7वें दिन पत्थर के नीचे फौजी, 5वें दिन जंगल में मिली आकाश की लाश

– 9 जुलाई को दोस्तों के साथ बमेटा गांव के गधेरे में नहाने गया था फौजी हिमांशु, 11 जुलाई को धनगढ़ी नाले में बह गया था आकाश

Dead bodies of soldier and petrol pump worker found, DDC : भीमताल विकासखंड के बमेटा गांव से बहे फौजी हिमांशु का शव 7वें दिन घटना स्थल से महज 50 मीटर की दूरी से बरामद कर लिया गया। वहीं हल्द्वानी में देवखड़ी नाले के उफान में बहे पेट्रोल पंप कर्मी आकाश का शव जयपुर बीसा के जंगल से बरामद किया गया। फौजी का शव सर्च अभियान के दौरान मिला, जबकि आकाश का शव जंगल से लकड़ी लेने गई एक महिला ने देखा। शवों के मिलने के बाद से दोनों परिवारों में कोहराम मचा है।

मूलरूप से बागेश्वर के रहने वाले कुमाऊं रेजीमेंट के नाइन कुमाऊं की यूनिट में तैनात हिमांशु दफौटिया (25 वर्ष) पुत्र पुष्कर सिंह दफौटिया कुसुमखेड़ा में परिवार के साथ रहते थे। बीती 9 जुलाई को वह अपने फौजी दोस्त दीप नेगी पुत्र नंदन सिंह निवासी सोमेश्वर अल्मोड़ा, आकाश बिष्ट पुत्र लाल सिंह निवासी शेरपुर देहरादून, चंदन सिंह निवासी मानपुर वेस्ट हल्द्वानी के साथ नहाने गए थे।

सभी भीमताल के धारी ब्लॉक के पदमपुरी मार्ग पर स्थित बमेटा गांव के पुल से लगे गधेरे में नहा रहे थे। तेज बहाव के चलते हिमांशु डूब गया। साथी उसे बचाने गधेरे में कूदे, लेकिन उसका पता नहीं चला। उसी दिन से धारी तहसील की टीम, पुलिस, एसडीआरएफ और फायर यूनिट हिमांशु की टीम की तलाश कर रहे थे। 7वें दिन 15 जुलाई को उसका शव घटना स्थल से महज 50 मीटर दूर पत्थर के नीचे दबा मिला।

इधर, मूलरूप से सुभाषनगर चौपुला ओवरब्रिज बरेली उत्तर प्रदेश निवासी आकाश उर्फ नरपाल सिंह (40 वर्ष) नैनीताल रोड स्थित एक पेट्रोल पंप में काम करता था और दमुवाढूंगा में पत्नी, तीन बेटियों और बहन के साथ रहता था। भारी बारिश के चलते 11 जुलाई की रात आकाश बाइक समेत देवखड़ी नाले में बह गया। तब से उसकी लगातार तलाश की जा रही है, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला।

घटना के 5वें दिन 15 जुलाई को बरेली रोड स्थित जयपुर बीसा की कुछ महिलाएं जंगल में लकड़ियां लेने गईं। यहां उनकी निगाह कीचड़ में औंधे मुंह पड़े युवक पर पड़ी। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। परिजनों ने उसकी शिनाख्त आकाश के रूप में की। पोस्टमार्टम के बाद परिजन आकाश के शव को बरेली ले गए। जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया।

84 घंटे बाद मृत मिला आकाश, 14 किमी तैरी लाश पहुंची जंगल
आकाश का शव 84 घंटे बाद बरामद किया गया। देवखड़ी नाले में बहा आकाश सिंचाई विभाग की नहर में पहुंचा। उसका शव टेढ़ी पुलिया स्थित नहर से होते हुए एसबीआई, मुखानी, डॉ.सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय होते हुए तीनपानी नहर पहुंची और यहां से उसका शव जयपुर बीसा के जंगल पहुंच गया। सिंचाई विभाग की नहर इसी जंगल में जाकर खुलती है। नहर में शव करीब 14 किलोमीटर तक तैरा। प्रशासन के मुताबिक शव बहकर घटना के ही दिन जयपुर बीसा पहुंच गया था।

आकाश की मौत का पता, फिर भी प्रार्थना कर रहा था परिवार
जिस आकाश को परिवार और पुलिस-प्रशासन पिछले पांच दिनों से तलाश रहे थे, उसके मौत की खबर घर पहुंची। परिवार को आकाश की मौत का अंदेशा पहले ही था, लेकिन भगवान से उसके जिंदा होने की प्रार्थना कर रहे थे। उन्होंने आकाश की खबर देने वाले को 20 हजार रुपये ईनाम की घोषणा भी कर दी थी। इधर, सोमवार को जब मौत की खबर परिजनों तक पहुंची परिवार में कोहराम मच गया। पत्नी, तीन बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल था और पिता बदहवास हो चुका था।

बात मान लेते तो बच जाती हिमांशु की जान
बमेटा पुल के पास गधेरे में जिस जगह हिमांशु पने चार फौजी दोस्तों के साथ नहा रहा था। उस जगह एक बुजुर्ग व्यक्ति पहुंचा था। उसे पता था कि बरसात के मौसम में गधेरा कभी भी उफना सकता है। बुजुर्ग ने सभी को नहाने से मना किया था। जिसके बाद चार दोस्त वापस आ गए थे, लेकिन हिमांशु गधेरे में नहाता रहा। तभी अचानक पानी का बहाव तेज हो गया और हिमांशु बह गया। अब जब उसका शव मिला तो फिर दोस्त उस बुजुर्ग को याद कर सिर्फ अफसोस कर रहे हैं।

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