– हल्द्वानी में 38वें राष्ट्रीय खेलों के समापन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया संबोधन
Closing Ceremony of 38th National Games, DDC : 38वें राष्ट्रीय खेलों का हल्द्वानी में हुए भव्य समारोह में समापन हो गया। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने राष्ट्रीय खेलों के समापन की घोषणा की। इस अवसर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 39वें राष्ट्रीय खेलों के मेजबान मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा को राष्ट्रीय खेलों का ध्वज सौंपा और शुभकामनाएं दीं।

चारों धाम के देवी-देवताओं को प्रणाम कर शुरू किया संबोधन
शुक्रवार को गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्टस कॉम्पलेक्स में हुए समापन समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने टॉप थ्री टीमें सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड, महाराष्ट्र और हरियाणा को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया। शाह ने चारों धामों के देवी-देवताओं को प्रणाम करते हुए कहा कि देवभूमि खेलभूमि बन नहीं गई है, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया। धामी ने उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेलों में 25वें से 7वें स्थान पर लाने का काम किया। खिलाड़ियों ने पहली बार 102 मेडल्स जीते, तब जाकर देवभूमि खेलभूमि बनी है।
हार से निराश न होना, यही खेल का संदेश
उन्होंने कहा राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए देश भर में उत्तराखंड की वाही-वाही हो रही है। पूरा देश यहां की शानदार व्यवस्थाओं के गुणगान कर रहा है। छोटा सा हिमालयी व भौगोलिक विषमताओं वाले राज्य में मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राष्ट्रीय खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन हुआ। शाह ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल में हार या जीत होती है। जीत का जज्बा और हार से निराश नहीं होना, यही खेल का संदेश है। उन्होंने हारने वाले खिलाड़ियों के लिए कड़ी मेहनत कर अगली बार मेडल्स लाने के लिए प्रेरित किया।

मेघालय जाएगी राष्ट्रीय खेलों की मशाल
शाह ने कहा कि सीएम धामी ने राष्ट्रीय खेलों में इको- फ्रेंडली प्रैक्टिसेज को धरातल पर उतारा है। विजेता खिलाड़ियों के नाम पर पौधारोपण किया है, जो सराहनीय है। राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों ने कई नए रिकॉर्ड बनाए हैं, इनसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों में भी पदक हासिल करने की उम्मीद जगी है। राष्ट्रीय खेलों की यह मशाल उत्तराखंड से अब मेघालय जाएगी। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने निर्णय लिया है कि नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों में कुछ खेलों के आयोजन से पूरे नॉर्थ ईस्ट को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा को आगामी राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री मोदी को खेल मित्र मानते हैं खिलाड़ी
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में खेलों के वातावरण में सकारात्मक बदलाव आया है। कई जिलों में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर, कोचिंग, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन और पारदर्शी चयन से वैश्विक खेल पटल पर देश की प्रतिष्ठा बढ़ी है। प्रधानमंत्री मोदी ने फिट इंडिया और खेलो इंडिया से युवाओं को खेल में आगे बढ़ाया है। खेल हारने के बाद अगले ही दिन जीतने के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। आज हर खिलाड़ी प्रधानमंत्री को खेल मित्र मानता है। उन्होंने कहा वर्ष 2014 में खेल बजट 800 करोड़ था, जो 2025-26 में 3,800 करोड़ है। इसी तरह वर्ष 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स में 15 मेडल्स थे, जिन्हें 26 तक ले गए। एशियाई खेलों में 57 मेडल्स थे जिन्हें 107 और पैरालंपिक में 33 मेडल्स मिले थे जिन्हें 111 तक लेकर गए। इन मेडल्स से पता लगता है कि देश में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर और खिलाड़ियों में जीतने की भूख बढ़ी है। उन्होंने कहा भारत वर्ष 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है। वर्ष 2036 के ओलंपिक में भी उत्तराखंड के खिलाड़ी भी मेडल लाकर तिरंगे का मान बढ़ाएंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज व पुलवामा शहीदों को दी श्रद्धांजलि
गृह मंत्री शाह ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज एवं पुलवामा में शहीद सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि पुलवामा में जवानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों पर एयर स्ट्राइक कर करारा जवाब दिया था। इस वजह से दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदला है। इससे दुश्मनों को साफ संदेश गया कि भारत की सेना और सीमा से कभी खिलवाड़ नहीं करना है।