– 17 साल पहले पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा ने डेविड संग रची थी साजिश
Tahavvur Rana came to India, DDC : मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा कड़ी निगरानी में आज (10 अप्रैल, गुरुवार) भारत लाया जा रहा है। तहव्वुर राणा ने ही डेविड हेडली को भारत भेजकर मुंबई के ताज होटल समेत कई जगहों की रेकी कराई थी। पाकिस्तानी आर्मी में रहा राणा और हेडली पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक मेजर के संपर्क में था। वह मेजर भी अब विदेश में कहीं है। साजिश के तहत राणा पाकिस्तान छोड़कर कनाडा गया। वहां इमिग्रेशन ऑफिस चलाने के झांसे के बाद अमेरिका चला गया। वह तब से वहीं रह रहा था। अब ताजा खुलासा हुआ है कि तहव्वुर राणा और डेविड हेडली के बीच नजदीकी संबंध था।
समंदर के रास्ते भारत पहुंचे थे आतंकी
भारत के खिलाफ पाकिस्तान आतंकी हमलों को 1990 के दशक से ही अंजाम देना शुरू कर दिया था। इसी दशक में पाकिस्तानी आर्मी का डॉक्टर तहव्वुर राणा पाकिस्तान से कनाडा चला गया और वहां की नागरिकता ले ली, लेकिन उसकी पूरी प्लानिंग के बाद 26 नवंबर 2008 को मुंबई में जो हमला हुआ वो तीन दिनों तक चला। इसमें लश्कर-ए-तैयबा के पूरी तरह प्रशिक्षित हथियारबंद आतंकी समंदर के रास्ते भारत आए। उन्होंने मुंबई के कई अहम ठिकानों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से लेकर ताज होटल और छबड़ हाउस तक आतंकियों ने खूनी खेल खेला। 9 आतंकी मारे गए और एक जिंदा आतंकी अजमल कसाब पकड़ा गया जिसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई। अब तहव्वुर राणा दूसरा जिंदा आतंकी और मास्टरमाइंड है जिसे भारत लाया जा रहा है।
हमले से पहले चीन भी गया था राणा
हमलों से कुछ दिन पहले वह दुबई के रास्ते बीजिंग चला गया था। पूरी जांच के दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच ने 14-15 महत्वपूर्ण गवाहों से साक्ष्य एकत्र किए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राणा के डेविड हेडली से संबंध होने के पर्याप्त सबूत हैं, जो हमलों की योजना बनाने में भी शामिल था। राणा पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ समन्वय करने और हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के गुर्गों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने का आरोप है।
पाकिस्तान में रची गई साजिश
तहव्वुर राणा के भारत आने से पाकिस्तान की परेशानी बढ़ जाएगी। दरअसल, अमेरिकी एजेंसियों, मुख्य रूप से FBI और अभियोजन पक्ष ने तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ मुंबई के 26/11 हमले में वहां की अदालतों में ठोस सबूत पेश किए हैं। उनमें पाकिस्तान में बैठ कर रची गई साजिश पर मुहर लगती है।
सबसे बड़ा सबूत 2010 में हेडली की गवाही है, जिसमें उसने कबूल किया कि लश्कर-ए-तैयबा के लिए उसने मुंबई में ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, नरीमन हाउस, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस की रेकी की थी। हेडली ने 2006-2008 के बीच मुंबई की कई यात्राओं के दौरान हमले के स्थानों की तस्वीरें और वीडियो बनाए, जो FBI को मिले। हेडली के लश्कर हैंडलर साजिद मीर और ISI के मेजर इकबाल के साथ ईमेल और फोन कॉल्स की रिकॉर्डिंग भी है, जिसमें हमले की योजना पर बात हुई थी।
हेडली ने राणा को 231 बार किया था कॉल
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के डोजियर में तहव्वुर राणा और डेविड हेडली के बीच संबंधों का ब्योरा दिया गया है। डोजियर में बताया गया है कि पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा के संपर्क में था और 26/11 हमलों से पहले भारत की अपनी आठ यात्राओं के दौरान उसे 231 बार कॉल किया था।
पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर था तहव्वुर
14 सितंबर, 2006 को टोह लेने के लिए अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान हेडली ने राणा को 32 से अधिक बार कॉल किया था। पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में काम करता था। बाद में वह हेडली के साथ मिलकर काम कर रहा था, जो 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे।
राणा का प्रत्यर्पण
हेडली ने अपनी दूसरी यात्रा के दौरान राणा को 23 बार, तीसरी यात्रा के दौरान 40 बार, पांचवीं यात्रा के दौरान 37 बार, छठी यात्रा के दौरान 33 बार और आठवीं यात्रा के दौरान 66 बार कॉल किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर यह कहे जाने के बमुश्किल दो महीने बाद ही उनकी सरकार ने राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, 26/11 हमले का आरोपी आखिरकार कानूनी कार्यवाही का सामना करने के लिए गुरुवार 10 अप्रैल को भारत पहुंच गया।
लश्कर-ए-तैयबा और हूजी के इशारे पर किए काम
तहव्वुर राणा ने भारत में आतंकवादी हमलों को संगठित करने की आपराधिक साजिश को पूरा करने के लिए डेविड हेडली और अन्य सह-षड्यंत्रकारियों को रसद, वित्तीय और अन्य सहायता प्रदान की। तहव्वुर राणा ने डेविड हेडली, अब्दुर रहमान हाशिम सैयद और इलियास कश्मीरी के साथ मिलकर भारत में भविष्य के हमलों की योजना बनाई और तैयारियां भी कीं। डेविड हेडली के कहने पर ही तहव्वुर राणा ने मुंबई हमले से पहले दुबई में अब्दुर रहमान से मुलाकात की थी। 2005 की शुरुआत में डेविड हेडली ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हूजी के इशारे पर भारत पर हमला करने के लिए लोगों की हत्या और संपत्ति को नष्ट करने के लिए टोही गतिविधियों को अंजाम देने की आपराधिक साजिश रची थी।
आतंकी हाफिज सईद के आदेश पर भारत आया हेडली
लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद ने डेविड हेडली को भारत की यात्रा करने और आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए संभावित लक्ष्यों की पहचान करने का निर्देश दिया था। सईद ने डेविड हेडली को तहव्वुर राणा से सहायता लेने और यात्रा के लिए उसके संपर्कों का उपयोग करने और अपनी यात्रा के वास्तविक उद्देश्य को छिपाने का निर्देश दिया। जून 2006 में डेविड हेडली शिकागो गया और तहव्वुर राणा के साथ पूरी साजिश पर चर्चा की। डेविड हेडली ने तहव्वुर राणा की सहायता ली और लश्कर द्वारा सौंपे गए काम को अंजाम देने के लिए उसकी इमिग्रेशन फर्म ‘फर्स्ट वर्ल्ड इंटरनेशनल’ का इस्तेमाल किया।
पहले होटल फिर पेइंग गेस्ट बन कर रहा हेडली
30 जून, 2006 को डेविड हेडली ने तहव्वुर राणा के समर्थन से मुंबई में शिकागो में इमिग्रेशन लॉ सेंटर का एक ब्रांच ऑफिस स्थापित करने के उद्देश्य से भारत आने के लिए मल्टीपल एंट्री बिजनेस वीजा के लिए आवेदन किया। 14 सितंबर, 2006 को डेविड हेडली मुंबई पहुंचा। उसके आगमन पर भारत में तहव्वुर राणा के एक संपर्क ने हेडली का स्वागत किया। तहव्वुर राणा ने उक्त व्यक्ति को डेविड हेडली के स्वागत, परिवहन, आवास और ऑफिस के साथ रहने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। तहव्वुर राणा के संपर्क ने पहले हेडली के मुंबई के होटल आउट्राम में ठहरने की व्यवस्था की थी। बाद में वह एक अन्य संपर्क के घर में पेइंग गेस्ट के रूप में रहने लगा। जून 2007 में, तहव्वुर राणा की सहायता से डेविड हेडली ने भारत के लिए अपने वीज़ा के विस्तार के लिए आवेदन किया।
अमेरिका में ऐसे हुई गिरफ्तारी
मुंबई हमले के करीब एक साल बाद तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली को गिरफ्तार किया गया। दोनों को अमेरिका में पकड़ा गया, लेकिन ये गिरफ्तारी मुंबई हमले के सिलसिले में नहीं हुई थी। ये अक्टूबर 2009 की बात है जब 3 अक्टूबर 2009 को हेडली शिकागो के ओ हेयर अंतरराष्ट्रीय हवाई से फिलाडेल्फिया के लिए उड़ान भरने की तैयारी में था। वहां से वो पाकिस्तान जाने वाला था। FBI को खुफिया जानकारी मिली थी कि वो डेनमार्क के अखबार “Jyllands-Posten” पर हमले की साजिश रच रहा था, जिसने पैगंबर मोहम्मद को लेकर कार्टून प्रकाशित किए थे।
जांच में बाद में पता चला कि वो 26/11 मुंबई हमलों में भी शामिल था। उसकी गिरफ्तारी के 15 दिन बाद 18 अक्टूबर 2009 को तहव्वुर राणा को भी शिकागो के उसी हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया। वो भी डेनमार्क हमले की साजिश में शामिल था। FBI ने राणा और हेडली पर लश्कर-ए-तैयबा की मदद करने और मुंबई हमलों की प्लानिंग करने का भी आरोप लगाया और फिर उन पर मुकदमा चला।
पीड़ितों ने की राणा के लिए मृत्युदंड की मांग
26/11 हमले की एक पीड़ित देविका रोटावन ने 64 वर्षीय पाकिस्तानी कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर खुशी जाहिर की और भारत एवं अमेरिका की सरकारों को इसके लिए धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने राणा के लिए फांसी की सजा की मांग की।