– बीती 26 मार्च को बहन के घर जाने की बात कहकर निकली थी घर से, लाश के पास मिलीं जहर की शीशियां
Missing Neha’s body found, DDC : पिछले चार दिनों से हल्द्वानी के नवाबी रोड की रहने वाली नेहा की लाश रविवार को काली चौड़ के जंगल में मिली। लाश मंदिर के पास गुजरे गधेरे में औंधे मुंह पड़ी थी। लाश के पास जहर की दो शीशियां पड़ी थी और नेहा के मुंह से झाग निकल रहा था। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को मौके पर बुला कर शव की शिनाख्त कराई। फॉरेसिंक एक्सपर्ट ने भी घटना स्थल से सुबूत जुटाए हैं। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि नेहा ने जहर खाकर जान दी या फिर मौत की कहानी के पीछे का सच कुछ और ही है।
हल्द्वानी कोतवाली क्षेत्र के नवाबी रोड मथुरा विहार निवासी नेहा उप्रेती (35 वर्ष) यहां अपने पति नरेंद्र कुमार उप्रेती के साथ रहती थी। नरेंद्र ने बीती 26 मार्च को कोतवाली पुलिस को तहरीर सौंपी थी। उनका कहना था कि बीती 26 मार्च को नेहा घर से निकली थी। जाने से पहले उसने बताया था कि वह अपनी बहन के घर जा रही है और जल्द लौट आएगी, लेकिन शाम होने के बावजूद वह घर नहीं लौटी। जिसके बाद नरेंद्र ने नेहा की तलाश शुरू की और जब अनहोनी की आशंका हुई तो वह तहरीर लेकर पुलिस के पास पहुंचे। तहरीर मिलने के तुरंत बाद ही पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने नेहा के घर के आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए। नेहा सीसीटीवी फुटेज में तो नजर आई, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला।
अधिकारियों ने नेहा की तलाश के लिए दो टीमें लगाईं। नेहा काठगोदाम में काली चौड़ की ओर जाती सीसीटीवी में नजर आई तो जंगल में उसकी तलाश शुरू हुई। चार दिन गुजर गए, लेकिन सुराग नहीं लगा। रविवार को एक टीम काठगोदाम थानाध्यक्ष दीपक बिष्ट के साथ काली चौड़ के जंगल में कांबिंग कर रही थी। मंदिर से करीब 100 मीटर दूर एक गधेरे में नेहा औंधे मुंह पड़ी मिली। मौके पर नेहा के पति को बुलाकर शव की शिनाख्त कराई गई।
कोतवाल राजेश कुमार यादव ने बताया कि महिला को खोजने के लिए एसएसआई रोहताश सागर और काठगोदाम थानाध्यक्ष दीपक बिष्ट की टीम महिला को तलाश रही थी। रविवार को जंगल में कांबिंग के दौरान शव मिला। शव के पास जहर की दो शीशियां मिलीं। फॉरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के कारणों को सही पता चलेगा।
जिस दिन घर से निकली, उसी दिन हुई मौत
काठगोदाम थानाध्यक्ष दीपक बिष्ट ने बताया कि नेहा की तलाश के लिए सीसीटीवी खंगाले गए। नेहा रामलीला ग्राउंड से एक टेंपो में बैठकर कालीचौड़ मंदिर तक आती दिखी। जिस टेंपो से नेहा ने सफर किया, उसके चालक से पूछताछ की गई। उसने जहां नेहा को उतारा, वहां से फिर तलाश शुरू की गई और रविवार को शव बरामद कर लिया गया। शव की हालत को देख कर अनुमान लगाया जा रहा है कि जिस दिन नेहा घर से निकली, उसी दिन उसकी मौत हो गई।
दो बच्चियों को छोड़ गई दिमागी रूप से बीमार नेहा
नेहा की दो छोटी बेटियां थीं। छोटी दीविशा महज एक साल की है। जबकि बड़ी बेटी प्रत्यूषा 6 साल की है। अब दोनों बेटियों से मां का साथ छूट गया है। नेहा के पति नरेंद्र कोतवाली पुलिस को जो तहरीर सौंपी थी, उसमें लिखा था कि नेहा दिमागी रूप से बीमार थी। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि जब वह मानसिक रूप से अस्वस्थ थी तो उसे अकेले घर से क्यों जाने दिया गया। हालांकि उसके लापता होने के बाद से नरेंद्र गली-गली उसे तलाश कर रहा था।