– 26 से ज्यादा पर्यटकों की हत्या, आतंकी बोला-मोदी को बता दो
Terrorist attack in Pahalgam, DDC : अभी तक हिंदुस्तानियों को यही बताया गया कि आतंक का कोई चेहरा नही होता, लेकिन पहलगाम में आतंकी हमले ने ये साफ कर दिया है कि आतंक का चेहरा इस्लामिक होता है। हम ये इस लिए कह रहे हैं क्योंकि ताजा आतंकी हमले में पर्यटकों को उनका धर्म पूंछ कर गोली मारी गई। अभी तक 28 लोगों के मौत की खबर है। जबकि 18 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। आतंकियों उन मर्दों को निशाना बनाया, जो अपनी पत्नी के साथ आए थे। ऐसी ही एक महिला ने पति के कत्ल के बाद आतंकी से उसे भी मार देने को कहा तो आतंकी बोला-जाकर मोदी को बता दो।
आतंकियों की तलाश में ड्रोन और खोजी कुते
कश्मीर में सुरक्षा और विश्वास के वातावरण की बहाली से हताश आतंकियों ने मंगलवार को बैसरन-पहलगाम में पर्यटकों पर अंधांधुध गोलियां बरसाईं। मृतकों में दो विदेशी नागरिक भी हैं। जबकि आतंकियों की संख्या 6 बताई जा थी है, जो सेना की वर्दी में आए थे। हमले के बाद फरार हुए आतंकियों को पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली है। आतंकियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है।

द रजिस्टेंस फोर्स ने ली जिम्मेदारी
हमले की जिम्मेदारी कश्मीर में आतंक का नया पर्याय बने लश्कर-ए-तैयबा के हिट स्क्वॉड द रजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) ने ली है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सऊदी अरब से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से पहलगाम हमले से उपजे हालात पर जानकारी ली और उन्हें तत्काल कश्मीर पहुंचकर स्वयं हालात का जायजा लेने के लिए कहा। जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री फौरन श्रीनगर पहुंचे और रात ही हाई लेवल मीटिंग ली।
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने जारी किए नम्बर
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पहलगाम आतंकी हमले से उपजे हालात में पुलिस नियंत्रण कक्ष में एक पर्यटकों की मदद के लिए एक हैल्प डेस्क शुरू कर दी है। यह 24 घंटे बहाल रहेगी। जिला एसएसपी अनंतनाग के अनुसार, हैल्पडेस्क के टेलीफोन नंबर- 9596777669, 01932225870 हैं। इनके अलावा एक व्हाट्सएप नंबर: 9419051940 है। इन नंबरों पर पर्यटक संपर्क कर, आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला
बीते दो दशक में यह कश्मीर में पर्यटकों पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है। इससे पूर्व 26 मई 2006 को श्रीनगर के जकूरा इलाके में एक आतंकी हमले गुजरात के चार पर्यटकों क मौत हो गई थी। अलबत्ता, पहलगाम में श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान छह अगस्त 2002 को आतंकियों ने नुनवन पहलगाम में हमला किया था। इस हमले में छह श्रद्धालु और तीन अन्य नागरिक मारे गए थे। 20 जुलाई 2001 को आतंकियों ने शेषनाग झील के पास श्रद्धाल़ुओं के एक शिविर पर हमला किया था।
इस हमले में 13 लोगों की मौत हुई थी। दो अगस्त 2000 को आतंकियों ने पहलगाम में ही श्री अमरनाथ के श्रद्धालुओं पर हमाल किया था। इसमें 21 श्रद्धालुओं समेत 32 लाेग मारे गए थे । 28 जुलाई 1998 को शेषनाग के पास ही आतंकियों ने श्रद्धालुओं पर हमला किया था,जिसमें 20 लोगों की मौत हई थी।
नई-नई शादी हुई थी… कश्मीर हनीमून पर गए थे।
सपनों से भरा जीवन शुरू ही हुआ था और आतंकवाद ने सुहाग उजाड़ दिया। नाम पूछा, धर्म जाना और गोली मार दी।
हत्यारे ने ना इंसानियत देखी, ना मोहब्बत… बस देखा तो ये कि ‘हिंदू’ है। न देखा कि तुम यादव हो, राजपूत हो, ठाकुर हो, पंडित हो, बीजेपी के हो, कांग्रेस के हो या सपा के हो… बस देखा तो ये कि तुम हिंदू हो।