सरप्राइज देने जंगल में बुलाया, तोहफे में जिगरी दोस्त को दी लाश

इसी जंगल में मिली दिव्यांशु की लाश।

– डेढ़ साल पहले ऐप के जरिये हुई थी दोनों की मुलाकात, दोस्ती टूटी तो टूटा दिव्यांशु का दिल और दे दी जान

Divyanshu’s death case, DDC : एक ऐप के जरिये दिव्यांशु पांडे और सुमित यादव की दोस्ती हुई। मुलाकातें हुईं तो दोस्ती जिगरी हो गई। करीब एक साल तक दोनों के बीच सब ठीक रहा, लेकिन फिर दोस्ती में दरार आने लगी। दोस्ती टूटी तो दिव्यांशु का दिल टूट गया। उसने अपनी ईमानदारी साबित करने के लिए जान देने का फैसला कर लिया। सुमित को सरप्राइज देने जंगल में बुलाया। सुमित जंगल पहुंचा तो वहां दिव्यांशु की लाश लटक रही थी।

एक-दूसरे को दिया करते थे तोहफे
दौलिया डी क्लास हल्दूचौड़ निवासी 20 वर्षीय दिव्यांशु की लाश बीती 7 दिसंबर को दमकल से सटे जंगल में लटकी मिली थी। इस मामले में बरेली रोड निवासी सुमित यादव के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस पिछले करीब 24 घंटे से सुमित व उसके एक दोस्त से पूछताछ कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सुमित और दिव्यांशु की एक ऐप के जरिये मुलाकात हुई थी। ऐप से दोनों ने मोबाइल नंबर की अदला-बदली की। डेढ़ साल पहले शुरू हुआ ये सिलसिला लंबे समय तक सिर्फ मैसेज के जरिये चलता रहा। करीब एक साल पहले दोनों नैनीताल रोड स्थित एक पार्क में मिले और मुलाकातों का सिलसिला आम हो गया। दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। दोनों एक दूसरे को तोहफे भी देते थे।

जंगल आ जाओ, सरप्राइज है तुम्हारे लिए
कुछ समय सुमित की एक अन्य लड़के से दोस्ती हो गई। सुमित का दिव्यांशु से मेल-मिलाप कम हो गया। इसी वजह से दोनों में तकरार हो गई। नौबत यहां तक पहुंच कि सुमित ने दिव्यांशु का फोन उठाना और मैसेज के जवाब देना भी बंद कर दिया। हालांकि जब दोनों में गहरी दोस्ती थी तो वह उसी जंगल में मिलते थे, जहां दिव्यांशु का शव मिला। इधर, दोनों में बढ़ती तल्खी से दिव्यांशु को अंदाजा हो गया कि अब उनकी दोस्ती टूट चुकी है। 7 सितंबर को दिव्यांशु उसी जंगल में पहुंचा, जहां दोनों मिलते थे। दिव्यांशु ने जंगल से सुमित को फोन किया और कहाकि उसके लिए जंगल में एक सरप्राइज है।

तोहफे में मिली टी-शर्ट को बनाया फंदा
दिव्यांशु के बुलाने पर सुमित अपने एक दोस्त के साथ जंगल पहुंच गया। उसने दोस्त को सड़क पर ही इंतजार करने को कहा और खुद दिव्यांशु से मिलने जंगल में चला गया। वह अंदर पहुंचा तो पेड़ से दिव्यांशु की लाश लटक रही थी। दिव्यांशु ने फंदा बनाने के लिए उस लाल टी-शर्ट का इस्तेमाल किया, जिसे सुमित ने उसे तोहफे में दी थी। दिव्यांशु की लाश देखते ही सुमित उल्टे पांव भागा और सड़क पर खड़े दोस्त को जानकारी दी।

दोनों जंगल में पहुंचे और दिव्यांशु के घर वीडियो कॉल कर पूरी घटना दिखाई। जिसके बाद वहीं पड़े हेक्सा ब्लेड से फंदा काटकर शव को नीचे उतारा। कोतवाल राजेश कुमार यादव का कहना है कि सुमित और उसके दोस्त से पूछताछ की जा रही है। अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट आने के मौत की सही वजह सामने आएगी। हालांकि शुरुआती जांच और पूछताछ में आत्महत्या की बात सामने आ रही है।

मौत से तीन दिन पहले जलाए सारे तोहफे
दिव्यांशु और सुमित अच्छे दोस्त थे। सुमित अक्सर दिव्यांशु को तोहफे दिया करता था। कभी शर्ट, कभी जैकेट और कभी टैडी बीयर। दिव्यांशु को जब इस बात का यकीन हो गया कि अब दोस्ती में पड़ी दरार नहीं भरेगी तो उसने सुमित के दिए सारे तोहफे जला दिए। जिसके बाद उसने सुमित को फोन कर इसकी जानकारी भी दी। हालांकि सुमित ने यह कभी नहीं सोचा था कि उसकी वजह से और अपनी दोस्ती साबित करने के लिए दिव्यांशु आत्मघाती कदम उठा लेगा।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुई मौत की पुष्टि
अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को नहीं मिली है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में मौत की वजह फांसी को बताया गया। पुलिस भी इस बात को मान रही है कि दिव्यांशु की हत्या नहीं हुई। क्योंकि जिस पेड़ से दिव्यांशु की लाश लटकी मिली थी, उस पर हत्या करने के बाद किसी को लटकाना अकेले व्यक्ति के बस की बात नहीं है। पुलिस ने जो पंचनामा भरा है, उसमें भी शरीर पर किसी ऐसी चोट का जिक्र नहीं है, जिससे हत्या की बात साबित की जा सके।

जंगल से लकड़ी चोरी करने वालों की थी ब्लेड
सुमित ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह ब्लेड खरीद कर नहीं लाया था। बल्कि कई लोग जंगल से लकड़ियां चोरी करते हैं और इसके लिए वह हेक्सा ब्लेड का इस्तेमाल करते हैं। हेक्सा ब्लेड के इस्तेमाल से शोर नहीं होता और चोर आसानी से लकड़ी काट कर ले जाते हैं। घटना के दिन उसे जंगल में वो हेक्सा ब्लेड पड़ा मिला, जिससे उसने फंदा काटकर शव को नीचे उतारा था। फिर उसने वीडियो कॉल कर दिव्यांशु के घरवालों को धमकाया कि अगर उसे फंसाया तो वह उन्हें छोड़ेगा।

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