
– बिना किसी विरोध की इस अनोखी शादी की पूरे देश में चर्चा
बांसवाड़ा, डीडीसी। खबर गजब की है और वजह भी। इस जिंदगी में एक बीवी से पार पाना भले मानुष को भारी पड़ जाता है, उस पर अगर एक ही घर मे दो-दो घरवाली हो तो क्या होगा। जाहिर ये ये सुनकर अपका दिमाग उलझन में पड़ जाएगा। मस्तिष्क सुन्न पड़ जाएगा और एक ही छत के नीचे दो-दो बीवियां रखने का ख्वाब दिल में ही घुट जाएगा, लेकिन ऐसा गजब का वाक्या सामने आया है। एक पंडित था, मंडप भी एक ही और दूल्हा भी एक, लेकिन दुल्हनें दो। अगर आपको लगता है कि इसमें कुछ पंगा है तो आप गलत हैं। क्योंकि शादी भी धूमधाम से हुई और एक दूल्हे के साथ दोनों दुल्हनों की बिदाई भी। तो आइए जानते हैं कि ये कारनामा हुआ कैसा। बता दें ये मामला राजस्थान (Rajasthan) के बांसवाड़ा (Bansvada) जिले का है।
दिनेश की दो बीवी, एक सीता-दूसरी गीता
आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा शहर से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित है आनंदपुरी पंचायत का कड़दा गांव और इसी गांव में हुई है ये अनूठी शादी (Unique Wedding). 24 अप्रैल को कड़दा के दिनेश ने दो दुल्हनों से शादी की। दिनेश ने जिन दो युवतियों (Married two young women) से शादी की वो दोनों अलग-अलग गांव की रहने वाली हैं। एक का नाम सीता है तो दूसरी का नाम गीता है। इस शादी के दौरान समाज के वे सभी लोग मौजूद थे जो सामान्य रूप से शादियों में हुआ करते हैं। इस विवाह से किसी को आपत्ति भी नहीं थी। शनिवार रात को यह शादी पूरे परंपरागत रीति रिवाज के साथ हुई। इस आदिवासी अंचल में एक से अधिक पत्नी रखने की सामान्य प्रथा है, लेकिन एक ही मंडप में दो युवतियों से शादी करने का यह पहला मामला है।
ये है आदिवासी अंचल की नातरे परंपरा
आदिवासियों में यह परंपरा भी है खास
आदिवासी व्यक्ति को यदि कोई महिला भा जाए और दोनों एक-दूसरे के साथ रहने के लिए राजी हों तो महिला अपने पहले पति और परिवार को छोड़कर दूसरे के साथ रहने के लिए चली जाती है। इसे यहां नातरे कहा जाता है। इसी नातरे प्रथा के तहत यहां पर बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनकी एक से ज्यादा पत्नियां हैं।