– बहन को पीटने से नाराज सालों से सोमवार रात करीब 10 बजे दिया भयावह वारदात को अंजाम
Brother-in-law beaten to death, DDC : उत्तराखंड के नैनीताल जिले से रूह कंपा देने वाली खबर सामने आई है। यहां हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा थानाक्षेत्र में सालों ने जीजा को पीट-पीटकर जान से मार डाला। साले इतनी सी बात पर नाराज थे कि उसके जीजा ने बहन पर हाथ उठा दिया था। बहन के बताने पर उसके तीन भाई मौके पर पहुंचे और जीजा को इस कदर पीटा कि उसकी मौत हो गई। घटना को अंजाम देने के बाद तीनों हत्यारोपी साले फरार हो गए। बनभूलपुरा पुलिस आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। साथ ही पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।
मूलरूप से दरियाबाग बाराबंकी उत्तर प्रदेश निवासी अमरीका (27 वर्ष) पुत्र मोतीयार के ससुराली यहां बनभूलपुरा थानाक्षेत्र के गफूर बस्ती में रहते हैं और वह भी अपनी पत्नी आशा और बच्चों के साथ ससुराल में ही रहता था। दो जून की रोटी के लिए वह कूड़ा बीन कर उसे बेचता था। क्षेत्र में रहने वाले सोनू सरपंच का कहना है कि सोमवार रात किसी बात पर अमरीका का उसकी पत्नी आशा से विवाद हो गया था।
तब तक पीटा, जब तक दिखी शरीर में हलचल
गुस्से में आकर अमरीका ने आशा पर हाथ उठाया दिया। आशा ने इस बात की जानकारी अपने भाई संजय, मनोज और देवा को दे दी। बहन के पिटने की बात सुनकर भाइयों का खून खौल गया। उन्होंने बिना कुछ सोचे-समझे अमरीका पर हमला कर दिया। उसे तब तक पीटते रहे, जब तक विरोध करने की हालत में था। उसे बुरी तरह पिटता देख इलाकाई लोगों ने विरोध शुरू किया तो आरोपी मौके से फरार हो गए, लेकिन तब तक अमरीका अधमरा हो चुका था।
मौसी के घर में तड़पते-तड़पते गुजारी रात
घटना के कुछ समय बाद उसे होश आया तो लड़खड़ाते कदमों से राजपुरा में रहने वाली बेवा मौसी मुरैली के पास पहुंचा। रात उसने मौसी के घर पर गुजारी। सुबह मौसी ने उसे गंभीर हालत में देखा तो डॉक्टर के पास चलने को कहा, लेकिन वह चलने की हालत में नहीं था। मौसी ने इलाकाई लोगों को बुलाया और किसी तरह उसे उठा कर बाहर ले गए तो अचानक ही उसकी हालत और बिगड़ गई। बमुश्किल उसे दो लोगों ने बाइक पर बैठाया और सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल ले गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। अस्पातल में जांच करते ही चिकित्सकों ने भी अमरीका के मौत की पुष्टि कर दी।
अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। साथ ही अमरीका के मौत की सूचना बाराबंकी में उसके परिजनों को दी। मौत की खबर से परिवार में कोहराम मच गया। बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने बताया कि घटना को अंजाम देने वाले हत्यारोपियों की तलाश की जा रही है। अभी तक मामले की तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलते ही मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रोजगार की तलाश में आया था कुछ माह पहले
सोनू सरपंच का आरोप है कि घटना को अंजाम देने वाले संजय, मनोज और देवा नशेड़ी किस्म के हैं और कूड़ा बिनकर खर्चा चलाते हैं। अमरीका की आर्थिकी भी बाराबंकी में बेहद खराब थी और बमुश्किल परिवार को पाल पा रहा था। कुछ माह पहले ही वह रोजगार की तलाश में परिवार को लेकर गफूर बस्ती आ गया। कुछ खास काम नहीं मिला तो बस्ती में रहने वाले अन्य लोगों की तरह ही कूड़ा बीन कर परिवार का भरण-पोषण करने लगा। सोनू को आशंका है कि घटना की रात भी आरोपियों ने नशे में धुत होकर घटना को अंजाम दिया था।
पूरी रात मौसी के घर में पड़ा तड़पता रहा युवक
सालों की पिटाई के बाद अमरीका की हालत बिगड़ चुकी थी। लोगों ने प्रयास भी किया कि अमरीका को डॉक्टर के पास ले जाया जाए, लेकिन अमरीका राजी नहीं हुआ मौसी के घर चला गया। मौसी ने उसकी हालत देखी तो वह घबरा गई। उसने भी डॉक्टर के पास चलने को कहा और उसने फिर मना कर दिया। कहा, सुबह दिखाएगा, लेकिन सुबह तक उसकी हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि खुद बिस्तर से नहीं उठ पाया। मौसी ने लोगों की मदद से उसे जैसे ही बिस्तर से उठाया तो वह लड़खड़ा कर जमीन पर गिर गया और कुछ ही पल में उसकी मौत हो गई।
साले बोले, हमारी छत के नीचे हमारी बहन को पीटा
कुछ माह पहले जब अमरीका अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर गफूर बस्ती पहुंचा तो उसके पास रहने का ठिकाना नहीं था। ऐसे में ससुरालियों ने उसे अपने ही घर में रख लिया। सभी का खाना भी एक ही चूल्हे में बनता और सभी एक ही साथ खाते थे। घटना की रात जब तीनों साले बुरी तरह से अमरीका को पीट रहे थे तो इस बात को लगातार दोहरा रहे थे कि “हमारी छत के नीचे रहता है, हमारा ही खाता है और हमारी ही बहन को पीटता है।” क्षेत्रीय लोगों को पहले तो यह मार-पिटाई मामूली लगी, लेकिन जब अमरीका बेसुध हो गया तो लोगों ने विरोध किया।