– हॉस्पिटल के सर्वेंट क्वाटर में अपनी चिकित्सक ननद के साथ रहती थी नर्स, पिता ने लगाया हत्या का आरोप
Nurse dies in Shankar Hospital, DDC : कोतवाली हल्द्वानी क्षेत्र के शंकर हॉस्पिटल में काम करने वाली नर्स की मौत हो गई। उसके गले में फंदा कसा था और लाश फर्श पर पड़ी थी। घटना रविवार रात है और इतनी बड़ी घटना को राजपुरा चौकी प्रभारी नरेंद्र कुमार डकार गए। घोर लापरवाही बरतने पर एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने चौकी प्रभारी नरेंद्र को निलंबित कर दिया। इसके अलावा पुलिस लाइन के मुख्य गेट पर ड्यूटी से गायब सिपाही सुनील कुमार को भी निलंबित कर दिया है। बहरहाल, अस्पताल में मौत का पता तब लगा जब हॉस्पिटल में ही काम करने वाली ननद डॉक्टर सर्वेंट क्वाटर में पहुंची।
मूलरूप से शरीफनगर ठाकुरद्वारा मुरादाबाद उत्तर प्रदेश निवासी राबिया खातून (26 वर्ष) पुत्री महबूब अली हल्द्वानी के रामपुर रोड समता आश्रम गली में स्थित शंकर हॉस्पिटल में बतौर नर्स काम करती थी। राबिया की ननद नाजिया भी इसी हॉस्पिटल में बतौर चिकित्सक काम करती है। दोनों अस्पताल में ही बने सर्वेंट क्वाटर में रहते हैं। नाजिया ने पुलिस ने को बताया कि रविवार को उसकी दोपहर 2 से रात 8 बजे की ड्यूटी थी। करीब साढ़े 8 बजे वह सर्वेंट क्वाटर में बने कमरे में पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद पाया।
ननद ने आवाज लगाई और जब राबिया का जवाब नहीं मिला तो दरवाजे को धक्का दिया। नाजिया के मुताबिक हल्के धक्के से ही दरवाजा खुल गया। उसने अंदर देखा तो फर्स पर राबिया का शव पड़ा था। उसके गले में दुप्पटे से बना फंदा कसा था और छत से लटक रहे पंखे के पंख टेढ़े थे।
आनन-फानन में उसने इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन और पुलिस को दी। सूचना मिलते ही कोतवाल राजेश कुमार यादव मौके पर पहुंच गए। उनका कहना है कि मामला संदिग्ध है। हत्या और आत्महत्या के एंगल से जांच की जा रही है। मौत की असल वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद सामने आएगी। मामले में मृतका के पिता महबूब ने हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है।
न चोट न संघर्ष के निशान, पंखे ने पैदा किया संदेह
घटना के बाद पुलिस के साथ फॉरेंसिक यूनिट ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल की। कमरे न पुलिस को न कोई सुसाइड नोट मिला और न ही संघर्ष के निशान। इसके अलावा शव पर चोट के निशान नहीं पाए गए, लेकिन छत से लटके पंखे के टेढ़े पंख संदेह पैदा कर रहे हैं। दरअसल, सुसाइड केस में अमूमन ऐसा नहीं देखा जाता कि पंखे से फंदा कसने और लटकने के बाद कोई नीचे गिर जाए। यदि किसी वजह से फंदा खुल भी जाता है तो पंखे के पंखों का टेढ़ा होना स्वाभाविक नहीं है। चूंकि कमरे के अंदर से लगने वाली दरवाजे की कुंडी भी आसानी से खुल जाती है तो हत्या के संदेह पैदा होता है।
जहर खाने से सिडकुल कर्मी की मौत
जहर खाने से सिडकुल कर्मी की मौत हो गई है। पुलिस के अनुसार हल्दूधार बिंदुखत्ता लालकुआं निवासी 22 वर्षीय रिंकी पुत्री शिवराम सिडुकल की एक कंपनी में काम करती थी। रविवार को रिंकी ने घर में रखा जहर खा लिया। हालत बिगड़ने पर परिजन उसे डॉ.सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। यहां पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।