– 8 फरवरी को हुई हिंसा में घायल अलबशर की 25 फरवरी को हुई थी मौत, 10 महीने बाद अज्ञात पर मुकदमा
Banbhulpura violence, DDC : पेट फाड़कर 19 साल के अलबशर की अतड़ियां बाहर निकालने वाला कौन था? 8 फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा थानाक्षेत्र में हुई हिंसा में मारे गए अलबशर का हत्यारा अब भी गुमनाम है। 10 महीने बाद बनभूलपुरा पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज किया है। घटना के रोज अलबशर सब्जी बेचकर अपने घर लौट रहा था। इस हिंसा में कुल 6 लोगों की मौत हुई थी।
वाहन फूंके, गोलीबारी और किया था पथराव
बनभूलपुरा के मलिक का बगीचा (कंपनी बाग) में अवैध अतिक्रमण ढहाने गई पुलिस और प्रशासन की टीम पर दंगाइयों ने हमला कर दिया था। सूरज ढलने के साथ हुई इस हिंसा को पुलिस ने सुनियोजित माना था। दंगाइयों ने जगह-जगह वाहनों को फूंक कर रास्ते बंद किए। जमकर पथराव और गोलीबारी की थी। हिंसा के बीच घर लौट रहे ताज मस्जिद के सामने वाली गली में रहने वाले सब्जी विक्रेता अलबशर पुत्र अब्दुल माजिद पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया था।
17 दिन बाद अलबशर ने तोड़ा दम
घटना शाम करीब साढ़े 7 बजे हुई। आधे घंटे बाद परिजनों को जानकारी मिली कि अलबशर बुरी तरह लहूलुहान हालत में लाल मस्जिद के पास सड़क किनारे पड़ा है। परिजन मौके पर पहुंचे तो अलबशर का पेट बुरी तरह फटा और आंते बाहर निकली हुई थी। परिजनों ने अलबशर को डॉ.सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। उपचार दौरान 17 दिन बाद 25 फरवरी को अलबशर की मौत हो गई।
मौत के पीछे जो भी होगा, छोड़ा नहीं जाएगा
मामले में अलबशर के पिता अब्दुल वाजिद ने पुलिस को दी तहरीर में लिखा, किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके बेटे को चोट पहुंचाई थी, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। घटना के 10 महीने बीत जाने के बाद उसकी हत्या करने वाले को पकड़ा नहीं जा सका। बनभूलपुरा पुलिस ने अब्दुल वाजिद की तहरीर पर आईपीसी की धारा 304 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि मामले में अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। अलबशर की मौत के पीछे जो भी होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा।
आपसी रंजिश के एंगल पर हुई थी जांच
बनभूलपुरा हिंसा का सबसे ज्यादा असर लाइन नंबर 8, मलिक का बगीचा, गफूर बस्ती आदि इलाकों में था। जबकि अलबशर घायल अवस्था में लाइन नंबर 17 में मिला था। ऐसे में पुलिस घटना की जांच आपसी रंजिश के एंगल पर भी की थी। माना जा रहा था कि हिंसा की आड़ लेकर किसी ने आपसी रंजिश भुनाई और अलबशर की हत्या कर दी, लेकिन जांच में कुछ नहीं निकला।
किस हथियार से हुआ वार, पता नहीं लगा
घटना स्थल पर पड़े अलबशर का पेट बुरी तरह फटा हुआ था और आंते बाहर निकल गई थी। मौत के बाद दो चिकित्सकों के पैनल ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई। हालांकि स्पष्ट रूप से यह पता नहीं लगा कि अलबशर पर किस हथियार से हमला किया गया।