– नैनीताल पुलिस ने गृह मंत्रालय, राज्य व केंद्र की एजेंसियों को भेजी रिपोर्ट, नकली नोटों के विदेश से छप के आने और क्रिप्टो से देश के बाहर भेजी जा रही थी करेंसी
Fake currency business in Nainital, DDC : नैनीताल जिले के लालकुआं कोतवाली क्षेत्र में नकली नोटों के खेल का खुलासा हुआ तो मामले के तार क्रिप्टो करेंसी और ऑन लाइन गेमिंग से जुड़ गए। ऐसे पुख्ता सुबूत हैं कि इस पूरे खेल के तार विदेशों से जुड़े हैं और इसका लिंक अब गृह मंत्रालय खंगालेगा। इसको लेकर नैनीताल पुलिस ने गृह मंत्रालय को अपनी विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है। साथ ही जांच के लिए राज्य व केंद्र की अन्य एजेंसियों को रिपोर्ट भेजी है।
लाखों के नकली नोट के साथ पकड़े थे 8 लोग
बता दें कि बीती 9 सितंबर को पुलिस ने लालकुआं निवासी सर्राफ शिवम वर्मा को गिरफ्तार किया था। शिवम के पास से पुलिस ने 9 हजार रुपये कीमत के 500-500 के नकली नोट बरामद किए थे। जिसके बाद नकली नोटों के गैंग से जुड़े 7 और लोगों को गिरफ्तार कर किया गया। इस मामले में साढ़े 3 लाख रुपये से ज्यादा के नकली नोट बरामद किए गए थे। मामले की जांच आगे बढ़ी तो पता लगा कि नकली नोटों के तार पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से जुड़े हैं। माना जा रहा है कि नकली नोट बांग्लादेश में छापे जाते हैं और उन्हें पश्चिम बंगाल के रास्ते देश के कोने-कोने तक पहुंचाया जाता है।
जाली नोटों की जांच से खुला साइबर क्राइम का खेल
पुलिस ने शुभम के करंट अकाउंट की जांच शुरू की तो मामले की गंभीरता और बढ़ गई। जिसके बाद दो और लोगों की गिरफ्तारी हुई। पता लगा कि शुभम के करंट अकाउंट का इस्तेमाल देश के बाहर पैसे भेजने के लिए किया जा रहा है। नकली करेंसी के साथ शुभम ऑन लाइन गेमिंग के जरिये साइबर क्राइम भी कर रहा था।
साइबर क्राइम की कमाई क्रिप्टो करेंसी में बदली गई
इस धंधे से जो कमाई होती थी, उसे क्रिप्टो करेंसी में बदल कर भारत के बाहर भेजा जा रहा है। पुलिस को शक है कि फ्रॉड का पैसा ऑनलाइन हवाला के माध्यम से कई एशियायी देशों में भेजा जा रहा था। सीओ सिटी नितिन लोहनी ने बताया कि हमारी टीमें इसकी जड़ तक जांच कर रही हैं, लेकिन पूरी जांच बिना गृह मंत्रालय के संभव नहीं है। इसके लिए गृह मंत्रालय समेत राज्य व केंद्र की अन्य एजेंसियों को भी रिपोर्ट भेज दी गई है।
चीन व कुछ अन्य एशियायी देशों के कनेक्शन की आशंका
पुलिस को शक है कि ऑन लाइन गेमिंग और क्रिप्टो करेंसी के मामले में चीन के अलावा कुछ अन्य एशियायी देशों का हाथ हो सकता है। ऐसे देशों में साइबर फ्रॉड करने वालों की संख्या बहुतायत में हैं, जो पूरे विश्व में इस तरह की गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध हैं। हालांकि पुलिस अभी तक देश के बाहर बैठे उस व्यक्ति को तलाश नहीं कर पाई है, जिसने क्रिप्टो करेंसी और साइबर फ्रॉड की रकम को दूसरे देशों और राज्यों में ट्रांसफर करने के लिए सर्राफ शिवम वर्मा के करंट बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया था।