– फनल-वेब मकड़ी की तीन प्रजातियां, अभी तक सिर्फ दो मकड़ियों की हुई थी पहचान
The most venomous spider in the world, DDC : ऑस्ट्रेलिया में वैज्ञानिकों ने “असाधारण रूप से बड़ी” फनल-वेब मकड़ी की एक नई प्रजाति की पहचान की है, जो अब ‘बिग बॉय’ के नाम से जानी जाती है। इस खोज ने फनल-वेब मकड़ियों के बीच छुपी जैविक विविधता को उजागर किया है और इसके परिणामस्वरूप एंटिवेनम उत्पादन में सुधार हो सकता है।
अध्ययन और खोज
ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने सिडनी फनल-वेब मकड़ी (Atrax robustus) की विभिन्न आबादियों का अध्ययन करने के लिए एनेटॉमिकल और डीएनए तुलनाओं का उपयोग किया। उनका निष्कर्ष था कि सिडनी फनल-वेब मकड़ी की तीन प्रजातियाँ हैं, जिनमें से केवल दो पहले से वैज्ञानिक रूप से ज्ञात थीं। इस अध्ययन के अनुसार, तीसरी प्रजाति जिसे अब ‘बिग बॉय’ के नाम से जाना जाता है, एक नई प्रजाति है, जो न्यूकैसल शहर में पाई जाती है।
लीबनिज़ इंस्टिट्यूट फॉर द एनालिसिस ऑफ बायोडाइवर्सिटी चेंज की अरेख्नोलॉजिस्ट डॉ. स्टेफनी लोरिया ने कहा, “इस अध्ययन ने फनल-वेब मकड़ियों की छुपी विविधता को उजागर किया है और यह हमें नई प्रजातियों की पहचान करने में मदद करता है।”
‘बिग बॉय’ मकड़ी की पहचान
न्यूकैसल फनल-वेब मकड़ी, जिसे ‘बिग बॉय’ कहा जाता है, तीनों प्रजातियों में सबसे बड़ी है। इस प्रजाति का नाम न्यूकैसल के मकड़ी विशेषज्ञ केन क्रिस्टीन्सन के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने इस प्रजाति को शोधकर्ताओं के ध्यान में लाया। उन्होंने कहा, “Atrax christenseni एक अत्यधिक प्रभावशाली और शानदार फनल-वेब मकड़ी है। इसके नर मकड़ियों का आकार अन्य Atrax प्रजातियों के मुकाबले बेहद बड़ा है, जो वास्तव में आश्चर्यजनक है। मैं फनल-वेब मकड़ियों के प्रति अपनी गहरी रुचि रखता हूँ और यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि किसी वैज्ञानिक ने इस प्रजाति का नाम मेरे नाम पर रखा।”
डीएनए और ऐतिहासिक संग्रह का उपयोग
शोधकर्ताओं ने सिडनी और आसपास के क्षेत्रों से फनल-वेब मकड़ियों के नमूने एकत्र किए और उनके डीएनए का विश्लेषण किया। इसके अलावा उन्होंने 1900 के दशक के शुरुआती संग्रहों से मकड़ियों की तुलना की, ताकि प्रजातियों के बीच जैविक अंतर का पता चल सके। डॉ. लोरिया ने कहा, “इन खोजों का श्रेय ऐतिहासिक संग्रहों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को जाता है, बिना इनके यह अध्ययन संभव नहीं हो पाता।”
एंटिवेनम उत्पादन पर प्रभाव
फनल-वेब मकड़ी के जहर के कारण इसके काटने से गंभीर विषाक्त प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। हालांकि, यह घटना बहुत सामान्य नहीं है। यदि किसी को फनल-वेब मकड़ी काटती है तो उसे तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। इस प्रकार के शोध से एंटिवेनम उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है।
टॉक्सिकोलॉजिस्ट गफ इस्बिस्टार ने कहा, “फनल-वेब मकड़ी का जहर सबसे गंभीर होता है, लेकिन इसके काटने की घटनाएं कम होती हैं। अगर किसी को काट लिया जाए, तो तुरंत एंबुलेंस को कॉल करें और अस्पताल पहुंचें।”
डैनिलो हार्म्स, अध्ययन के एक और लेखक, ने कहा, “1980 के दशक में एंटिवेनम के विकास के बाद से अब तक कोई मानव मृत्यु नहीं हुई है, लेकिन इस नई प्रजाति के जैविक भिन्नताओं को ध्यान में रखते हुए सिडनी फनल-वेब मकड़ी के एंटिवेनम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अनुकूलित किया जा सकता है।”
यह अध्ययन न केवल वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण खोज है, बल्कि यह फनल-वेब मकड़ी के जहर के इलाज के लिए एंटिवेनम के उत्पादन में सुधार का मार्ग भी खोल सकता है। इस अध्ययन ने यह सिद्ध कर दिया है कि जैव विविधता के अध्ययन से हम न केवल नए प्रजातियों की पहचान कर सकते हैं बल्कि यह मानव स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है।