गढ़वाल से कुमाऊ तक घूसखोर का साम्राज्य, घर और दफ्तर में नोटों का जखीरा

– लघु सिंचाई खंड नैनीताल के अधिशासी अभियंता के दो घर और कार्यालय से मिले 23 लाख 97 हजार रुपये

Bribery executive engineer of minor irrigation, DDC : ठेकेदार से 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया लघु सिंचाई उपखंड के अधिशासी अभियंता का साम्राज्य गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक फैला है। उसके कई जिलों में घर और बेनामी संपत्तियां है। गुरुवार रात गिफ्तारी के बाद उसके हल्द्वानी और देहरादून स्थित आवास के साथ दफ्तर में भी छापेमारी की गई। तीनों ही स्थान से विजिलेंस की टीम को 23 लाख 97 हजार रुपये मिले। आरोपी बरामद इन रुपयों का कोई हिसाब-किताब नहीं दे पाया है। शुक्रवार को कोर्ट में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।

अधिशासी अभियंता कृष्ण सिंह कन्याल मूलरूप से लार्ड कृष्णा ग्रीन प्रथम तल वी-109 केदारपुरम मोथरोवाला देहरादून का रहने वाला है। यहां फिलहाल उसकी पत्नी रहती है। वह यहां मुकुल विहार तल्ली बमौरी स्थित किराए के मकान में रहता है। एक ठेकेदार का आरोप है कि उसने 10 लाख रुपये के सरकारी काम किए थे। जिसके एवज में अधिशासी अभियंता कृष्ण ने ठेकेदार से 50 हजार की रिश्वत मांगी। ठेकेदार की शिकायत पर विजिलेंस ने ट्रैप टीम तैयार की और आरोपी को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए सिक्स सीजन रिजॉर्ट नया गांव कालाढूंगी से गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तारी के बाद रात ही विजिलेंस ने तीन टीमें गठित की। एक टीम ने देहरादून स्थित आवास, दूसरी ने हल्द्वानी स्थित किराए के मकान में और तीसरी टीम ने उसके दफ्तर में छापेमारी की। देहरादून वाले घर से 16 लाख 73 हजार, तल्ली बमौरी के मुकुल विहार स्थित किराये के मकान से 3 लाख 38 हजार रुपये और ऊंचापुल स्थित कार्यालय से 3 लाख 86 हजार रुपये बरामद किए गए। सूत्रों का कहना है कि आरोपी ने देहरादून के अलावा भी कई जिलों में घर और बेनामी संपत्तियां जोड़ी हैं। छापे में कुछ अहम दस्तावेज भी विजिलेंस के हाथ लगे हैं और बताया जा रहा कि बेनामी संपत्तियों का जिक्र है।

“आरोपी के देहरादून और हल्द्वानी स्थित घर के साथ दफ्तर में भी छापेमारी की गई, जहां से 23 लाख 97 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। इतना सारा कैश कहां से जुटाया गया, इसकी जांच की जा रही है। छापेमारी में कुछ दस्तावेज भी मिले हैं, जिनका अध्यन किया जा रहा है। आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।”– अनिल मनराल, सीओ विजिलेंस हल्द्वानी

18 घण्टे तक विजिलेंस ने खंगाले घर और दफ्तर
बुधवार रात गिरफ्तारी के बाद करीब 18 घंटे तक विजिलेंस की टीम ने आरोपी अधिशासी अभियंता से पूछताछ की। वहीं देहरादून और हल्द्वानी स्थित मकान में छापेमारी के दौरान टीम को आरोपी की चल-अलल संपत्ति से जुड़े कई तरह के दस्तावेज भी मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक कुमाऊं मंडल के कई जिलों में संपत्ति होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि अभी टीम जांच में जुटी है और पुष्टि कर रही है। वहीं आरोपी के निजी बैंक खाते से लेकर ज्वाइंट अकाउंट आदि की छानबीन भी की जा रही है।

विदेश में पढ़ रही बेटी, खंगाले जाएंगे खाते
हल्द्वानी : पता लगा है कि आरोपी कृष्ण सिंह कन्याल की एक बेटी भी है, जो विदेश में रहकर पढ़ाई कर रही है। हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं है। बहरहाल, देहरादून, हल्द्वानी और दफ्तर से लाखों का कैश बरामद होने के बाद विजिलेंस की नजर अब कृष्ण सिंह कन्याल के अलावा उसकी पत्नी, रिश्तेदारों व दोस्तों के बैंक खातों पर है। माना जा रहा है कि कन्याल ने अपने नाम पर कम, लेकिन करीबियों के नाम पर ज्यादा पैसे जमा किए होंगे।

विजिलेंस के रडार पर है कृष्ण का ‘सारथी’
हल्द्वानी : घूसखोरी के इस खेल में अकेला कृष्ण शामिल नहीं है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि लघु सिंचाई के कुछ और लोग इसमें शामिल हो सकते हैं। फिलहाल, विजिलेंस को एक व्यक्ति का नाम पता चला है, जिसे कृष्ण का ‘सारथी’ कहा जा रहा है। यानी ऐसा व्यक्ति जिसे न सिर्फ कृष्ण के लेने-देन की सारी जानकारी थी, बल्कि वह इस लेने-देने में कुछ प्रतिशत का भागीदार भी है। कई बार ये सारथी, कृष्ण के लिए घूस की रकम खुद भी लेने गया है।

सिर पर था राज्य के बड़े राजनेता का हाथ
हल्द्वानी : कृष्ण सिंह कन्याल न सिर्फ ठेकेदारों बल्कि कई विधायकों के लिए सिर का दर्द बन चुका था। आलम यह था कि कई-कई शिकायतों के बाद भी कृष्ण सिंह पर कार्रवाई नहीं हुई। दरअसल, घूस लेने के आदी हो चुके कृष्ण से ठेकेदार हड़ चुके थे। ठेकेदार उसकी शिकायत विधायकों से करते और जब विधायक कृष्ण से बात करते तो वह ऐंठ जाते। विधायकों से भी उक्ता कर उसका स्थानांतरण कराने की सिफारिश की, लेकिन वह हुआ नहीं। माना जा रहा है कि उस पर राज्य के एक बड़े राजनेता का हाथ था।

फिक्स था कृष्ण की कट मनी का 20 प्रतिशत
हल्द्वानी : पीड़ित ठेकेदार ने जो 10 लाख रुपये का सरकारी काम किया था, उसका भुगतान उसे दो बार में हो गया। इसी रकम के एवज में 50 हजार की मांग की गई थी। बताया जाता है कि ऐसी मांग हर ठेकेदार से की जाती है। फिर वह ठेका 10 हजार का हो या फिर 10 लाख रुपये का। इसके लिए कृष्ण सिंह कन्याल की कट मनी तय कुल रकम पर 20 प्रतिशत तय थी। ठेकेदार इसलिए आवाज नहीं उठाते, क्योंकि अधिशासी अभियंता की कलम उनका धंधा चौपट कर सकती है।

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