Breaking News
खुले गंगोत्री धाम के कपाट, 2 मई को खुलेंगे केदारनाथ के कपाट, जानें चारधाम यात्रा 2025 के बारे में
एक्शन में एसएसपी मीणा, 5 दिन में दो दरोगा समेत 6 सस्पेंड
शंकर हॉस्पिटल में नर्स की मौत, मौत छिपाने वाला राजपुरा चौकी प्रभारी निलंबित
आवारा कुत्तों ने नोंचा जबड़ा, तीन में दो बच्चे एम्स रेफर
हल्द्वानी डिपो की बस ने एमकॉम की छात्रा को रौंदा, उछलकर खेत में गिरी सहेली
चोरगलिया हाईवे पर धू-धू कर जली कारें, 1 की मौत और 7 घायल
टक्कर के बाद फटे बाइक के पेट्रोल टैंक, जिंदा जलकर मर गए दो लोग
सॉस के पल्प में फफूंदी, पैरों तले कुचली जा रही थी चाऊमीन
UK बादशाह ने महिलाओं को धमकाया, नही चेते तो हश्र कल्पना जैसा होगा

खुले गंगोत्री धाम के कपाट, 2 मई को खुलेंगे केदारनाथ के कपाट, जानें चारधाम यात्रा 2025 के बारे में

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई पहली पूजा, फूलों से सजाया जा रहा केदारनाथ धाम

chardham yatra 2025, DDC : विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीय (30 अप्रैल) के पावन पर्व पर श्रद्धालुओं दर्शन के लिए खोल दिए गए। अब निरंतर छह माह तक गंगोत्री धाम मां गंगा के दर्शन करेंगे। बुधवार सुबह 10 बजकर 30 मिनट के अभिजीत मुहूर्त पर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए। कपाटोद्धघाटन मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगोत्री धाम पहुंचकर मां गंगा के दर्शन किए। पीएम मोदी के नाम से पहली पूजा की गई। दो मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। मंदिर को सजाने का काम शुरू कर दिया गया है।

गंगोत्री धाम के खुले कपाट और उमड़े श्रद्धालु।
गंगोत्री धाम के खुले कपाट और उमड़े श्रद्धालु।

चारधाम यात्रा के नाम से प्रसिद्ध तीर्थयात्रा सर्किट केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की तीर्थयात्रा है। ये स्थान उत्तराखंड के सबसे पवित्र मंदिर हैं। ये इतने पवित्र हैं कि लाखों हिंदू अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए यहां आते हैं। चारधाम यात्रा हर साल अप्रैल में होती है और सितंबर-अक्टूबर में समाप्त होती है। इन मंदिरों के पुजारी इन मंदिरों के खुलने और बंद होने की तारीखों की घोषणा करते हैं। इस यात्रा में पर्यटक न केवल इन मंदिरों बल्कि उत्तराखंड के कुछ प्रसिद्ध स्थानों पर भी जाते हैं।

ये चार प्राचीन मंदिर चार पवित्र नदियों के आध्यात्मिक स्रोत भी हैं: यमुना नदी का उद्गम यमुनोत्री से होता है, अलकनंदा नदी बद्रीनाथ से निकलती है, पवित्र गंगा गंगोत्री से निकलती है और मंदाकिनी नदी केदारनाथ से बहती है।

चारधाम मंदिरों के बारे में
आठवीं शताब्दी में प्रसिद्ध हिंदू दार्शनिक और सुधारक आदि शंकराचार्य ने हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने और एकीकृत करने के लिए चार धाम यात्रा की शुरुआत की। आज दुनिया भर से हज़ारों भक्त इस पवित्र तीर्थयात्रा में भाग लेते हैं।

2025 में चारधाम के खुलने/बंद होने की तिथियां
बद्रीनाथ केदारनाथ गंगोत्री यमुओत्री
बद्रीनाथ धाम : बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु के दिव्य रूप को समर्पित है, जिन्हें बद्रीनारायण के नाम से जाना जाता है। बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि 4 मई 2025 है। मंदिर के पुजारियों ने बसंत पंचमी के दिन तिथियों की घोषणा की। 2025 के लिए बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा राज पुरोहित द्वारा बसंत पंचमी के दिन की गई है।

यहां कराएं चारधाम यात्रा पंजीकरण
https://www.shrineyatra.in/char-dham-biometric-registration

चारधाम क्यों?
चारधाम हिंदू धर्म में चार पवित्र स्थल हैं, जो उत्तराखंड में हिमालय की ऊंची पहाड़ियों के बीच बसे हैं। चार धाम सर्किट में यमुनोत्री , गंगोत्री , केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं। इन पवित्र स्थलों का आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है, कई हिंदू मानते हैं कि इनके दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। कई लोगों के लिए अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार इन तीर्थस्थलों पर जाना एक गहरा लक्ष्य होता है।

किसी को पवित्र तीर्थ यात्रा क्यों करनी चाहिए?
हिंदू धर्म में तीर्थ यात्रा (तीर्थयात्रा) धर्म, पूजा, संस्कार और धार्मिक त्योहारों को मनाने के साथ-साथ पांच प्रमुख कर्तव्यों में से एक है। तीर्थयात्रा व्यक्ति की इच्छाशक्ति, विनम्रता और विश्वास की परीक्षा लेती है। भक्त अपनी चिंताओं को पीछे छोड़कर पूरी तरह से भगवान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए दूरदराज और चुनौतीपूर्ण स्थानों की यात्रा करते हैं।

नोट : ShrineYatra.in भारत में विभिन्न हिंदू तीर्थ स्थलों के लिए बजट, डीलक्स और लक्जरी टूर पैकेज का आयोजन करता है। ShrineYatra चारधाम यात्रा गाइड के साथ नवीनतम चारधाम पैकेज के साथ आवास और होटल प्रदान करता है!

चारधाम यात्रा मार्ग (4 धामयात्रा यात्रा सर्किट)
अगर हम पारंपरिक चार धाम यात्रा मार्ग से चलें, तो यह यमुनोत्री से शुरू होकर गंगोत्री तक जाती है। इसके बाद तीर्थयात्री केदारनाथ और बद्रीनाथ जाते हैं। इसलिए यमुनोत्री और गंगोत्री इस उत्तराखंड चार धाम यात्रा के पहले स्थान हैं । तीर्थयात्री इन स्थानों पर पवित्र कुंडों में स्नान करते हैं और फिर केदारनाथ और बद्रीनाथ की ओर बढ़ते हैं। उत्तराखंड के चार धामों को भारत के छोटे चार धाम के रूप में भी जाना जाता है।

लोकप्रिय मार्ग:
हरिद्वार →देहरादून →मसूरी →बरकोट →यमुनोत्री →उत्तरकाशी →हरसिल →गंगोत्री →गुप्तकाशी →केदारनाथ →जोशीमठ →बद्रीनाथ →रुद्रप्रयाग →देवप्रयाग →ऋषिकेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top