जिंदगी की राह में रोड़ा बना गौला पुल, गई गौलापार के युवक की जान

– पहले नदी पार करने में देरी, फिर पुलिस ने रोका और फिर बंद क्रासिंग में फंसकर नहीं मिला समय पर उपचार

Died by consuming poison, DDC : हल्द्वानी के गौलापार निवासियों के लिए संजीवनी का काम करने वाला गौला पुल एक युवक की जिंदगी के बीच रोड़ा बन गया। युवक ने जहर खा लिया था और समय पर इलाज जरूरी थी। पहले टूटे गौला पुल ने राह रोकी, फिर गौला नदी का कच्चा और दुर्घटना संभावित मार्ग बाधा बना। किसी तरह नदी पार हुए तो पुलिस ने रास्ता रोक लिया। दूसरे रास्ते पर गए तो रेलवे क्रासिंग बंद गई। फिर समय पर इलाज नहीं मिला और युवक की मौत हो गई।

जहर खाया था, लेकिन क्यों पता नहीं
उदयपुर रैक्वाल दौलतपुर गौलापार निवासी गिरीश चंद्र शर्मा (33 वर्ष) पुत्र प्रेम बल्लभ शर्मा लालकुआं दुग्ध संघ में बतौर चालक नौकरी करता था। गिरीश के भाई मनोज ने बताया कि शुक्रवार की देर शाम भाई ने जहर खा लिया। उसने ऐसा क्यों किया पता नहीं, लेकिन जब उसकी हालत बिगड़ी तो जहर खाने का पता लगा। आनन-फानन में परिजनों ने उसे कार में डाला और अस्पताल लेकर निकल पड़े।

बनभूलपुरा की ओर जाने से रोक दिया
जब जल्दी पहुंचना था तो गौला पुल कई दिनों से बंद पड़ा था। नदी का कच्चा पार करने में समय लगा। किसी तरह गौला पुल पर बनी निगरानी पुलिस चौकी पहुंचे तो पुलिस ने रास्ता रोक लिया। वह बनभूलपुरा होते हुए सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल जाना चाहते थे। मिन्नतों के बावजूद जब पुलिस कर्मी नहीं माना तो कार मोड़कर शनि बाजार रेलवे क्रॉसिंग पहुंचे।

पुल खुला होता तो शायद बच जाती जान
शनि बाजार रेलवे क्रॉसिंग पहुंचते ही रेलवे फाटक बंद हो गया। कार में पड़े गिरीश की तबीयत तेजी से बिगड़ रही थी। फाटक खुलते ही उसे बेस अस्पताल लेकर पहुंचे तो गिरीश को देखते ही चिकित्सकों ने डॉ.सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय ले जाने को कह दिया। उसे एसटीएच पहुंचाया गया और यहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मनोज का कहना है कि अगर गौला पुल खुला होता और समय से उपचार मिल जाता तो शायद गिरीश की जान बच जाती।

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