रामनगर के घूसखोर वन दरोगा को 3 साल कठोर कारावास की सजा

उत्तराखंड का रिश्वतखोर वन दरोगा।

– डंपर को छोड़ने के एवज में मांगी थी एक लाख रुपए की घूस, विजिलेंस की ट्रैप टीम ने रंगेहाथ किया था गिरफ्तार

Bribery forest officer punished, DDC : सरकार से हजारों रुपए महीना तनख्वाह लेने वाले रामनगर के वन दरोगा को घूम मांगना महंगा पड़ गया। पीड़ित ने मामले की शिकायत विजिलेंस से की और विजिलेंस की ट्रैप टीम ने वन दरोगा को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। मामले में 6 साल बाद कोर्ट ने वन दरोगा को दोषी करार दिया और उसे न सिर्फ 3 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई बल्कि हजारों रुपए का जुर्माना भी लगाया।

सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर हल्द्वानी के अधिकारियों के मुताबिक विजयनगर नई बस्ती काशीपुर ऊधम सिंह नगर निवासी फईम अहमद पुत्र शब्बीर हुसैन ने 1 अप्रैल 2019 को सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर हल्द्वानी में शिकायत की थी। फईम का कहना था कि वह और उनका दोस्त अली उर्फ लंबू पुत्र मुमताज हुसैन के डंपर हैं और वह रामनगर कोसी नदी से रेता ढुलाई का काम करते हैं।

आरोप था कि 7 मार्च 2019 को उन्होंने बंजारी गेट रामनगर से टोकन कटवाया और डंपर को नदी में ले गए। तब पट्टी चौहानन जसपुर ऊधम सिंह नगर निवासी शैलेंद्र कुमार चौहान पुत्र स्व.भारत सिंह तराई पश्चिमी वन प्रभाग रामनगर में गुलजारपुर वन चौकी का इंचार्ज था। नदी में गाड़ी ले जाते वक्त रेंजर आरके वर्मा और वन चौकी इंचार्ज शैलेंद्र चौहान ने उनके डंपर पकड़े लिए, जिन्हें वह अपने साथ वन चौकी छोई ले गए और डंपर छोड़ने के एवज में रिश्वत मांगी।

फईम की शिकायत पर विजिलेंस के निरीक्षक राम सिंह मेहता से जांच कराई गई और मामला सही पाया गया। जिस पर विजिलेंस की ट्रैप टीम ने 2 अप्रैल 19 को शैलेंद्र कुमार चौहान को एक लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर हल्द्वानी में मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की विवेचना संजय पांडे ने की। अभियोजन अधिकारी दीपा पानी ने न्यायालय में 15 गवाह पेश किए।

न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम/विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण नीलम रात्रा की अदालत ने 1 अप्रैल 25 को शैलेंद्र कुमार चौहान को 3 वर्ष कठोर कारावास और 25 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। विजिलेंस अधिकारियों ने अपील की है कि यदि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है तो वह टोल फ्री नंबर 1064 या व्हाट्सएप नंबर 94565 92300 पर शिकायत करें।

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