जीजा और साले से जंगल में लूट, जीजा का अपहरण

– पिथौरागढ़ से नेपाल से मजदूर लेने जा निकले थे नेपाली मूल के जीजा-साले के साथ हल्द्वानी से निकलते ही लूटा

Robbery and kidnapping in Haldwani, DDC : पिथौरागढ़ से नेपाल मजदूर लेने निकले नेपाली मूल के जीजा-साले को बदमाशों ने बुरी तरह पीटकर लूट लिया। जंगल में हुई लूट की इस घटना में साला तो किसी तरह बच निकलने में कामयाब हो गया, लेकिन बदमाशों ने जीजा का अपहरण कर लिया। कार में जीजा-साले के साथ नेपाली मूल के दो और युवक सवार थे। इन दोनों का भी कुछ पता नहीं है। घटना को टैक्सी चालक व उसके चार से पांच साथियों ने मिलकर अंजाम दिया है। पीड़ित ने कोतवाली पुलिस को तहरीर सौंपी है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

मजदूर लेने 56 हजार लेकर निकला था सोम
माहीपुर, थाना भुरीगांव, जिला वर्दिया, नेपाल निवासी सोम प्रसाद पुत्र राजा राम बारू पेशे से मजदूर है। वह रीठा रतोली, थाना बेरीनाग, जिला पिथौरागढ़ में ठेकेदार गिरीश आगरी पुत्र बिरखिया आगरी के लिए काम करता है। सोम के मुताबिक ठेकेदार गिरीश को 10-15 मजदूरों की जरूरत थी। बीती 26 नवंबर को ठेकेदार ने सोम को 56 हजार रुपये दिए। ठेकेदार ने कहा, यह रुपये ले जाओ और अपने गांव से मजदूरों को लेकर आना।

रुद्रपुर का झांसा देकर साथ ले गया टैक्सी चालक
सोम उसी दिन साथ काम करने वाले जीजा पहाड़ी थारू के साथ नेपाल के लिए निकल पड़ा। दोनों उसी रोज करीब साढ़े 3 बजे बेरीनाग से हल्द्वानी पहुंचे। हल्द्वानी बस अड्डे के पास दोनों आगे जाने के लिए साधन ढूंढ रहे थे कि तभी एक टैक्सी वाला उनके पास पहुंचा और पूछा कहा जाना है। सोम ने बनबसा जाने की बात कही तो कथित टैक्सी चालक ने कहा, मेरे साथ रुद्रपुर चलो, वहां बस स्टैंड से बनबसा के लिए दूसरी गाड़ी मिल जाएगी।

शॉर्टकट बताकर जंगल में मोड़ दी टैक्सी
टैक्सी चालक 50 रुपये प्रति सवारी ले जाने को तैयार हो गया। दोनों टैक्सी में बैठ गए और तभी वहीं पर दो अन्य नेपाली व्यक्ति भी मिले। इन दोनों को भी नेपाल जाना था। उक्त दोनों भी सफेद रंग टैक्सी में बैठ गए। हल्द्वानी से लगभग 20 मिनट चलने के बाद सभी खाना खाने के लिए रुके। खाना खाकर चले तो अंधेरा हो चुका था। ऐसे में कार चालक बोला कि वह एक शॉर्टकट रास्ता जानता है, जिससे वह जल्दी पहुंच जाएंगे। इतना कहते हुए चालक ने कार जंगल की तरफ मोड़ दी। जंगल में कुछ आगे जाने के बाद चालक ने यह कहते हुए गाड़ी रोकी कि उसे लघुशंका के लिए जाना है। गाड़ी रोकते ही अचानक चार-पांच लोग आ गए।

जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे जंगल में
उक्त लोगों ने चालक के साथ मिलकर जीजा-साले को बुरी तरह पीटा और 56 हजार रुपये भी लूट लिए। जान बचाने के लिए सभी जंगल में अलग-अलग दिशा में भागे। सोम तो किसी तरह बचकर भाग निकला, लेकिन तब से उसके जीजा का कोई पता नहीं। 29 नवंबर को उसने हल्द्वानी कोतवाली पहुंच कर पुलिस को तहरीर दी। सीओ सिटी नितिन लोहनी का कहना है कि मामले में तहरीर मिली है, लेकिन पीड़ित ने तहरीर में घटना स्थल का जिक्र नहीं किया है। पीड़ित के बताए स्थान से लेकर घटना स्थल की ओर लगे एक-एक सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं।

जंगल में छिपकर काटी रात, सुबह पहुंचा बनबसा
सोम का कहना है कि बदमाशों से बजकर भागने के बाद वह जंगल से निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सका। उसे शक था कि अगर वह बाहर निकला तो बदमाश उसे ढूंढ लेंगे और मार डालेंगे। इस डर से वह पूरी रात जंगल में ही छिपा रहा। सुबह भी डरते-डरते जंगल से निकल कर वह सड़क तक पहुंचा। राहगीरों की मदद से उसने बनबसा का रास्ता पूछा। बनबसा पहुंच कर उसने जीजा पहाड़ी थारू की तलाश की, लेकिन थारू वहां पहुंचा ही नहीं। जिस पर उसने अपने ठेकेदार से संपर्क किया और लौटकर हल्द्वानी पहुंचा। जिसके बाद उसने पुलिस को तहरीर सौंपी।

खाना खाते-खाते बना डाली लूट की योजना
सोम और पहाड़ी थारू के साथ टैक्सी में चालक के अलावा नेपाल जाने वाले दो और लोग सवार थे। माना जा रहा है यह लोग भी घटना में शामिल हो सकते हैं। इधर, बताया जा रहा है कि हल्द्वानी से निकलने के बाद जब सभी खाना खाने के लिए रुके तभी टैक्सी चालक ने लूट की योजना बनाई। उसने अपने साथियों को खबर दी और बताया कि वह कार में सवार शिकार को लेकर कहां आने वाला है। इससे पहले कि वह खाना खाकर निकलते चालक के साथी पहले से ही जंगल में डेरा जमाकर बैठ गए और शिकार के पहुंचते ही हमलाकर लूट लिया।

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