23 साल में 40 हजार बार धधकी देवभूमि, खाक हुई 600 करोड़ की संपत्ति

– शहरों में लगने वाली आग के बाद अब डरा रही जंगलों की आग, वर्ष 2012 में हुए सबसे से ज्यादा 3314 घटनाएं

Fire incident in Uttarakhand, DDC : उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक राज्य के विभिन्न जिलों में करीब 40 हजार बार आग लग चुकी है। अनुमान है कि इस आग में 600 करोड़ रुपये की संपत्ति जलकर खाक में मिल गई। शहरों में लगने वाली इस आग के बाद वनाग्नि सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है। वर्ष 2024 के अप्रैल तक वनाग्नि के 5710 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और जंगल अब भी धधक रहे हैं।

उत्तर प्रदेश से अलग होकर 9 नवंबर 2000 में उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ। एक आरटीआई में हुए खुलासे के मुताबिक वर्ष 2001 से 2022 के बीच राज्य के विभिन्न शहरों, कस्बों और गांवों के घरों में 37287 बार आग लगी। इस अग्निकांड में 5456134381 रुपए की संपत्ति खाक हो गई। बड़ी बात यह है कि इन अग्निकांड में 26266889633 रुपये की संपत्ति को दमकल ने बचा भी लिया।

आग की सबसे कम घटनाएं वर्ष 2005 में दर्ज की गईं। इस वर्ष आग की सिर्फ 301 घटनाएं हुईं। जबकि 12879120 रुपये के नुकसान का आंकलन किया गया। आग की सबसे ज्यादा घटनाएं वर्ष 2012 में हुईं और इस साल 3314 बार आग लगी। जबकि राज्य गठन के पहले वर्ष में आग की सिर्फ 630 घटनाएं दर्ज की गई थी। इस वर्ष 41218334 रुपए की संपत्ति के जलने का अनुमान लगाया गया था। यानी बढ़ते वर्ष के साथ आग और आग से होने वाला नुकसान भी बढ़ रहा है। अनुमान है कि वर्ष 2024 तक आग की 40 हजार घटनाएं हो चुकी हैं और इसमें 600 करोड़ की संपत्ति जल चुकी है।

वर्ष      आग की घटनाएं       नुकसान        संपत्ति बचाई गई
2001        630                  41218334         20760665
2002        620                  23165150       134543950
2003        694                  25391950       557398300
2004        823                  47914460       186677940
2005        301                  12879120         57214092
2006      1008                179275181         62277519
2007      1318                112298650         89419450
2008      1492                126696755       638621795
2009      2244                397633628     1272298136
2010      2135                365323942       122434766
2011      1580                337315419     1835270334
2012      3314                  53515745     2147483647
2013      1701                 465444117    2001916174
2014      1821                   49920881    1774776695
2015      1922                 391046611     2147483647
2016      2876                     5736973        55360842
2017      2004                 254270273      136954762
2018      2480                 224589545    1073612627
2019      2650                 173952520    1679152831
2020      1571                 142738380      109648836
2021      2246                 238815375    3043482910
2022      1824                 189347372    1251121415

वर्ष 2023 में हुई वनाग्नि
अल्मोड़ा में 299
बागेश्वर में 75
चमोली में 99
चम्पावत में 120
देहरादून में 48
गढ़वाल में 378
हरिद्वार में 42
नैनीताल में 207
पिथौरागढ़ में 213
रुद्रप्रयाग में 31
टिहरी गढ़वाल में 115
ऊधमसिंहनगर में 183
उत्तरकाशी में 40

पिछले 5 साल में वनाग्नि कितनी जिंदगियां और जंगल निगल गई
1. 30 जून 2019 तक आंकड़ों के अनुसार 2158 वनाग्नि की घटनाएं हुईं, जिसमें 2981.55 हेक्टेयर वन भूमि जलकर खाक हो गई। इन हादसों में 15 लोग घायल हुए और 1 व्यक्ति व 6 वन्यजीवों की मृत्यु हो गई। इससे वन विभाग को 55 लाख 92 हजार के राजस्व का नुकसान हुआ और करीब 7000 हजार हरे पेड़ जल गए।

2. 23 जून 2020 तक वनाग्नि की 135 घटनाएं हुईं। जिसमें 172.69 हेक्टेयर भूमि भस्म हुई। 2 लोगों की मौत हुई और 4 लाख 44 हजार रुपये का नुकसान हुआ।

3. 23 जुलाई 2021 तक वनाग्नि की हुई 2813 घटनाओं में 3944 हेक्टेयर जंगल खाक हो गया। 8 लोगों, 29 वन्यजीवों की मौत हुई। 3 लोग और 24 वन्यजीव घायल हुए। 1 लाख 20 हजार पेड़ जल गए और इस अग्नि से 1 करोड़ 6 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

4. 6 अगस्त 2023 तक वनाग्नि की 2186 घटनाओं में 3226 हेक्टेयर वन भूमि जल गई। 7 लोग घायल हुए और 2 लोगों की मौत हो गई। जबकि 39 हजार पेड़-पौधे जले और 89 लाख 25 हजार रुपये का नुकसान हुआ।

5. 29 नवंबर 2023 तक वनाग्नि की 73 घटनाएं हुईं, जिसमें 933 हेक्टेयर भूमि जली, 3 लोग मरे और 3 घायल हुए। 15 हजार पेड़-पौधे नष्ट हुए और 23 लाख 97 हजार रुपये का नुकसान हुआ।
नोट- वर्ष 2024 में अप्रैल तक वनाग्नि की 650 घटनाएं हो चुकी हैं और 800 हेक्टेयर भूमि जल चुकी है। इसमें 2 लोग घायल और 1 की मौत हो चुकी है। हालांकि वन विभाग अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहा।

एक साल में आग लगने की घटनाएं कितनी बढ़ीं?
मार्च व अप्रैल 2023 में अल्मोड़ा जिले में आग लगने की 299 घटनाएं हुई थी। जबकि 2024 में इन्हीं दो महीनों में 909 घटनाएं हो चुकी हैं। चम्पावत जिले में वर्ष 2023 में 120 वनाग्नि हुई तो 2024 में यह 1025 हो चुकी है। गढ़वाल जिले में भी मार्च व अप्रैल 2023 में 378 घटनाएं हुई तो इस वर्ष 742 का आंकड़ा पार हो चुका है। नैनीताल में पिछले साल 207 आग लगने की घटनाएं 2 महीने में दर्ज की गईं, जो कि इस साल दो महीना में 1524 हो चुकी हैं। वर्ष 2023 के मार्च महीने में जंगल में आग लगने की 804 घटनाएं के सामने आई थी तो 2024 में मार्च महीने में 585 आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन अप्रैल की स्थिति ज्यादा चिंताजनक है क्योंकि अप्रैल 2023 में आग लगने की 1046 घटनाएं दर्ज हुई थीं। जबकि 2024 में अब तक अप्रैल में 5710 आगे ने की घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं।

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