= 2 दिन रविवार-सोमवार को हुई कार्यवाही, 17 मदरसे सील किए गए, 21 मदरसे जिले में हो चुके हैं सील
Illegal madrasas sealed, DDC : जिला प्रशासन की अवैध ढंग से संचालित हो रहे मदरसों के खिलाफ छापेमारी लगातार दूसरे दिन सोमवार को भी जारी रही। चार मदरसों को सील किया। एक मस्जिद में बच्चे तालीम लेते मिले। ऐसे में मस्जिद प्रबंधन ने मदरसे को सील करने के बजाय उसे अपनी अंडर टेकिंग ले लिया। एडीएम विवेक रॉय के नेतृत्व में प्रशासन, नगर निगम, राजस्व व पुलिस फोर्स की संयुक्त टीम ने सोमवार को उजाला नगर पहुंचीं। टीम ने यहां मदरसों की वैधता जांच की। मदरसों के पास उत्तराखंड मदरसा बोर्ड से पंजीयन नहीं था। इस पर तीन मदरसों को सील कर दिया गया।
इस बीच टीम को जांच में पता चला कि एक मस्जिद में बच्चों को तालीम दी जाती है। इस पर टीम ने मस्जिद प्रबंधन से फिर से ऐसा नहीं करने की अंडर टेकिंग ली। इसके बाद टीम सीधे जवाहर नगर पहुंची, जहां एक मदरसा अवैध ढंग से संचालित होता मिला। टीम ने तत्काल मदरसे को सील कर दिया। साथ ही एक कार्यालय को भी सील किया। टीम ने चार मदरसे सील किए।
जिला प्रशासन की दो दिवसीय कार्यवाही में हल्द्वानी में 17 मदरसे सील कर दिए गए हैं जबकि कुल 18 मदरसे हैं। वहीं, कालाढूंगी में भी चार मदरसे सील किए गए थे। इस तरह जनपद नैनीताल में अब तक कुल 21 मदरसे सील किए जा चुके हैं।
एडीएम रॉय ने बताया कि हल्द्वानी में मदरसों की चेकिंग की गई इसमें नियम व मानकों के विरुद्ध संचालित होते हुए 17 मदरसे मिले जिन्हें नियमानुसार सील कर दिया गया है। इसी के साथ ही एक मस्जिद में बच्चों को तालीम दी जा रही थी जिनसे ऐसा नहीं करने की अंडर टेकिंग ली गई है। टीम में एसपी सिटी प्रकाश चंद, नगर आयुक्त ऋचा सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी, एसडीएम परितोष वर्मा एवं रेखा कोहली, सीओ नितिन लोहनी, जिला समाज कल्याण अधिकारी विश्वनाथ, तहसीलदार मनीषा बिष्ट एवं कुलदीप पांडे, एसएनए गणेश भट्ट मौजूद रहे।
भारी पुलिस फोर्स रही तैनात
मदरसों की सीलिंग कार्यवाही के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद था। 1 एसपी, 2 सीओ, 4 इंस्पेक्टर, 15 सब इंस्पेक्टर, 100 कांस्टेबल, दो कंपनी पीएसी, बम निरोधक दस्ता, ड्रोन टीम, खुफिया एजेंसियां, दमकल, आंसू गैस छोड़ने वाली गनों से लैस टीम भी थी।
मकतब को लेकर बनी संशय की स्थिति
मदरसों की चेकिंग के दौरान मकतब को लेकर संशय की स्थिति बनी। दरअसल, ऐसा स्थान जहां बच्चों को सिर्फ दीनी तालीम दी जाती है लेकिन कोई डिग्री वगैरह नहीं दी जाती है। उदाहरण के लिए प्राइमरी स्कूल की तरह मकतब होते हैं। इन पर कार्यवाही को लेकर संशय की स्थिति बन गई।
कार्रवाई से पूर्व किया सर्वे
प्रशासन ने मदरसों के खिलाफ कार्रवाई से पूर्व सर्वे किया था। इसके अंतर्गत मार्च के अंतिम व अप्रैल के प्रथम हफ्ते में मदरसों की स्थिति जैसे पता, बच्चों की संख्या, वर्तमान स्थिति आदि का ब्योरा जुटाया गया था। सर्वे पूरा होने के बाद ही प्रशासन ने मदरसों की चेकिंग शुरू की। इसमें अधिकांश मदरसे जांच में वैध नहीं मिले।