Atul Subhash Case : अतुल सुभाष सुसाइड केस के बाद से फरार चल रहे सास, साला और बीवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सिंघानिया परिवार अब कानून के चंगुल में है। अतुल की पत्नी निकिता को गुरुग्राम, सास और साले को प्रयागराज से हिरासत में लिया है। सभी को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया है। इससे पहले बंगलुरु पुलिस ने निकिता के उत्तर प्रदेश स्थित घर पर नोटिस चस्पा कर तीन दिनों के अंदर बेंगलुरु पुलिस को रिपोर्ट करने के निर्देश दिए थे।
3 दिन के भीतर कहा था हाजिर होने को
उधर, जौनपुर में बेंगलुरु पुलिस की चार सदस्यीय टीम शनिवार को भी दीवानी न्यायालय गई तथा अतुल के खिलाफ पत्नी की ओर से दर्ज मुकदमों की शेष पत्रावलियों की नकल ली। बेंगलुरु पुलिस के एएसआइ रंजीत कुमार ने बताया कि टीम अभी जौनपुर में रुकेगी। अग्रिम जमानत की अर्जी अतुल की पत्नी निकिता के साथ सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और सुशील सिंघानिया ने दाखिल की थी। मामले में सुशील अब भी फरार है।
तहरीर से जज का नाम हटाया
एएसआइ रंजीत कुमार ने बताया कि विकास मोदी ने जौनपुर के फैमिली कोर्ट की जज के खिलाफ भी तहरीर दी थी। उन्हें यह बताने पर कि न्यायालय तो किसी न किसी के पक्ष में निर्णय करेगा ही, उन्होंने तहरीर बदल दी थी। उन्होंने निकिता व उसके परिवार वालों के खिलाफ ही एफआइआर दर्ज कराई है।
अतुल सुभाष के गंभीर आरोप
बेंगलुरु में एक नामी टेक कंपनी में काम करने वाले अतुल सुभाष ने पत्नी निकिता समेत ससुराल के अन्य परिजनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अतुल ने अपने आखिरी संदेश में निकिता, सास निशा और साले अनुराग सिंघानिया पर फर्जी मुकदमा दायर कर परेशान करने और पैसे ऐंठने का आरोप लगाया था। साथ ही मामले की सुनवाई करने वाली जज पर भी बहुत ही गंभीर आरोप लगाए। अतुल सुभाष का आखिरी नोट और वीडियो के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। खासकर जस्टिस सिस्टम पर गंभीर सवाल उठे हैं।