Breaking News
छोटा कैलाश : भगवान शिव ने सतयुग में यहां रमाई थी धूनी, अनवरत है प्रज्जवलित
जमीन के लिए परिवार अपहरण, धमका कर दस्तावेज पर कराए दस्तखत
गले में रुद्राक्ष, महंगी बाइक और नाम शाहिद, नाम बदलकर किया दुष्कर्म
12 मीटर ऊंची और 500 वर्ग मीटर में फैली इमारतों के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र की आवश्यकता खत्म
अपराधियों को पकड़ने में हांफी, रील में रौला दिखा रही ‘खाकी’
जंगल में आग लगाने वाले जाएंगे जेल, सूचना देने वाले को 20 हजार का इनाम
आंगनबाड़ी में सड़ा अंडा खाकर पनप रहा देश का भविष्य
सीसीटीवी में दिखा एसटीएच से फरार रोहित, पुलिस की नजरों से है दूर
दादा ने दी फौजी पोते की चिता को दी मुखाग्नि, हल्द्वानी में हादसा और बागेश्वर में मातम

जीजा के बच्चे की मां बनी साली ने अपने भाई को फंसाया, भाई ने सुसाइड कर लिया

– जान जाने के बाद FSL रिपोर्ट से धुला दाग, चार साल बाद जीजा को 20 साल सजा

Rapist brother-in-law gets 20 years jail, DDC : नैनीताल के चर्चित मामले में चार साल न्यायालय का फैसला आया तो जीजा की गर्दन फंस गई। जीजा के अपनी नाबालिग साली से अवैध संबंध थे। इस संबंध से पैदा बच्ची को नाली में फेंककर पीड़िता ने अपने चचेरे भाई को फंसा दिया। अवसाद में भाई ने जान दे दी। चार साल बाद फैसला आया तो जीजा ही पीड़िता की बच्ची का जैविक पिता पाया गया। न्यायालय ने उसे 20 साल कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

पैदा होते ही नाली में जिंदा फेंक आई बच्ची
पीड़िता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि 6 फरवरी 2020 को सात नंबर क्षेत्र मल्ली ताल नैनीताल की एक नाली में नवजात बच्ची मिली थी। उसे पहले बीडी पांडे और फिर डा.सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। बच्ची की जान बच गई।

प्रसव के बाद बिगड़ी हालत तो खुली पोल
बच्ची को जन्म देने वाली 15 साल की लड़की की हालत बिगड़ी तो उसे भी डा.सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसके प्रसव की बात सामने आई और पीड़िता ने मान लिया कि नाली में मिली बच्ची उसी की है। उसने ही बच्ची को नाली में फेंका। साथ ही बताया कि बच्ची का पिता उसका चचेरा भाई है। चहेरे भाई के खिलाफ मल्लीताल थाने में केस दर्ज हुआ और स्पेशल जज पॉक्सो नंदन सिंह की कोर्ट में मुकदमा चला।

दो माह बाद भाई ने कर ली आत्महत्या
उसी वर्ष 17 अप्रैल को चचेरे भाई ने आत्महत्या कर ली। मृत्यु से पहले चहेरे भाई और नवजात बच्ची के रक्त का नमूना लेकर एफएसएल को भेज दिया गया था। आठवें माह में रिपोर्ट आई तो चचेरा भाई, बच्ची का जैविक पिता नहीं पाया गया। जिसके बाद मृतक के पिता ने अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर दोबारा जांच की मांग की। बताया कि पीड़िता के घर उसके सगे जीजा व अन्य लोगों आना-जाना है।

लड़की ने माना जीजा से थे अवैध सम्बन्ध
जिसके बाद जीजा का रक्त भी एफएसएल भेजा गया। एफएसएल रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया कि जीजा ही बच्ची का जैविक पिता है। लड़की ने भी माना कि उसके अपने सगे जीजा के साथ अवैध संबंध थे। इस मामले में अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने 10 गवाह परीक्षित कराए, जिसके आधार पर दुष्कर्मी जीजा को 20 साल कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।

मृतक के पिता ने भी लिखाया मुकदमा
नाबालिग लड़की ने अपने घर के पास ही नाली में नवजात को फेंका था। जब मामला खुला तो उस पर परिवार ने दबाव बनाया और आरोप चचेरे भाई पर लगाने को कहा। ताकि उसकी बड़ी बहन का घर बच जाए और परिवार की बदनामी भी न हो। हालांकि जब यह स्पष्ट हो गया कि चचेरे भाई का कोई दोष नहीं था तो उसके पिता ने घटना में शामिल सभी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top