– वर्ष 2018 में पकड़ा था विजिलेंस ने, 6 साल बाद 5 साल सजा और 1 लाख रुपए हजार जुर्माना
Punishment to commission-taking JE, DDC : काम के एवज में कमीशन मांगना लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के जेई को भारी पड़ गया। छह साल पहले गिरफ्तार किए गए जेई को अब 5 साल का कठोर कारावास भुगतना होगा। इसके साथ ही उस पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। विजिलेंस ने एक ठेकेदार की शिकायत पर वर्ष 2018 में जेई को कमीशन की रकम लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था।
विजिलेंस हल्द्वानी में पुलिस उपाधीक्षक अनिल सिंह मनराल ने बताया कि रामड़ी छोटी फतेहपुर निवासी धीरेन्द्र सिंह पुत्र चतुर सिंह की मैसर्स बालीजी कंस्ट्रक्शन के नाम से फर्म है, जो ठेकेदारी के लिए लोक निर्माण विभाग में पंजीकृत है। 5 फरवरी 2018 में धीरेंद्र ने लोनिवि के जेई अमित गिरी निवासी दौलतपुर, पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार के खिलाफ गंभीर आरोप लगा। कहा, तब अमित गिरी लोनिवि पिथौरागढ़ में विद्युत यांत्रिक का जेई था।
पीड़ित ने इलेक्ट्रिकल एंड मेकैनिकल लोनिवि पिथौरागढ़ के साथ वर्ष 2017 में जीएचएस रोडीपाली पिथौरागढ़ में इलेक्ट्रिक कार्य किया था। कार्य पूरा करने के बावजूद जेई अमित गिरी ने कामों की एमबी नही की। 4 फरवरी 2018 को जेई अमित गिरी से धीरेंद्र की मुलाकात अधीक्षण अभियन्ता विद्युत/यांत्रिकी हल्द्वानी के कार्यालय में हुई। धीरेंद्र ने अपने कामों की एमबी करने को कहा तो अमित गिरी ने साफ शब्दों में कह दिया कि तुमने धामीगांव और खातीगांव काम का भी कमीशन मुझे नहीं दिया। पहले 8500 रुपए दो उसके बाद ही एमबी करूंगा।
गोपनीय जांच में विजिलेंस ने धीरेन्द्र सिंह की शिकायत सही मिलने पर ट्रैप टीम का गठित की। 9 फरवरी 2018 को जेई अमित गिरी को शिकायतकर्ता से 8500 रुपए लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में थाना उत्तराखंड सतर्कता अधिष्ठान में जेई अमित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। जिसकी विवेचना निरीक्षक अरूण कुमार ने की। अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने न्यायालय के समक्ष 13 गवाहों को परीक्षित कराए।
न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रथम/विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी नीलम रात्रा की अदालत ने 29 जनवरी को अमित गिरी को दोषी मानते हुए पांच वर्ष के कठोर कारावास और एक लाख रुपए अर्थदण्ड से दंडित किया। जुर्माना अदा न करने पर अमित को छः माह अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।