– मुखानी थाने और नगर निगम की ओर दर्ज कराए गए मुकदमे में आरोपियों की मुश्किलें भी और बढ़ीं
Banbhulpura violence, DDC : बनभूलपुरा हिंसा मामले में पकड़े गए आरोपियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। बनभूलपुरा थाने की ओर से दर्ज मुकदमे में मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक समेत 36 आरोपियों पर पहले ही गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) लगा था और अब 71 और आरोपियों पर यूएपीए लगा दिया गया है। ये 71 लोग मुखानी थाने और नगर निगम की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे के आरोपी हैं। इसके अलावा न्यायालय ने 98 आरोपियों की न्यायिक हिरासत 28 दिन बढ़ा दी है।
हिंसा के शुरुआती हफ्ते में पकड़े गए थे 98 आरोपी
बनभूलपुरा में बीती 8 फरवरी को तब हिंसा भड़की थी, जब पुलिस के संरक्षण में प्रशासन और नगर निगम की टीम कंपनी बाग (मलिक का बगीचा) में अतिक्रमण ढहाने पहुंची थी। इस मामले में बनभूलपुरा थाना, मुखानी थाना और नगर निगम की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। शुक्रवार को सेशन कोर्ट हल्द्वानी में उन 98 आरोपियों की पेशी हुई, जो हिंसा से शुरुआती हफ्ते में गिरफ्तार किए गए।
पुलिस ने आगजनी और लूटपाट सहित नगर निगम की ओर से दर्ज मुकदमे के आरोपियों पर भी यूएपीए एक्ट लगाने और न्यायिक हिरासत बढ़ाने की अपील की।
रविवार को पुलिस ने मुखानी और नगर निगम थाने की ओर दर्ज मुकदमों में 71 आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई शुरू कर दी। हिंसा मामले में अब तक कुल 107 लोगों के खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई की जा चुकी। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है। यूएपीए एक्ट कुछ अन्य आरोपियों पर लगाया गया है।
गिरफ्तार सभी 107 पर यूएपीए, 7 महिलाएं भी शामिल
बनभूलपुरा हिंसा में कुल 107 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। 36 पर पहले और अब 71 पर यूएपीए लगाया गया है। इसमें 7 महिलाएं भी शामिल हैं। कोर्ट ने पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट और साक्ष्यों को देखने के बाद ये फैसला लिया। बताया जा रहा है कि पुलिस ने हिंसा मामले की जांच के दौरान कुछ ऐसे आरोपी भी चिह्नित किए हैं जिनके खिलाफ पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं। जल्द ही उन्हें भी हिंसा मामले में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा जो जेल में बंद हैं, पुलिस उनकी रिमांड के लिए भी अर्जी लगाएगी।