नोएडा में सीखी करतूत, हल्द्वानी में लगाया नकली शराब का कारखाना

. स्प्रिट, पानी और रंग मिलाकर शराब बनाने वाले बरेली के धंधेबाज हत्थे चढ़े, किराए के कमरे में चल रहा था कारखाना

Fake liquor business in Haldwani, DDC : उत्तराखंड के हल्द्वानी में नकली शराब के बड़े कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है। दिन में मोमो, चाउमीन का ठेला लगाने वाले बरेली के दो शातिर रात किराए के कमरे में नकली शराब का कारखाना खोल कर बैठे थे। शातिर पानी में रंग और स्प्रिट मिलाकर शराब तैयार करते थे। पिछले दो दिनों से एसओजी और हल्द्वानी कोतवाली पुलिस शातिरों को ट्रेस करने में जुटी थी और रविवार को शातिर रंगेहाथ दबोच लिए गए। इनके पास से शराब बनाने में काम आने वाला उपकरण और भारी मात्रा में माल बरामद किया गया है।

सोमवार को पुलिस बहुउद्देशीय भवन में मामले का खुलासा करते हुए सीओ सिटी नितिन लोहनी ने बताया कि एसओजी और कोतवाली पुलिस की संयुक्त रेड में लाल फाटक बंदायू रोड थाना कैंट जिला बरेली निवासी सचिन जायसवाल (34 वर्ष) पुत्र अजय प्रकाश और पुराना शहर सतीपुर थाना बरादरी जिला बरेली निवासी सोनू कश्यप (30 वर्ष) पुत्र स्व. झब्बूलाल को गिरफ्तार किया गया है। दोनों रामपुर रोड स्थित बजवाल ट्रेडर्स के पास किराए के मकान में रहते थे।

दिन में दोनों फास्ट फूड का ठेला लगाते और रात कमरे में नकली शराब तैयार करते थे। टीम ने जब छापा मारा तो कमरे से भारी मात्रा में उत्तराखंड आबकारी की फर्जी स्टीकर के साथ अंग्रेजी और देसी शराब के पव्वे मिले। मौके से नकली शराब और शराब तैयार करने का माल बरामद हुआ। उस स्कूटी को सीज किया गया, जिससे तस्करी की जाती थी।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पहले वह नोएडा स्थित एक शराब की दुकान में काम करते थे। यहीं से उन्होंने नकली शराब बनाना सीखा। जिसके बाद वह हल्द्वानी आ गए। यहां पानी में रंग और स्प्रिट मिलाकर शराब तैयार करने लगे। स्थानीय कबाड़ियों से वह शराब के पव्वे खरीदते और बरेली से ढक्कन और उत्तराखंड आबकारी के हूबहू असली दिखने वाले नकली स्टीकर मंगाते थे। दोनों के खिलाफ हल्द्वानी कोतवाली में धारा 60(1)(2), 72 आबकारी अधिनियम व 271, 336, 338, 340 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

छापेमारी में ये माल हुआ बरामद
छापेमारी में मौके से 40 लीटर स्प्रिट व कैमिकल निर्मित नकली शराब, 20 लीटर शुद्ध स्प्रिट, 10 लीटर पानी, 20 पव्वे भरे हुए गुलाब मार्का नकली, 1 एल्कोमीटर, 2 पेंचकश, 2 सूजे, उत्तराखंड आबकारी के फर्जी ढक्कन, स्टीकर 1 रोल, 4 चिमटी, 247 ढक्कन अंग्रेजी शराब के, 1746 ढक्कन देसी शराब के, 2 फनल कीप, 1 छलनी, 1 नीला ड्रम, 41 अंग्रेजी शराब के खाली पव्वे, 7 खाली पव्वे देसी शराब के, 2 बोतल कलर कैमिकल, 1 भगोना, 1 चाकू एवं तस्करी में प्रयुक्त 1 वाहन स्कूटी यूपी 25 सीजेड 2688 बरामद की गई।

एसएसपी ने दिया टीम को इनाम
एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने पुलिस को टीम को ढाई हजार रुपए इनाम की घोषणा की है। पुलिस टीम में कोतवाल राजेश यादव, एसएसआई रोहताश सिंह सागर, एसओजी प्रभारी संजीत राठौड़, हेड कांस्टेबल ललित श्रीवास्तव, कांस्टेबल चंदन नेगी, संतोष बिष्ट, राजेश बिष्ट, अरविन्द बिष्ट, युगल किशोर मिश्रा, मो. अजहर थे।

थोक के दाम से भी डेढ़ हजार कम में पेटी
शातिर नोएडा स्थित शराब की दुकान में काम करते थे। यहां पेटियों में शराब आती थी। पेटी में 12 बोतलें होती हैं और ये शातिर असली में नकली शराब मिलाकर 12 बोतलों की 20 बोतल बना देते थे। यानी 8 बोतलों का पैसा अपनी जेब में। हल्द्वानी में देसी शराब की पव्वे की पेटी थोक में लगभग 48 सौ रुपए की आती है, लेकिन ये शातिर 3 हजार में ही पेटी दे देते थे। ऐसे में इनका धंधा तेजी से पांव पसार रहा था। खास बात यह है कि शातिर सिर्फ नकली शराब के पव्वे ही बनाकर बेचते थे और देसी व अंग्रेजी दोनों के।

जान ले सकती है 400 एमएल स्प्रिट
स्प्रिट एक प्रकार की डिस्टिल्ड (आसवित) शराब होती है, जिसमें बहुत अधिक मात्रा में एथनॉल होता है। सामान्य रूप से स्प्रिट में 35 से लेकर 50 प्रतिशत या इससे भी अधिक अल्कोहल हो सकता है। यदि कोई व्यक्ति एक बार में बहुत अधिक मात्रा में स्पिरिट पी ले, जैसे 400 से 500 मिली, तो यह जानलेवा हो सकता है और खासकर तब जब शरीर का वजन कम हो। जान लेने के अलावा इससे एल्कोहल पॉइजनिंग, लीवर सिरोसिस, मेमोरी लॉस, डिप्रेशन, गले, मुंह और लिवर का कैंसर हो सकता है।

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