– चार साल से जेल में बंद सलीम को मिला पेटिंग का हुनर, कई जज भी हुए हुनर के कायल
Salim Painter of Haldwani Jail, DDC : इल्जाम है कि सलीम के हाथ अपनी ही बीवी के खून से रंगे हैं और इन्हीं हाथों ने हल्द्वानी जेल की दर-ओ-दीवार को ऐसा रंगा कि देखने वाले देखते रह गए। जेल में रहते हुए सलीम को पेंटिंग का हुनर मिला और आज वो हर तरह की चित्रकारी में माहिर है। उसे उम्मीद है कि एक दिन उसके दामन पर लगे बीवी के खून के दाग भी मिट जाएंगे। बहरहाल हल्द्वानी जेल प्रशासन अब सलीम के हुनर को बाजार देने की तैयारी में है।
वार्ड 20 इंद्रानगर सिरौली कला पुलभट्टा ऊधमसिंहनगर उत्तराखंड निवासी मोहम्मद सलीम पुत्र अहमद हुसैन पर उसी की पत्नी की हत्या का आरोप है और मामला न्यायालय में ट्रायल पर है। 26 दिसंबर 2020 को पुलिस ने सलीम को उप कारागार हल्द्वानी में दाखिल किया था। जेल प्रशासन के मुताबिक एक संस्था की ओर से जेल में पेंटिंग कोर्स कराया गया था। सलीम ने भी औरों से साथ कोर्स किया और फिर धीरे-धीरे खुद पेंटिंग शुरू की।
और तो हार मान गए, लेकिन सलीम ने अपना हुनर तराश लिया। जेल प्रशासन ने सलीम के हुनर को देखा और उसके लिए हजारों रुपये का साजो सामान मंगाया। अब आलम यह है कि सलीम ने अकेले ही जेल की सारी दिवारें रंग डाली हैं। वो न सिर्फ वॉल पेटिंग कर रहा है, बल्कि कैनवास व अन्य तरह की पेटिंग भी महारथ हासिल कर चुका है। बीच-बीच में जज भी जेल के निरीक्षण के लिए पहुंचे और सलीम के हुनर को देखकर दंग रह गए।
सांप्रदायिक सौहार्द से भरी पड़ी है पेंटिंग
यूं तो सलीम मुसलमान है, लेकिन उसका हुनर धर्म से बंधा नहीं है। हालांकि वह एक नमाजी है। उसकी कूंची ने हिंदू देवी-देवताओं से लेकर अन्य धर्मों के भगवान को अपनी भावनाओं का रंग दिया। सलीम मॉडन आर्ट भी कर रहा है और सबसे बड़ी बात यह है कि उसकी ज्यादातर पेंटिंग उसकी अपनी यादाश्त का नतीजा है।
आप भी खरीद सकते हैं सलीम की पेंटिंग
जेल अधीक्षक प्रमोद पांडेय ने बताया कि सलीम के हुनर को तराशने के लिए जेल प्रशासन हर संभव मदद कर रहा है। उसकी पेंटिंग लोगों को भा रही है। उन्होंने बताया कि आम लोग भी सलीम की पेंटिंग को अपने घरों और दफ्तर की दीवारों पर लगा सकते हैं। अगर लोग पेंटिंग खरीदना चाहते हैं तो जेल प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं।