बनभूलपुरा की अगवा छात्राएं बरामद, दीदी, जीजा और मामा ने रचा षड्यंत्र

– बदायूं में आरोपी लड़के की बहन ने दी शरण, रुपये देकर भागने में की मदद और पुलिस को करते रहे गुमराह

Girl students kidnapped from Banbhulpura, DDC : बनभूलपुरा से नाबालिग छात्राएं लापता नहीं हुईं बल्कि उनके अपहरण की साजिश रची गई थी। छात्राओं को मुजफ्फरनगर से बरामद किया गया तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। पता लगा कि लड़कियों को ले जाने वाले नाबालिग लड़के ने अपनी बहन, जीजा और मामा के कहने पर लड़कियों का अपहरण किया। घटना के छठवें दिन पुलिस ने छात्राओं को दिल्ली ले जाते वक्त मुजफ्फरनगर से बरामद किया। अपहर्ताओं की योजना छात्राओं से शादी कर उनका धर्म परिवर्तन कराने की थी। मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी दिल्ली से मुंबई जाने वाले थे।

लड़कियों को टुकटुक से ले जाता दिखा था लड़का
बनभूलपुरा थाना क्षेत्र की 9वीं और 11वीं में पढ़ने वाली दोनों छात्राएं एक ही घर में रहती थीं। जिसमें से एक किराएदार थी। जो नाबालिग लड़का गुरुवार 20 जून को इन्हें अपने साथ ले गया, वो भी छात्राओं के घर के पास रहता है। पुलिस बहुउद्देशीय भवन में मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि छात्राओं की तलाश में चार टीमें लगाई गईं थीं। इन्हें हल्द्वानी बस अड्डे में देखा गया, जहां से आरोपी लड़का उन्हें ई-रिक्शा में बैठाकर मंगलपड़ाव ले जाता दिखा।

पुलिस से 20 मिनट आगे चल रहे थे आरोपी
सीसीटीवी और लड़कियों के मोबाइल की सीडीआर खंगाली गई तो लोकेशन मृदाटोला सहसवान बदायूं में मिली। जहां आरोपी लड़के की बहन निशा उर्फ नूरीन पत्नि उजैर उर्फ आसिफ रहती है। टीम यहां पहुंची, लेकिन सभी 20 मिनट पहले ही वहां से निकल चुके थे। निशा ने भागने के लिए आरोपी लड़के को दो हजार रुपये भी दिए। पुलिस ने पूछताछ की तो निशा और उसके पति उजैर ने लड़कियों के घर आने की बात छिपा ली। पुलिस के जाते ही निशा ने लड़के के मामा मो. अब्दुल शमी उर्फ भोला को सूचना दी।

गुमराह करते रहे दीदी, जीजा और मामा
जिसके बाद आरोपी लड़के की बहन, जीजा और मामा ने एक ओर पुलिस को गुमराह करना शुरू किया और दूसरी ओर से तीनों मुंबई भेजने की योजना बनाने लगे। पुलिस को पता लगा कि तीनों ट्रेन से बैठकर दिल्ली निकले हैं। टीम पीछे लगी और तीनों को रेलवे स्टेशन मंसूरपुर मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश से बरामद कर लिया। इनके साथ एक लड़का आमिल पुत्र अमीर हसन निवासी ग्राम बिहारी सिखेड़ा मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश भी था, जिसे पूछताछ के लिए पुलिस अपने साथ लाई है। जिसके बाद बहन, जीजा और मामा को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पता लगा कि आरोपी दोनों लड़कियों की शादी कराते और उनका धर्म परिवर्तन कराते।

पुलिस टीम पर इनाम की बौछार
खुलासे के बाद आलाधिकारियों ने टीम पर बौछार कर दी। डीजीपी ने टीम को 20,000, डीआईजी ने 5,000 और एसएसपी ने 2,500 रुपये इनाम की घोषणा की। टीम में बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी, एसओजी प्रभारी संजीत राठौर, भीमताल थानाध्यक्ष जगदीप नेगी, मंगलपड़ाव चौकी प्रभारी दिनेश जोशी, एसआई गौरव जोशी, एसआई फिरोज आलम, एसआई विरेंद्र चंद्र, एसआई अनिल कुमार, एसआई मनोज कुमार, हेड कांस्टेबल इशरार नवी, ललित श्रीवास्तव, कांस्टेबल राजेश बिष्ट, अरुण राठौर, नवीन राणा, संतोष बिष्ट, कारज सिंह, महबूब आलम, मुनेन्द्र, शिवम थे।

नाबालिग ने तोड़ दिया था सिम
नाबालिग लड़के को पता था कि पुलिस मोबाइल लोकेशन से उन्हें पकड़ सकती है। इस कारण उन्होंने बदायूं पहुंचते ही सिम तोड़ दिया। इसके बाद मोबाइल भी बंद कर दिया। इस कारण पुलिस तीनों नाबालिग को मैनुअल ढूंढती रही।

नाबालिको को गुमराह कर भगाने/संरक्षण देने वाले अभियुक्त
1-आमिल पुत्र अमीर हसन निवासी बिहारी सिखेडा जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश।
2-निशा उर्फ नूरीन पत्नि उजैर उर्फ आसिफ निवासी मृदाटोला सहसवान बदायूं उत्तर प्रदेश।
3-उजैर उर्फ आसिफ पुत्र हफीज अहमद निवासी मृदाटोला सहसवान बदायूं उत्तर प्रदेश।
4-अब्दुल समी उर्फ भोला  पुत्र अब्दुल रशीद  निवासी लाइन नंबर 17 बनभूलपुरा।
5- विधि का उल्लंघन करने वाला बालक।

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