– 111 ग्राम नकली सोने के कंगन के साथ पकड़े गए दिल्ली गैंग के दो गुर्गे, दिल्ली से लाते थे खेप
Fake Gold Gang, DDC : नैनीताल की हल्द्वानी पुलिस ने नकली गोल्ड से असली लोन लेने वाले गैंग का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस और एसओजी के हत्थे गैंग के दो ऐसे गुर्गे चढ़े हैं, जो 111 ग्राम नकली गोल्ड कंगन लेकर फिर गोल्ड लेने की फिराक में थे। इस नकली गोल्ड ज्वैलरी पर होलमार्क भी है, जिससे बैंक और बैंक का सुनार भी चकमा खा जाता है। इन गुर्गों के तार दिल्ली के नकली गोल्ड गैंग से जुड़े हैं और माना जा रहा है कि गैंग का लीडर दिल्ली में कहीं दुबका है। पुलिस अब गैंग लीडर के साथ कुछ और गुर्गों को गिरफ्तार करने की जुगत में लगी है।
गुरुवार को एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने पुलिस बहुउद्देशीय भवन में मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया, वर्ष 2024-25 में हल्द्वानी, बनभूलपुरा व मुखानी क्षेत्र स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा व केनरा बैंक में कुछ लोगों ने नकली सोना गिरवी रखकर गोल्ड लोन लिया था। बैंक आडिट हुआ तो पता लगा कि जिस गोल्ड पर लोन लिया गया, वो तो नकली है। मामला पुलिस तक पहुंचा और जब जांच शुरू हुई तो कुछ शातिरों के नाम सामने आए।
बुधवार को हल्द्वानी कोतवाली पुलिस और एसओजी ने नैनीताल रोड स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय पार्क से दो युवकों को पकड़ा। इनके पास 111 ग्राम नकली सोने के होलमार्क लगे आठ कंगन मिले। शातिरों ने अपना नाम ग्राम बसोली, पोस्ट भैंसोड़ी, सोमेश्वर, अल्मोड़ा निवासी अखिलेश सिंह नेगी और ग्राम लीली, थाना कपकोट, बागेश्वर निवासी पवन सिंह फर्सवाण बताया।
पूछताछ में आरोपियों ने कुबूला कि 22 कैरेट नकली सोने के आभूषण वह दिल्ली से लाते थे और बैंकों में इन्हें गिरवी रखकर लोन लेकर फरार हो जाते थे। इन्हें पकड़ना इसलिए भी मुश्किल होता था क्योंकि लोन के एवज में जो दस्तावेज लगाते थे वह भी नकली होते थे। एसएसपी गुडवर्क करने वाली टीम को ढाई हजार रुपए इनाम की घोषणा की है।
माना जा रहा है कि दिल्ली के नकली गोल्ड गैंग का नेटवर्क पूरे भारत में फैला है। पुलिस टीम में कोतवाल राजेश कुमार, एसओजी इंचार्ज संजीत राठौर, भोटियापड़ाव चौकी इंचार्ज अनिल कुमार, साइबर सेल के एसआई फिरोज आलम, हेड कांस्टेबल ललित श्रीवास्तव, कांस्टेबल चंदन नेगी, संतोष बिष्ट, अरविंद सिंह नयाल, राजेश बिष्ट थे। वार्ता के दौरान एसपी सिटी प्रकाश चंद्र व सीओ नितिन लोहनी मौजूद रहे।
पुराने आरोपियों से जुड़े हो सकते हैं नए आरोपियों के तार
नकली सोना देकर बैंक से गोल्ड लेने का मामला पहले भी कई बार सामने आ चुका है। हल्द्वानी, बनभूलपुरा और मुखानी थाने में ऐसे 6 मुकदमे दर्ज हैं। जिनमें अजहर वारसी, जोया अहमद, तरुण भारद्वाज, हरजिंदर नरुला व मो. फिरोह आरोपी हैं। पुलिस का मानना है कि गिरफ्त में आए अखिलेश और पवन का इनसे संबंध हो सकता है। इसे देखते हुए पुलिस ने उक्त छह मुकदमों के आरोपियों को भी रडार पर ले लिया है। अब इन आरोपियों से ताजा मामले में पूछताछ की जाएगी।
सुनार की नजर चूकी, मशीन भी मात खा गई
पुलिस के हाथ जब कंगन आए तो वह भी उसे देखकर दंग रह गई। नकली सोने के कंगन कहीं से नकली नहीं लग रहे थे। जिसके बाद पुलिस इन कंगन को लेकर एक बड़े सुनार के पास पहुंची। एक नजर में देखते ही सुनार ने इन्हें खरीदने का मन बना लिया। मशीन से जांच कराई तो वह भी नकली सोने को परख नहीं पाई। जांच हुई तो 22 कैरेट नकली सोने के कंगन के असली होने की 99 प्रतिशत गारंटी मिली। जबकि असलियत में इनकी प्योरिटी मात्र 10 प्रतिशत थी। जांच में यह भी सामने आया कि नकली सोने के कंगन पर लगे होलमार्क भी नकली थे और इन्हें भी पहचान पाना मुश्किल था।
निशाने पर छोटे बैंक, कई बैंकों से किया फर्जीबाड़ा
अखिलेश और पवन के निशाने पर छोटे बैंक थे, क्योंकि इन्हें पता था कि बड़े बैंक में इनकी चोरी पकड़ी जाएगी। इसकी वजह थी कि छोटे बैंकों में जांच के उतने उन्नत संसाधन नहीं होते, जितने बड़े बैंकों में होते हैं। बताया जा रहा है कि अल्मोड़ा के अखिलेश सिंह नेगी ने अल्मोड़ा के एक बैंक में नकली सोना गिरवी रखकर लाखों का लोन ले रखा है, लेकिन बैंक को आज तक इसका पता नहीं है। उसने लाखों रुपये का प्रापर्टी और व्हीकल लोन भी लिया है।