
– नियम तोड़ने वाला बच गया, बचाने में चली गई चौकी इंचार्ज अमर की जान
हल्द्वानी, डीडीसी। होली में लाख कोशिशों के बावजूद गौला बैराज में नहाने वाले नहीं रुके और इसका खामियाजा एक चौकी प्रभारी को अपनी जान देकर भरना पड़ा। मामले में नियम तोड़ कर एक व्यक्ति बैराज में नहाते वक्त डूबने लगा और नियम तोड़ने वाले को बचाने में मल्ला काठगोदाम चौकी प्रभारी अचानक उठी भंवर में फंसकर डूब गए। हालांकि अमरपाल खुद एक अच्छे तैराक थे, लेकिन वो अपनी जान नहीं बचा सके। खास बात यह है कि शनिवार को पुलिस भी होली मना रही थी।
रोक के बावजूद बैराज में नहाने गए लोग
काठगोदाम से गुजरी गौला नदी पर गौला बैराज का निर्माण हुआ है और बैराज पर्यटन के तौर पर विकसित हो चुका है। त्योहार और छुट्टियों के दिन यहां भारी भीड़ जमा होती है। खास तौर पर होली के दिन होली के खेलने के बाद लोग नहाने के लिए गौला नदी और गौला बैराज जाते हैं। रंग खेलने और शराब के नशे में नहाने वक्त अकसर हादसे होते हैं और डूब कर लोगों की जान चली जाती है। इसी को देखते हुए काठगोदाम गौला बैराज में होली के दिन आम लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई थी। बावजूद इसके कुछ लोग बेरीकेडिंग पार कर नहाने के लिए बैराज में दाखिल हो गए।
पुलिस शिकायत प्राधिकरण में तैनात है नियम तोड़ने वाला
जब इसकी खबर मल्ला काठगोदाम चौकी प्रभारी अमरपाल यादव को मिली तो वह कां.संजय साहनी और का.प्रमोद कुमार के साथ मौके पर जा पहुंचे और अनावश्यक रूप से घूम रहे लोगों को भगाना शुरू कर दिया। इसी दरम्यान बैराज में नहा रहा पुलिस शिकायत प्राधिकरण में संविदा कर्मी दीपक डूबने लगा। उसके चीखने पर जल पुलिस के कां. प्रताप गड़िया और अमरपाल ने बैराज में छलांग लगा दी। प्रताप ने दीपक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन अमर पाल अचानक उठी भंवर में फंस गए और उनकी मौत हो गई।
बताया गया कि अमरपाल तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनका एक भाई उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही है और दूसरा उत्तराखंड पुलिस में।
सुसाइड प्वाइंट बन रहा था गौला बैराज
गौला बैराज में एक वक्त सुसाइड प्वाइंट बनता जा रहा था। जिसके बाद पुलिस और जल संस्थान ने कड़े कदम उठाए और बैराज के आस-पास जाने और नहाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया। इस बैराज में अब तक कई लोग कूद कर आत्महत्या कर चुके हैं और कइयों को बचाया भी जा चुका है। ऐसा ही एक मामला 27 अक्टूबर 2018 का है। जहां सूदखोरों से परेशान दमुवाढूंगा निवासी 35 वर्षीय महेश चंद्र ने बैराज में कूद कर जान दे दी। हालांकि इस मामले में दो लोगों पर हत्या का आरोप भी लगाया गया था।