
उदयपुर, डीडीसी। हत्या और आत्महत्या के मामला, इस मामले को जिसने भी अपनी नंगी आंखों से देखा उसकी सांस हलक में अटक गई। एक सनकी ने पहले तो अपने बच्चों की गर्दन काट कर उन्हें बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। फिर पत्नी की गर्दन भी हलाल कर दी है। पांचों का बेरहमी से कत्ल करने के बाद हत्यारे ने अपनी जान भी ले ली। उसने गांव में ही लगे एक पेड़ से फंदा फंसा कर जान दे दी। पूरा मामला उदयपुर के खेरवाड़ा थाना इलाके की है।
लॉक डाउन बनी रक्त रंजित वारदात की वजह
खेरवाड़ा थाना इलाके के रोबिया गांव में रणजीत मीणा (30) अपनी पत्नी कोकिला, चार बच्चों में छह वर्षीय जसोदा, पांच वर्षीय लोकेश, चार वर्षीय गंजी तथा एक वर्षीया गुड्डी के साथ रहता था। गांव वालों की माने तो लॉक डाउन की वजह से रणजीत की नौकरी चली गई थी और तब से पूरा परिवार लगातार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। कत्ल की रात यानी गुरुवार को भी संभवतः इसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ और फिर वारदात।
बंद दरवाजे के पीछे बह रही थी खून की धार
बीवी और बच्चों को रणजीत रात ही मौत के घाट उतार चुका था। रात झगडे की आवाज भी गांव वालों ने सुनी। फिर देर रात रणजीत ने फांसी लगा ली। सुबह लोगों ने पेड़ से लटकती रणजीत को लाश देखी तो खबर लेकर उसके घर पहुंचे, लेकिन दरवाजे पर ताला लगा था और दरवाजे के पीछे से खून बह रहा था। पुलिस पहुंची तो ताला तोड़ा गया और फिर अंदर का नजारा जिसने भी देखा उसकी आवाज हलक में अटक कर रह गई।
बयान और कल्पना के आधार पर मुकदमा
पुलिस ने गांव वालों के बयान और बयान के आधार पर तैयार की गई कल्पना को मुकदमे का आधार बनाया है। जिसमें रणजीत को कातिल और फिर खुद आत्महत्या करना बताया गया है। पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक कैलाश विश्नोई ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी, लेकिन स्थानीय लोगों से पूछताछ में पता चला है कि रणजीत की लॉकडाउन में नौकरी चली गई थी। तभी से पूरा परिवार आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा था।