हनीमून पर हैवानियत, इतनी कि लिख भी नही पाई व्यथा

– भारत से वियतनाम तक मारपीट, मॉरीशस में बनाया हॉस्टेज

Savagery on Honeymoon, DDC : बाप ने बड़े अरमानो से बेटी की शादी की। दूल्हा साथ उसे सात समंदर पार ले गया और हनीमून से ही हैवानियत का खेल खेलने लगा। भारत के बाद वियतनाम और फिर मॉरीशस में उसे कैद कर लिया। इस कदर प्रताड़ित किया कि हल्द्वानी की बेटी अपनी व्यथा भी पुलिस को दी तहरीर में खुल कर लिख नही पाई।

एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा को दी शिकायत में हल्द्वानी के मुखानी थाना क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता ने कहा, वर्ष 2022 में उसकी शादी गाजियाबाद उत्तर प्रदेश निवासी युवक के साथ हुई थी। आरोप है कि ससुसाल गाजियाबाद में 2-3 दिन सब सही रहा, लेकिन जब हम हनीमून के लिए माँरीशस गए तो मेरे पति का असली रूप सामने आ गया। उसने मारपीट व बदसलूकी शुरू कर दी। कहने लगा कि तेरे साथ शादी करके अपना जीवन बर्बाद कर लिया है। तुम्हारे माता-पिता ने मुझे कुछ नही दिया। अब मुझे 10 लाख रुपये और टाटा सफारी गाड़ी चाहिए।

मैं मलेशिया नही जाना चाह रही थी, जान का खतरा था। लेकिन पति ने वादा किया कि वह मुझे परेशान नही करेगा। 4 फरवरी 2023 को हम वियतनाम के रास्ते मलेशिया के लिए निकले। वियतनाम में फिर लड़ाई की। 6 फरवरी को मलेशिया के लिए रवाना हुए तो एअरपोर्ट पर बदसलूकी की। मलेशिया पहुँचे तो फिर से वही रवैया शुरू हो गया। रात में अचानक घर से निकलने को बोलता। तकिया से गला दबाया, मेरे शरीर को जकड़कर दीवार से पटका और घसीटा। पीड़िता ने पत्र में लिखा, मेरे साथ शारिरिक क्रूरता और बहुत अमानवीय व्यवहार किया,  जिसे मैं यहाँ नही लिख सकती ।

पति अपने दोस्तों के समाने जलील किया। लोगों के सामने भी चीखने-चिल्लाने लगता, हिंसक हो जाता। डरा धमका के रखा। जिससे पीड़िता में डर, हीनता और अशक्षमता का भाव रहने लगा। घर में और घऱ के बाहर भी मुझे कंट्रोल करके और हास्टेज बना के रखा। मुझे कमरा बंद करके आफिस जाता था। जिंदगी भिखारी से भी बदत्तर लगने लगी। जब मेरी जॉब रूडकी में लगी तब इसके चुंगल से बच पायी। 17 जुलाई 2023 को रूडकी में जाँब ज्वाइन की, लेकिन इसने वापस आने के बाद फिर परेशान करना शुरू कर दिया। जॉब नही कर पाई और 2 आगस्त को मेरे पिता मुझे मायके ले आए, लेकिन पति और ससुराली फोन पर प्रताड़ित करते रहे। पति व इसके परिवार वाले बिना बताए हमारे यहां आते और लडाई करते। पति टाईम बेटम घर आकर करता।

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