– 2 अप्रैल को बरेली में मामा के घर से पकड़ी गई साफिया 3 महीने 22 दिन बाद आई जेल से बाहर
Safia Malik got bail, DDC : हल्द्वानी में मर चुके व्यक्ति के दस्तावेज लगाकर मलिक का बगीचा (कंपनी बाग) की सरकारी भूमि कब्जाने के आरोप में 2 अप्रैल से सलाखों के पीछे कैद साफिया मलिक को 3 महीने 22 दिन बाद हाई कोर्ट ने जमानत दे दी। साफिया बनभूलपुरा हिंसा के मास्टर माइंड बताए गए अब्दुल मलिक की पत्नी है।
22 फरवरी 2024 को नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने अब्दुल मलिक उसकी पत्नी साफिया मलिक, अख्तरी बेगम, नबी रजा खां, गौस रजा खां और अब्दुल लतीफ के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 417,420, 467, 468, 471 के तहत कोतवाली हल्द्वानी में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि साफिया ने मृत व्यक्ति के दस्तावेज लगाकर फर्जी तरीके से मलिक का बगीचा स्थित सरकारी जमीन कब्जाई। इस मामले की जांच एसएसआई महेंद्र प्रसाद कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने 24 जुलाई को साफिया को जमानत दे दी।
आरोपी साफिया की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है और उस पर लगाये गये आरोप निराधार हैं। सरकार की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि उस पर गंभीर आरोप हैं। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद साफिया मलिक को जमानत दी। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई। हल्द्वानी उपकारागार के जेल अधीक्षक प्रमोद पांडेय ने बताया कि अभी साफिया के जमानत के कागत नहीं आए हैं। संभवत: गुरुवार को यदि कागज आए तो शाम तक वह रिहा हो जाएगी।
1 महीने मजार में छुपी रही साफिया
साफिया ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी। उसके बाद साफिया इधर-उधर छिपने लगी। साफिया एक महीने तक मजार में भी छुपी रही। इसके बाद पुलिस को मुखबिर से मिली सूचना के अनुसार साफिया बरेली के बिहारीपुर में उसक मामा के घर छुपी है। मंगलवार 2 अप्रैल को पुलिस और एसओजी ने साफिया को गिरफ्तार किया। इस पूरे प्रकरण के बीच पुलिस साफिया को ढूंढने दिल्ली, मुंबई, बिहार और हरियाणा तक पहुंच चुकी थी।
अभी भी जेल में है साफिया का पति और बेटा
मलिक का बगीचा में सरकारी भूमि हथियाने और बनभूलपुरा हिंसा के मामले में साफिया की बहू को छोड़कर पूरा परिवार जेल में था। अब जाकर साफिया को जमानत मिली है, लेकिन साफिया का पति अब्दुल मलिक और बेटा अब्दुल मोईद अब भी नैनीताल जेल में बंद हैं। दोनों बनभूलपुरा हिंसा के मुख्य आरोपी है। अब्दुल मलिक और अब्दुल मोईद कई बार जमानत के लिए याचिका दायर कर चुके हैं, लेकिन कोर्ट ने अभी तक याचिका स्वीकार नहीं की। दोनों को सितारगंज जेल भी शिफ्ट किया जाना था, लेकिन सुरक्षा कारणों से फैसला रद्द कर दिया गया।