप्शन यूनिट और ईमेल ट्रैकिंग यूनिट बनाकर कई केस सुलझाए थे। पहली बार वो लाइमलाइट में तब आया जब उसने 1997 में इंटरनेशऩल क्रेडिट कार्ड फ्राड मामले को उजागर करके एक गैंग को पकड़ा। महाराष्ट्र पुलिस के तमाम नए नियमों, मैन्युअल्स और दिशा निर्देश बनाने में उसकी भूमिका रहती थी।