मुकेश बोरा के मददगार परिवहन कर अधिकारी पर मुकदमा

– हारबरिंग ऑफेंस की धारा के तहत मुकदमे में शामिल किया गया नाम अधिकारी का नाम

Case filed against Mukesh Bora’s helper, DDC : नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के फरार अध्यक्ष मुकेश बोरा की मदद करने वाले परिवहन कर अधिकारी नंदन आर्या आखिरकार कानूनी शिकंजे में फंस ही गए। पुलिस ने उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले में पुलिस को इस बात को ठोस सुबूत मिले हैं कि नंदन आर्या फरार के दौरान लगातार मुकेश के संपर्क में था। जिसकी पुष्टि नंदन आर्या के मोबाइल से हुई है।

मुकेश बोरा पर दुग्ध संघ में आउटसोर्स के जरिये नौकरी पर लगी महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए एक सितंबर को लालकुआं कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। महिला ने जो आरोपी लगाए थे, वह सही पाए गए हैं। मुकेश पर महिला की नाबालिग बेटी से भी छेड़छाड़ का आरोप लगा। जिसके बाद मुकदमे में पॉक्सो की धारा बढ़ाई गई।

मामले में 19 जुलाई की रात मुकेश के उत्तराखंड से भाग जाने की बात सामने आई थी और आरोप लगा था कि भागने में परिवहन कर अधिकारी नंदन आर्या और नेत्री की उसकी भागने में मदद की थी। जिसके लिए एक टैक्सी बुक कराई गई थी। जांच शुरू हुई तो यह पुष्टि हो गई कि मददगार नंदन आर्या था। नंदन वर्तमान जसपुर में हैं।

पुलिस आरोपी परिवहन कर अधिकारी से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने मुकेश के खिलाफ दर्ज मुकदमे में नंदन को नामजद करते हुए हारबरिंग ऑफेंस की धारा के तहत उसका नाम शामिल किया है। सीओ नितिन लोहनी ने बताया कि फरार आरोपी की मदद करने के आरोप में नंदन को नामजद किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। मददगारों में कई लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।

फंसते ही मेडिकल लीव पर चला गया नंदन
परिवहन अधिकारी को पकड़े जाने का डर पहले से था। यही वजह से है कि पकड़े जाने से पहले ही उसने छुट्टी पर जाने का इंतजाम कर लिया था। नंदन प्रसाद आर्या ने परिवहन विभाग को एक चिकित्सा अवकाश का पत्र भेजा है। उसने 18 सितंबर 2024 से तबियत ठीक होने तक अवकाश पर रहने की बात कही है। सूत्रों का कहना है कि चिकित्सकीय प्रमाण-पत्र में एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल रामनगर रोड काशीपुर की ओपीडी का पर्चा संलग्न है।

हल्द्वानी में है मुकेश, आज कर सकता है सरेंडर
मुकेश बोरा के यहां-वहां होने की खबरों के बीच पता चला है कि मुकेश बोरा हल्द्वानी में है। वह लगातार करीबियों के संपर्क में है और मंगलवार को कोर्ट में सरेंडर कर सकता है। इधर, मुकेश के सरेंडर की चर्चा के बीच पुलिस सोमवार को ही सक्रिय दिखी। जजी कोर्ट के आस-पास पुलिस ने कड़ा इंतजाम किया था। यहां तैनात पुलिस बल के ज्यादातर कर्मचारी सादी वर्दी में थे। इधर, पुलिस भी दावा कर रही है कि सात टीमें मुकेश की तलाश में हैं और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

डीआईजी और जिला पुलिस के ग्रुप में है मुकेश
पिछले 23 दिनों से मुकेश बोरा लगातार पुलिस को चकमा दे रहा है। सात-सात टीमें भी उसे गिरफ्तार नहीं कर पा रहीं। इन सबके बीच पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने वाजिब हैं, वो भी तब जब यह पता लगता है कि पुलिस जिसे कोने-कोने में तलाश कर रही है वह पुलिस पर लगातार नजर रख रहा है। जिला पुलिस और डीआईजी ने पुलिस को जो ग्रुप मीडिया के लिए बनाया था, उसमें मुकेश बोरा को भी जोड़ रखा है। जबकि दुग्ध संघ के ग्रुप से एक-एक कर मीडिया कर्मियों को हटा दिया गया।

नंबर बदल रहे मुकेश की कुछ और धाराओं से कसेगी गर्दन
मुकेश की फरारी के दिन जितने बढ़ रहे हैं, उसकी गर्दन कानूनी धाराओं से उतनी ही कसती जा रही है। सुबूतों से भरा मोबाइल मुकेश पहले ही गायब कर चुका है। अब पुलिस को चकमा देने के लिए वह लगातार नंबर बदल रहा है। जिन आईडी से वह सिम खरीद रहा है, वह लोग भी पुलिस के निशाने पर हैं। इसके अलावा स्टे रूल तोड़ने और पुलिस जांच में सहयोग न करने का भी वह आरोपी बन चुका है। जल्द ही मुकदमे में मुकेश के खिलाफ कुछ और धाराएं बढ़ाई जा सकती हैं।

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